ऑपरेशन सिंदूर :तीनों भारतीय सेना प्रमुखों की संयुक्त प्रेस कांफ्रेंस ,कहा -पाकिस्तानी सेना को पहुंची बड़ी क्षति ,35 -40 सैनिक ,100 आतंकी हुए ढेर

नई दिल्ली। भारतीय सेना, वायुसेना और नौसेना ने रविवार शाम एक संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस में ऑपरेशन सिंदूर और भारत-पाकिस्तान सीमा पर ताज़ा स्थिति पर महत्वपूर्ण अपडेट साझा किए।

प्रेस कॉन्फ्रेंस का नेतृत्व लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई (DGMO, भारतीय सेना), एयर मार्शल एके भारती (DG एयर ऑपरेशंस, वायुसेना), और वाइस एडमिरल एएन प्रमोद (DG नेवल ऑपरेशंस, नौसेना) ने किया।

O नौ आतंकी शिविरों को हमले के लिए चुना गया, 100 से अधिक आतंकी ढेर

सेना के अधिकारयों ने तस्वीरों के साथ विस्तार से बताया कि स्ट्राइक से पहले के हालात कैसे थे और सेना की कार्रवाई के बाद का मंजर कैसा है। उन्होंने बताया कि भारत की जवाबी कार्रवाई के डर से कुछ आतंकी ठिकाने खाली हो गए। ऑपरेशन सिंदूर के लिए सोच-विचार कर नौ आतंकी शिविरों को हमले के लिए चुना गया। 100 से ज्यादा आतंकी मारे गए। कंधार विमान अपहरण में शामिल रऊफ अजहर जैसे हाई वैल्यू टारगेट यानी वांटेड आतंकी को भी खत्म कर दिया।

O ऑपरेशन सिंदूर और पाकिस्तानी नुकसान

लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई ने बताया कि 22 अप्रैल 2025 को पहलगाम आतंकी हमले (जिसमें 26 लोग मारे गए) के जवाब में शुरू किए गए ऑपरेशन सिंदूर में भारतीय सेना ने 6-7 मई को पाकिस्तान और PoK में 9 आतंकी ठिकानों पर सटीक एयर स्ट्राइक की। इन हमलों में पाकिस्तानी सेना को “भारी नुकसान” हुआ, जिसमें 35-40 सैनिकों और अधिकारियों के मारे जाने की पुष्टि की गई। इसके अलावा, लाहौर में पाकिस्तान का एक प्रमुख एयर डिफेंस सिस्टम (HQ-9), चार वायु रक्षा स्थल, और तीन लड़ाकू जेट नष्ट किए गए। भारतीय हमलों में केवल सैन्य और आतंकी ठिकाने निशाना बनाए गए, न कि नागरिक क्षेत्र।

O पाकिस्तान के हमलों का यूं दिया जवाब

DGMO राजीव घई ने बताया कि पाकिस्तान ने 9 मई को जम्मू सेक्टर में सीजफायर का उल्लंघन किया और 11 मई को बारामूला से भुज तक 26 ड्रोन हमलों की कोशिश की, जिन्हें भारतीय वायु रक्षा प्रणालियों (S-400 सहित) ने नाकाम कर दिया। जवाबी कार्रवाई में भारतीय सेना ने नियंत्रण रेखा (LoC) और अंतरराष्ट्रीय सीमा पर पाकिस्तानी सैन्य चौकियों को निशाना बनाया, जिससे उनके सैन्य ढांचे को और नुकसान पहुंचा।

O पाकिस्तानी दावों का खंडन

पाकिस्तान ने दावा किया कि उनके हमलों में भारतीय सेना को नुकसान हुआ और पांच भारतीय जेट्स को मार गिराया गया। भारतीय अधिकारियों ने इन दावों को पूरी तरह खारिज करते हुए कहा कि कोई भी भारतीय विमान या सैन्य सुविधा को नुकसान नहीं पहुंचा। पाकिस्तान ने यह भी दावा किया कि भारतीय हमलों में 31 नागरिक मारे गए, जिसमें मसूद अजहर के परिवार के 10 सदस्य शामिल थे। भारतीय सेना ने इन आरोपों को “झूठा प्रचार” करार देते हुए कहा कि उनके हमले आतंकवाद विरोधी थे और नागरिकों को निशाना नहीं बनाया गया।

