देवपहरी की उफनती नदी में आधी रात देवदूत बनकर उतरे ग्रामीण -पुलिस ,रेस्क्यू कर बचाए 5 जिंदगी ….

प्रतिबंध के बावजूद घूमने गए 5 युवक -युवतियाँ तेज बहाव के बीच फंस गए थे

कोरबा। जिले के पर्यटन स्थल देवपहरी में सोमवार को पिकनिक मनाने गए दो युवक और तीन युवतियों की जान पर उस समय आफत आ गई जब अचानक जलस्तर तेजी से बढ़ गया। पहाड़ ऊपर से पानी बढ़ने के कारण चोरनई नदी पूरे उफान पर आ गई। इधर, 5 लोगों के फंसे होने की सूचना मिलते ही पुलिस और प्रशासन ने ग्रामीणों के सहयोग से संयुक्त रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया। देर रात करीब डेढ़ बजे तक सभी लोगों को बाहर निकाला जा सका।

हालांकि तेज धार और लगातार बढ़ते जलप्रवाह ने बचाव कार्य में काफी मुश्किलें खड़ी कीं, लेकिन टीम ने स्थानीय ग्रामीणों बिरिच राम, मसत राम,कृष्णा दास,विजय सारथी आदि के सहयोग से सभी पांचों लोगों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया।
रस्सा के सहारे तेज बहाव में डटे रहकर सभी को सहयोग देते हुए यह सांस रोक देने वाला रेस्क्यू सफल किया गया। इस साहसिक अभियान के बाद परिजनों, ग्रामीणों और प्रशासन ने राहत की सांस ली।
इस घटना ने एक बार फिर यह सवाल खड़ा कर दिया है कि आखिर लोग प्रशासन की बार-बार के चेतावनी के बाद भी आदेशों को नजरअंदाज क्यों कर रहे हैं? प्रशासन ने ऐसे जोखिम भरे पर्यटन स्थलों पर जाने से मना किया है, फिर भी कई लोग आदेशों को अनदेखा कर अपनी और दूसरों की जान खतरे में डाल रहे हैं।

प्रतिबंध के बावजूद नहीं आ रहे हरकतों से बाज ,बढ़ाते हैं खुद और प्रशासन की मुसीबत

15 जून से 15 अक्टूबर तक बाद सभी जल प्रपात स्थलों पर आमजन का प्रवेश प्रतिबन्धित रहता है। वर्षाकाल होने की वजह से इस दौरान इन स्थलों पर जलप्रवाह तेज होने के कारण बाढ़ के हालात निर्मित होने के आसार रहते हैं । लिहाजा सुरक्षा की दृष्टि से जल प्रपात स्थलों पर आमजन का प्रवेश इस अवधि में निषेध रहता है। बकायदा इसकी सूचना भी जल प्रपात स्थलों पर जारी की जाती है। जिला प्रशासन भी हर साल मीडिया समेत अन्य माध्यमों से आमजन को इस अवधि में जल प्रपात स्थलों पर न जाने की सलाह और अनुरोध जारी करता है। बावजूद इसके लगातार बारिश में लोग तमाम सुरक्षा चेतावनी निर्देशों की धज्जियां उड़ाकर सेल्फी ,मस्ती के चक्कर में जल प्रपात स्थलों के डेंजर पॉइंट पर जाने की मोह नहीं छोड़ते । नतीजन खुद की जिंदगी भी मुसीबत में डालते हैं साथ ही जिला प्रशासन के लिए भी मुसीबत खड़ी रहती है। ऐसे मामले आने पर रेस्क्यू आदि अभियान में समय ,धन एवं श्रम की हानि होती है । आमजन को इन सबसे बचने जागरूकता का परिचय देना चाहिए।