कोरबा। जिले में संचालित एसईसीएल की दीपका परियोजना खदान के विस्तार के लिए प्रभावित गांव अमगांव/मलगांव की जमीन का फर्जी मुआवजा बनाने को लेकर चले आ रहे शिकवा शिकायतों और जांच के मध्य एक बड़ी खबर है कि विवादित बाबू मनोज गोभिल के परिवार के लोगों सहित पांच लोगों के विवादित मुआवजे को पूर्ण रूप से रद्द कर दिया गया है। इसी तरह दूसरा सर्वाधिक विवादित मुआवजा श्यामू जायसवाल के परिवार व रिश्तेदारों तथा परिजनों को लेकर है, जिस पर सीबीआई जांच का निराकरण होने तक पूर्ण रूप से मुआवजा वितरण पर रोक लगा दी गई है।
गौरतलब है कि दीपका विस्तार परियोजना से प्रभावित ग्राम मलगांव में भूमि अधिग्रहण और परिसंम्पतियाँ का मुआवजा निर्धारण को लेकर काफी शिकायतें होती रही हैं। एक बड़ी शिकायत एसडीएम कार्यालय के बाबू मनोज गोविल और उसके परिवार को लेकर चर्चित रही। मलगांव में उनके परिवार को लेकर बनाए गए पांच मुआवजा की खूब चर्चा होती रही और शिकवा शिकायतों के बीच खबर है कि यह सभी पांचों मुआवजा निरस्त करते हुए संबंधितों के विरुद्ध कार्रवाई करने हेतु प्रशासन की ओर से लिखे गए पत्र उपरांत एसईसीएल ने उनके मुआवजा को रद्द कर दिया है। इन पर SECL से फर्जी मुआवजा प्राप्त करने का प्रयास करने के मामले में एफआईआर दर्ज कराया जाना या नहीं करना यह SECL के अधिकारियों के विवेक के ऊपर निर्भर करता है।
जिनके मुआवजा रद्द किए गए हैं उनमें मुआवजा पत्रक के अनुसार मकान स्वामी प्रमोद कुमार पिता खिलावन लाल अधिसूचना के समय भूस्वामी सुमित्रा बाई पिता मालिक राम खसरा नंबर 542/ 3 रकबा 0.020 हेक्टर, नीलू पति प्रमोद कुमार शासकीय भूमि खसरा नंबर 558/1 रकबा 16.147 हेक्टर, इसी खसरा और इतने ही रकबा में नीलम पति रविंद्र, बरातु पिता मुखी राम (कोटवार) दीपका, विमला देवी पति गौरी शंकर सभी की खसरा नंबर 558/1 रकबा 16.147 हेक्टर शासकीय भूमि का मुआवजा फर्जी तरीके से बनवाया गया था। इनका मुआवजा पत्रक फरवरी 2024 में तैयार किया गया जिसमें संबंधितों के हस्ताक्षर व सील भी लगाए गए। उपरोक्त सभी पांचो मुआवजा को निरस्त कर दिया गया है और प्रशासन के सूत्र ने बताया कि इन्हें भविष्य में उपरोक्त भूमि का कोई भी मुआवजा प्राप्त नहीं होगा।
तत्कालीन महिला एसडीएम की भूमिका सहित शिकायत
प्रधानमंत्री से लेकर एसडीएम स्तर पर शिकायत हुई थी कि ग्राम मलगांव पोस्ट चैनपुर तहसील दीपका के मकान एवं परिसम्पत्तियों का लगभग 2 वर्ष पूर्व नापी सर्वे किया गया था जिसमें अपरिहार्य कारण से कुछ भू-स्वामी मकान मालिकों का नापी सर्वे नहीं हो पाया था। राज्य शासन एवं एसईसीएल की संयुक्त नया टीम द्वारा नवम्बर 2023 में छुटे हुए भू-स्वामी मकान मालिकों का सर्वे नापी किया गया जिसमें कटघोरा के तत्कालीन महिला एसडीएम