O ताज़ा स्थिति और भारत की तैयारी

प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया गया कि भारत-पाकिस्तान सीमा पर तनाव बना हुआ है। 32 हवाई अड्डों पर 15 मई तक नागरिक उड़ानें बंद हैं। लेफ्टिनेंट जनरल घई ने जोर देकर कहा कि आतंकवाद को खत्म करने के लिए भारतीय सेना को “फ्री हैंड” दिया गया है और किसी भी आक्रामकता का मुंहतोड़ जवाब दिया जाएगा।

इस सैन्य कार्रवाई में 100 से अधिक आतंकवादी मारे गए, जिनमें कई शीर्ष आतंकी कमांडर भी शामिल हैं. यह जानकारी रविवार को आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में भारतीय सेना के DGMO लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई ने दी.

DGMO ने बताया कि मारे गए आतंकियों में यूसुफ अजहर, अब्दुल मलिक रऊफ और मुदासिर अहमद जैसे कुख्यात आतंकवादी शामिल हैं, जो IC-814 विमान अपहरण और पुलवामा आतंकी हमले जैसे मामलों में शामिल थे. उन्होंने कहा कि भारतीय वायुसेना की कार्रवाई सर्जिकल, सटीक और पूरी तरह योजनाबद्ध थी.

लेफ्टिनेंट जनरल घई ने कहा कि आप सभी उस क्रूरता से परिचित हैं जिसमें 22 अप्रैल को 26 निर्दोष नागरिकों की हत्या कर दी गई थी. देश के सैनिकों और नागरिकों पर हाल के हमलों ने यह स्पष्ट कर दिया था कि भारत को अब आतंकवाद के खिलाफ एक और कड़ा संदेश देना है.

उन्होंने बताया कि ऑपरेशन सिंदूर का उद्देश्य आतंक के मास्टरमाइंड्स और उनके बुनियादी ढांचे को नष्ट करना था. भारत का यह संदेश साफ है कि आतंकवाद के खिलाफ अब केवल बयान नहीं, सैन्य कार्रवाई ही जवाब होगा.

PoK में आतंकी ढांचे को भारी क्षति

DGMO के अनुसार, हमलों के दौरान पाकिस्तान की ओर से नियंत्रण रेखा पर उल्लंघन की भी कोशिश की गई. उन्होंने बताया कि पाकिस्तान की प्रतिक्रिया घबराहट और असमंजस से भरी हुई थी. उसने गांवों, धार्मिक स्थलों और गुरुद्वारों को निशाना बनाकर यह साबित किया कि उसकी प्रतिक्रिया बिना दिशा के थी, जिसमें कई निर्दोष नागरिकों की जान गई.

इस ऑपरेशन में भारतीय वायुसेना ने आतंकी ठिकानों पर हमले की मुख्य भूमिका निभाई, जबकि भारतीय नौसेना ने मिशन के लिए सटीक हथियार प्रणाली उपलब्ध करवाई. DGMO ने बताया कि वायुसेना के लड़ाकू विमान आसमान में तैनात रहे और अभियान के दौरान वास्तविक समय की निगरानी और लक्ष्य निर्धारण किया गया.

हमले के डर से कुछ आतंकी ठिकाने हो गए थे खाली

डीजीएमओ लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई कहा कि सीमा पार के आतंकी परिदृश्य पर बहुत ही मेहनत और सूक्ष्मता से पहचान शुरू हुई और आतंकी शिविरों और प्रशिक्षण स्थलों की पहचान की गई. कई जगहें सामने आईं, लेकिन जैसे-जैसे हमने और विचार-विमर्श किया, हमें एहसास हुआ कि इनमें से कुछ आतंकी केंद्र अब मौजूद नहीं थे और हमसे प्रतिशोध के डर से पहले ही खाली कर दिए गए थे.

