खेल। साउथ अफ्रीका ने ऑस्ट्रेलिया को WTC फाइनल में 5 विकेट से रौंदकर 27 साल बाद ICC ट्रॉफी जीत ली है. एडन मार्करम (136) और तेंबा बावुमा (66) की 147 रनों की ऐतिहासिक साझेदारी के दम पर साउथ अफ्रीका ने दूसरी इनिंग में 282 रन के टारगेट को आसानी से चेज कर लिया.

इससे पहले अंतिम बार साउथ अफ्रीका ने 1998 में ICC नॉकआउट कप (Champions Trophy) जीता था. लॉर्ड्स में हुए इस मुकाबले के असली नायक एडन मार्करम रहे, जिन्होंने दूसरी इनिंग के अंत तक एक छोर संभाले रखा. जब टीम को जीत के लिए सिर्फ 6 रन चाहिए थे, तब वह आउट हो गए. उनकी इस इनिंग को अब साउथ अफ्रीका क्रिकेट इतिहास की सबसे यादगार इनिंग के रूप में याद रखा जाएगा.
अंत तक डटे रहे मार्करम 👇

दरअसल, ऑस्ट्रेलिया ने WTC फाइनल के तीसरे दिन वापसी करते हुए 73 रन पर 7 विकेट गंवाने के बावजूद 207 रन बना लिए थे. पहली पारी में मिली 74 रन की बढ़त के बाद टीम की कुल बढ़त भी 281 रनों की हो गई थी. लेकिन, पहली इनिंग में शून्य बनाने वाले एडन मार्करम भी ठान कर आए थे. जो अब तक टीम के लिए कोई बैटर नहीं कर सका है. वो मैं करके दिखाऊंगा. उन्होंने शुरुआत से ही एक छोर संभाल लिया. जब वो बैटिंग करने उतरे साउथ अफ्रीका को तीन सेशन खेेलना था. लेकिन, वो हड़बड़ाए नहीं. रेयान रिकल्टन 6 रन ही जोड़ सके. मुुुुल्डर ने कुछ देर उनका साथ दिया. लेकिन, वो भी 27 रन बनाकर आउट हो गए. अब टीम को एक लंबी पार्टनरशिप की जरूरत थी. कप्तान बावुमा क्रीज पर उतरे. हालांकि, जब वो दो रन पर ही थे. उन्होंने स्लिप में खड़े स्मिथ को आसान कैच का मौका दे दिया. लेकिन, स्मिथ तैयार नहीं थे. उन्होंने कैच ड्रॉप कर दिया. बावुमा ने इसके बाद कोई मौका नहीं दिया. उन्होंने मार्करम के साथ 143 रन की पार्टनरशिप कर मैच में साउथ अफ्रीका की वापसी करा दी. मार्करम ने इस दौरान अपनी सेंचुरी, और बावुमा ने हाफ सेंचुरी पूरी कर ली. तीसरे दिन स्टंप्स तक दक्षिण अफ्रीका ने 213 रन बना लिए. चौथे दिन का खेल जब शुरू हुआ तब भी साउथ अफ्रीका को 69 रन की दरकार थी. टीम ने बावुमा का विकेट बहुत जल्द गंवा दिया. लेकिन, मार्करम नहीं हड़बड़ाए. वह अंत तक डटे रहे. जब टीम को जीत के लिए 6 रन चाहिए थे. मार्करम हेड को कैच थमा बैठे. हालांंकि, वेरेने ने अंत में चौका लगाकर साउथ अफ्रीका को 27 साल बाद चैंपियन बना दिया.
जानें मैच में क्या हुआ?👇
मैच की बात करें तो, टॉस जीतकर साउथ अफ्रीका ने बॉलिंग चुनी. कगिसो रबाडा के फाइफर के कारण ऑस्ट्रेलिया 212 रन पर ही सिमट गई. लेकिन, कप्तान पैट कमिंस ने 6 विकेट लेकर साउथ अफ्रीका को 138 पर ही रोक दिया. दूसरी इनिंग में फिर रबाडा ने 4 विकेट चटकाए और ऑस्ट्रेलिया को 207 पर ऑलआउट कर दिया. अब साउथ अफ्रीका को 282 रनों का टारगेट मिला. लेकिन, मार्करम और कप्तान बावुमा ने समझदारी भरी बैटिंग कर टीम को टारगेट के करीब पहुंचाया. और साउथ अफ्रीका ने 5 विकेट से ये मैच अपने नाम कर लिया.
15 साल बाद ICC फाइनल में ऑस्ट्रेलिया को मिली हार 👇
ऑस्ट्रेलिया, जो पुरुष क्रिकेट में सबसे सफल टीम मानी जाती है, ने ICC टूर्नामेंट्स में 10 बड़े खिताब जीते हैं. इनमें 6 वनडे विश्व कप, 2 चैंपियंस ट्रॉफी, 1 WTC और 1 टी20 विश्व कप शामिल हैं. लेकिन इस बार बैगी ग्रीन्स को दक्षिण अफ्रीका के सामने घुटने टेकने पड़े. ICC फाइनल में ऑस्ट्रेलिया की यह केवल चौथी हार है.
पहली हार 1975 में वेस्टइंडीज के खिलाफ वनडे विश्व कप फाइनल में मिली थी, जब लॉर्ड्स में उन्हें 17 रनों से हार का सामना करना पड़ा. दूसरी हार 1996 में श्रीलंका के खिलाफ लाहौर में 7 विकेट से मिली. तीसरी हार 2010 टी20 विश्व कप में इंग्लैंड के खिलाफ थी. अब दक्षिण अफ्रीका इस सूची में शामिल हो गया है.
पैट कमिंस के लिए चुनौती 👇
पैट कमिंस के लिए यह हार एक बड़ा झटका है. उनकी कप्तानी में ऑस्ट्रेलिया ने 2021-2023 WTC और 2023 वनडे विश्व कप जीता था. लेकिन इस हार ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं. क्या ऑस्ट्रेलिया मौजूदा टीम के साथ आगे बढ़ेगा या यह हार एक नए युग की शुरुआत होगी?
27 साल पहले जीता था ICC TROPHY 👇
यह इतिहास में पहला मौका रहा, जब दक्षिण अफ्रीका किसी भी फॉर्मेट में पहली बार विश्व चैंपियन रहा, तो वहीं उसने 27 साल बाद कोई ICC टूर्नामेंट जीता. इससे पहले उसने साल 1998 में कोई बड़ा आईसीसी टूर्नामेंट जीता था, जब उसने चैंपियंस ट्रॉफी का खिताब जीता था. बहरहाल, इस बार दक्षिण अफ्रीकी नहीं चूकी और उसने गत चैंपियन कंगारुओं को मात देते हुए पहली बार टेस्ट चैंपियनशिप अपने नाम कर ली. चलिए आप फाइनल मुकाबले के उन 4 सबसे बड़े ‘पंच’ के बारे में जान लीजिए, जिनसे दक्षिण अफ्रीका ने कंगारुओं को पस्त कर दिया.
- कैगिसो रबाडा का कहर 👇

