स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव के समर्थन में आये संसदीय सचिव विकास, कहा – वैक्सीन राष्ट्रवाद के नाम पर लोगों को खतरे में डाल रही है भाजपा

रायपुर : छत्तीसगढ़ में चल रहे को-वैक्सीन विवाद में स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव को कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव और छत्तीसगढ़ में संसदीय सचिव विकास उपाध्याय का साथ मिला है। विकास उपाध्याय ने आज कहा, स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने को-वैक्सीन का छत्तीसगढ़ में इस्तेमाल नहीं करने का फैसला करके यहां के लोगों को उस खतरे से बचा लिया है, जो भविष्य की गर्त में छुपा हुआ है। विकास उपाध्याय ने कहा, भाजपा वैक्सीन राष्ट्रवाद के नाम पर देश के लोगों को खतरे में डाल रही है। जबकि वैक्सीन की विश्वसनीयता बनाए रखने के लिए पारदर्शी प्रक्रिया अपनाई जानी चाहिए थी। उन्होंने कहा, इन अनियमितताओं के जगजाहिर होने के बाद भी छत्तीसगढ़ भाजपा के तमाम नेता को-वैक्सीन को लेकर मोदी सरकार को खुश करने की बयानबाजी कर रहे हैं। इससे साफ जाहिर है कि उन्हें प्रदेश के लोगों की चिन्ता नहीं, बल्कि मोदी को खुश करने में ज्यादा रुचि है। विकास ने कहा, परीक्षण पूरा किये बिना वैक्सीन की सुरक्षा संदिग्ध है। विकास उपाध्याय ने कहा, को-वैक्सीन को लेकर भारत में तीसरे चरण के ट्रायल की समीक्षा हुई ही नहीं है। ऐसे में इसे लोगों पर इस्तेमाल करने की अनुमति कैसे दी जा सकती है।

परीक्षण के बिना अनुचित होगा इस्तेमाल

विकास उपाध्याय ने कहा, तीसरे चरण के ट्रायल में बड़ी संख्या में लोगों पर उस दवा को टेस्ट किया जाता है। उसके परिणामों से पता लगाया जाता है कि वह दवा कितने प्रतिशत लोगों पर असर कर रही है। उसके साइड इफेक्ट क्या हैं। जब यह प्रक्रिया पूरी ही नहीं हुई है, तो इस वैक्सीन का इस्तेमाल किया जाना निहायत ही अनुचित होगा।

कहा, को-वैक्सीन को रोककर न्याय कर रहे हैं सिंहदेव

संसदीय सचिव विकास उपाध्याय ने कहा, स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव जो विपरीत प्रभावों की आशंका के चलते पूरी सक्षमता के साथ को-वैक्सीन का इस्तेमाल नहीं होने देने को लेकर डटे हुए हैं। निश्चित तौर पर वे छत्तीसगढ़ के लोगों के साथ न्याय कर रहे हैं। विकास उपाध्याय ने कहा, सिंहदेव के फैसले ने प्रदेश के लाखों लोगों का जीवन बचाया है।

यह है छत्तीसगढ़ का को-वैक्सीन का विवाद

केंद्र सरकार ने कोरोना महामारी से बचाव के लिए चल रहे टीकाकरण कार्यक्रम में जिन दो टीकों को मंजूरी दी है उनमें सीरम इंस्टीस्च्यूट का कोविशील्ड और भारत बायोटेक का को-वैक्सीन शामिल है। को-वैक्सीन ने अभी तक क्लिनिकल ट्रायल का तीसरा चरण पूरा नहीं किया है। इसकी वजह से छत्तीसगढ़ के स्वास्थ्य विभाग ने इस वैक्सीन का टीकाकरण में इस्तेमाल नहीं करने का फैसला किया है। स्वास्थ्य मंत्री केंद्र सरकार को पत्र लिखकर ट्रायल के सकारात्मक नतीजे आने तक को-वैक्सीन नहीं भेजने का अनुरोध किया था। उसके बाद भी केंद्र सरकार ने दो खेपों में को-वैक्सीन की 72540 डोज भेज दिया है। पिछले दिनों स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन को पत्र लिखकर को-वैक्सीन नहीं भेजने का अनुरोध दोहराया था। उसके बाद से केंद्र सरकार और भाजपा भड़की हुई हैं।