के द्वारा फर्जी मकान नापी कराया गया तथा भू-अभिलेख कटघोरा में पदस्थ बाबू मनोज कुमार गोभिल के द्वारा अपने रिश्तेदारों के नाम से करोड़ो रूपये का मुआवजा बनाया गया जिसमें पटवारी विकास जायसवाल के द्वारा दीपका कोटवार बरातू राम वल्द मुखीराम के नाम से फर्जी मुआवजा तैयार किया गया तथा इन अधिकारियों के द्वारा ग्राम मलगांव के गरीब ग्रामीणों का मुआवजा राशि में कटौती कर दिया गया है, जिससे ग्रामीणों को भारी आर्थिक क्षति पहुंचा है। उक्त व्यक्तियों के नाम पर बनी मुआवजा राशि की जांच कर दोषियों पर कड़ी कार्यवाही किया जावे तथा ग्राम मलगांव के गरीब ग्रामीणों के कटा मुआवजा राशि में सुधार किया जावे।
0 श्यामू की CBI जांच का इंतजार
इसी प्रकार श्रमिक नेता व ट्रांसपोर्टर श्यामू जायसवाल का नाम भी फर्जी मुआवजा बनवाने के मामले में सवालों के घेरे में रहा है, हालांकि उनके यहां एक शिकायत के बाद सीबीआई ने दबिश दी और आवश्यक जांच पड़ताल की। इनकी जांच अभी भी जारी है।नइनके दीपका-गेवरा में परिसंपत्तियों का हवाला देते हुए बनवाए गए फर्जी मुआवजा को फिलहाल रोक दिया गया है। प्रशासनिक सूत्र ने बताया है कि एक भी भुगतान इन्हें नहीं किया गया है व सीबीआई की जांच पूर्ण हुए बिना किसी भी तरह का भुगतान इन्हें नहीं किया जाएगा। श्यामू जायसवाल के मामले में जिनका मुआवजा
को लेकर शिकायत होती रही है उसमें खुशाल जायसवाल, अनुभव जायसवाल, अर्पिता जायसवाल, प्रथम जायसवाल, ओम प्रकाश जायसवाल, रजनी शुक्ला, अर्पिता जायसवाल, सिद्धार्थ जायसवाल, प्रदीप कुमार जायसवाल, रेखा जायसवाल, केदारनाथ मोगरे, रेणुका मोगरे, संदीप जायसवाल, आलोक जायसवाल, हीरामणि जायसवाल, खुशाल जायसवाल व प्रीति जायसवाल शामिल हैं।
0 प्रशासन ने कार्रवाई की,एसईसीएल पर निगाह
आरोप लगता रहा है कि उनके द्वारा दूसरों का मुआवजा में कटौती करवा कर अपना फर्जी मुआवजा बढ़वाकर बनवाया गया है। प्रशासनिक पड़ताल के दौरान इस बात से इनकार नहीं किया गया है कि ज्यादा मुआवजा के लालच में नया निर्माण कराया जाकर इसे पुराना दर्शाते हुए फर्जीवाड़ा किया और कराया गया है। फिलहाल दीपका विस्तार परियोजना क्षेत्र में चर्चित मनोज गोविल के फर्जी और श्यामू जायसवाल परिवार के मुआवजा को लेकर प्रशासनिक कार्रवाई तो कर दी गई है, किन्तु अब देखना यह है कि एसईसीएल को अंधेरे में रखकर एवं विभिन्न विभाग के अधिकारियों से सील ठप्पा लगवा कर उनके हस्ताक्षर करवा कर पत्रक के जरिये फर्जी मुआवजा हासिल करने का जो षड्यंत्र सोची समझी साजिश की तहत रचा गया था, उस पर एसईसीएल क्या कार्रवाई संबंधित लोगों पर करता है? यह तो शिकायत करने वालों की सजगता काम आई, वरना आँख मूंदकर SECL करोड़ों का मुआवजा फर्जी प्रकरणों में भेज देता।
साभार सत्य संवाद 🙏