दो राय नहीं कि फाइनल में पहले ही दिन से दक्षिण अफ्रीका के लिए टोन सेट करने का काम उसके उस स्टार पेसर कैगिसो रबाडा ने किया, जो पिछले दिनों डोप टेस्ट में विफल होने के कारण आईपीएल में नहीं खेल सका. रबाडा ने पहली पारी में 5 सहित मैच में 9 विकेट चटकाकर कंगारू बल्लेबाजों को एकदम हत्थे से उखाड़ दिया. और उनका प्रदर्शन दक्षिण अफ्रीका की ऐतिहासिक जीत में एक बड़ी वजह रहा
- दीवार बन गए मार्करम👇


पहली पारी में दक्षिण अफ्रीकी ओपनर मार्करम खाता भी नहीं खोल सके थे, लेकिन जब टीम को सबसे ज्यादा जरूरत थी, तब इस बल्लेबाज ने हाथ खड़ा करते हुए ऐसी 136 रन की पारी खेली, जिसे आने वाले कई सालों तक याद रखा जाएगा. दूसरी पारी में मानो वह कंगारुओं और जीत के बीच दीवार बन गए. मार्करम के अड़ियल रवैये ने एक छोर पूरी तरह संभाले रखा और दक्षिण अफ्रीका की जीत को सुनिश्चित किया. और इस पारी ने उन्हें प्लेयर ऑफ द मैच भी बना दिया.
- टेंबा बावुमा की कप्तानी पारी 👇



यह सही है कि दक्षिण अफ्रीकी कप्तान टेंबा बवुमा शतक पूरा नहीं कर सके, लेकिन यह एकदम सही है कि दक्षिण अफ्रीका की जीत का एक बड़ा आधार उनके और मार्करम के बीच तीसरे विकेट के लिए 147 रन की साझेदारी रही. इस साझेदारी ने कंगारुओं के लगातार दूसरी बार वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप जीतने के सपने को तार-तार कर दिया. और इस पार्टनरशिप में बावुमा की 5 चौकों से खेली गई 66 रन की पारी बहुत ही अहम रही. यह साझेदारी कंगारुओं को पस्त करने में एक बड़ा पंच साबित हुई.
- जानसेन और एंगिडी ने भी दिखाया दम 👇
जहां रबाडा और मार्करम ने अपने प्रदर्शन से दक्षिण अफ्रीकी टीम को फ्रंटफुट पर रखा, तो इनका साथ माको जानसेन और लुंगी एंगिडी ने भी पूरा-पूरा दिया. पहली पारी में लेफ्टी जानसेन ने 3 विकेट चटकाए, तो दूसरी पारी में कंगारू 207 पर ही सिमट गए, तो इसमें लुंगी एंगिडी ने स्मिथ सहित तीन अहम विकेट चटकाए.