उन्होंने कहा कि इसके अलावा एक संदर्भ अवधि और हमारे अपने बाध्यकारी स्व-लगाए गए प्रतिबंध भी थे कि केवल आतंकवादियों को ही निशाना बनाया जाए और इस तरह से होने वाले नुकसान को रोका जाए. नौ शिविर थे जिनसे आप सभी अब परिचित हैं, जिनकी पुष्टि हमारी विभिन्न खुफिया एजेंसियों ने की थी कि वे बसे हुए हैं. इनमें से कुछ पीओजेके में थे, जबकि कुछ अन्य पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में स्थित थे. मुरीदके जैसे नापाक स्थान, लश्कर-ए-तैयबा का केंद्र, पिछले कई वर्षों से अजमल कसाब और डेविड हेडली जैसे कुख्यात लोगों को जन्म देता रहा है.

जिन बड़े आतंकियों को सेना ने मार गिराया…

यूसुफ अजहर: आईसी-814 अपहरण मामले का मास्टरमाइंड यूसुफ अजहर जैश-ए-मोहम्मद के लिए हथियार प्रशिक्षण का काम करता था और जम्मू-कश्मीर में कई आतंकवादी हमलों में शामिल था। गृह मंत्रालय (एमएचए) द्वारा अधिसूचित आतंकवादियों की सर्वाधिक वांछित सूची में उसका नाम 21वें नंबर पर था.

अब्दुल रऊफ अजहर: जैश-ए-मोहम्मद के संस्थापक मसूद अजहर का छोटा भाई अब्दुल रऊफ अजहर भारत में कई आतंकी हमलों के पीछे था. 1974 में पाकिस्तान में जन्मे अजहर ने इंडियन एयरलाइंस के विमान आईसी 814 के अपहरण की साजिश रची थी. 24 दिसंबर, 1999 को पांच नकाबपोश आतंकवादियों ने दिल्ली जाने वाले विमान का अपहरण कर लिया. विमान को अंततः अफगानिस्तान के कंधार ले जाया गया, जिस पर तालिबान का शासन था. अपहरण के परिणामस्वरूप भारत में जेल में बंद तीन खूंखार आतंकवादियों – अहमद उमर सईद शेख, मुश्ताक जरगर और मसूद अजहर – को अपहृत इंडियन एयरलाइंस के विमान के लगभग 150 यात्रियों के बदले रिहा कर दिया गया.

अहमद उमर सईद शेख पाकिस्तान में संयुक्त राज्य अमेरिका के पत्रकार डेनियल पर्ल की हत्या में शामिल था. मसूद अजहर ने अपनी रिहाई के बाद जैश-ए-मोहम्मद समूह की स्थापना की. अपहरण के परिणामस्वरूप भारत में जेल में बंद तीन खूंखार आतंकवादियों – अहमद उमर सईद शेख, मुश्ताक जरगर और मसूद अजहर – को अपहृत इंडियन एयरलाइंस की उड़ान के लगभग 150 यात्रियों के बदले रिहा कर दिया गया. अहमद उमर सईद शेख पाकिस्तान में संयुक्त राज्य अमेरिका के पत्रकार डेनियल पर्ल की हत्या में शामिल था. मसूद अजहर ने अपनी रिहाई के बाद जैश-ए-मोहम्मद समूह की स्थापना की.

मुदासिर अहमद: ऑपरेशन सिंदूर के तहत सेना ने

पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर के नौ आतंकी ठिकानों पर हमला बोला था. इस हमले में नामी आतंकी मुदासिर अहमद को सेना ने मार गिराया था. मुदासिर अहमद पुलवामा हमले सहित कई आतंकी हमले में शामिल था.