DMF से स्वास्थ्य विभाग द्वारा खरीदे 13 रेफ्रीजनरेटर सेन्ट्रीफ्यूज मशीन निकले खराब ,वेंडर के खिलाफ भारतीय रेडक्रॉस सोसायटी ने की उच्च स्तरीय जांच की मांग ….

कोरबा। डी एम एफ से स्वास्थ्य विभाग द्वारा की गयी मशीनों की खरीदी से संबंधित उच्च स्तरीय जांच समिति के गठन हेतु कलेक्टर को भारतीय रेडक्रॉस सोसायटी ने ज्ञापन सौंपा है।

रेडक्रॉस सोसायटी ने बताया है कि उन्हें मीडिया के माध्यम से जानकारी मिल रही है कि जिला खनिज न्यास मद से मेडिकल कॉलेज सह जिला अस्पताल कोरबा के अलावा विभिन्न सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रो के लिए 38 मशीन की खरीदी जैम पोर्टल के माध्यम से की गयी। वेंडर की ओर से 38 मशीनों की आपूर्ति की गयी है। 38 मशीन में से 25 मशीन सही एवं 13 मशीन खराब पायी गयी है। इसमें रेडकास ब्लड बैंक के लिए खरीदी गयी मशीन, रेफिजनरेटर सेन्ट्रीफ्यूज मशीन प्रमुख है। वेंडर की ओर से इस मशीन की सप्लाई टूटी अवस्था में की गयी है। रेफ्रीजनरेटर सेन्ट्रीफ्यूज मशीन टूटा होने के कारण रेडक्रॉस सोसायटी के ब्लड बैंक में ब्लड कंपोनेंट को अलग करने का काम नहीं हो पा रहा है, जबकि रेडक्रॉस सोसायटी मरीजों को प्लाज्मा, प्लेटलेट्स, डब्ल्यूबीसी और आरबीसी उपलब्ध कराती है। यह काम कई सालों से रेफ्रीजनरेटर सेन्ट्रीफ्यूज के नहीं होने से शुरू नहीं हो पा रहा है। इससे मरीज परेशान हैं और उन्हे रक्त की घटक के लिए निजी ब्लड बैंक की दौड़ लगाने पड़ रही है। निजी ब्लड बैंक ज्यादा पैसे लेकर मरीजों को ब्लड उपलब्ध कराते हैं। डी.एम.एफ. से सामान खरीदने के बाद भी रेडक्रॉस सोसायटी के ब्लड बैंक को सही सामान उपलब्ध नहीं कराया गया है, जो गंभीर चिन्ता का विषय है।
38 मशीन में से 13 मशीनों का खराब होना, यह वेंडर के सप्लाई की गुणवत्ता पर सवाल खड़ा करता है।
भारतीय रेड क्रॉस सोसायटी, जिला शाखा – कोरबा (छ.ग.) के चेयरमेन रामसिंह अग्रवाल सहित अन्य पदाधिकारियों ने कलेक्टर से कहा है कि वे (कलेक्टर) रेडकास सोसायटी एवं जिला खनिज न्यास संस्था के अध्यक्ष हैं, मशीनों की खरीदी के लिए पैसा आपके द्वारा स्वास्थ्य विभाग को उपलब्ध कराया गया है। डी एम एफ की राशि का सही उपयोग हो और स्पेसीफिकेशन के अनुसार क्रय की गयी मशीनों की आपूर्ति सुनिश्चित करना आपका दायित्व है।
आपसे निवेदन है कि डी एम एफ से क्रय की गयी मशीनों की जांच के लिए एक उच्च स्तरीय छानबीन समिति का गठन आपकी अध्यक्षता में किया जाए। इसमें जिला प्रशासन के अधिकारियों के साथ-साथ स्वास्थ्य विभाग के डॉक्टर एवं मशीनों के एक्सपर्ट को शामिल किया जाए। मशीनों को जांचा-परखा जाए एवं आवश्यक कार्यवाही सुनिश्चित किया जाए।