कोरबा -पाली । देश की आजादी के 7 दशक बाद भी जिले के कई गांव आज भी सड़क जैसी बुनियादी सुविधाओं से दूर हैं। जिले के पाली ब्लॉक के
ग्राम बारीउमरांव के आश्रित ग्राम जलहल में एक ऐसी तस्वीर सामने आई है, जो सरकार की सड़क निर्माण की दावों की पोल खोलती है। हाल ही में वर्षा के दौरान आंगनबाड़ी महिला तरसीला एक साजा पेड़ के नीचे रुकी थी इस दौरान पेड़ टूटने की आवाज सुनाई दी इधर उधर देखने लगी तब तक पेड़ उन्हीं के ऊपर गिर गई जिससे कमर की हड्डी टूट गई थी,इसकी जानकारी परिजनों को मिलने पर अस्पताल पहुंचाने के लिए ग्रामीणों ने अपनी जान जोखिम में डालकर मरीज को चारपाई पर लिटाकर 5 किमी पैदल चलकर सड़क में खड़ी वाहन तक पहुंचाया।

एक तरफ सरकार गांव-गांव तक सड़क बनाने की ढिंढोरा पीट रही है, लेकिन हकीकत कुछ और ही बयां करती है। जलहल गांव में आज तक पक्की सड़क नसीब नहीं हुई यहां के ग्रामीण आज भी चट्टान पत्थर , ऊबड़खाबड़ पगडंडी रास्ते से होकर आवागमन करते है इन्हें दैनिक जीवन में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। ग्रामीणों को अपने गांव से बाहर निकलने के लिए काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ता है। सड़कें खराब होने के कारण एंबुलेंस और अन्य वाहन गांव के अंदर तक नहीं पहुंच सकते। इससे मरीजों को समय पर इलाज नहीं मिल पाता और उनकी जान जोखिम में पड़ जाती है।
बरसात के दिनों में परेशानी👇

राजू मिंज जलहल निवासी का कहना है बरसात के दिनों में सड़कें खराब होने से लोगों को अपने गांव से बाहर निकलने में काफी मुश्किलें होती हैं। मरीजों को अस्पताल पहुंचाने में भी काफी परेशानी होती है, जैसा कि हाल ही आंगनबाड़ी कार्यकर्ता महिला की पेड़ गिरने से कमर टूट गई थी, जिसे अस्पताल पहुंचाने के लिए चारपाई पर लिटाकर पैदल चलकर सड़क तक पहुंचाया।
पक्की सड़क मार्ग की कमी👇

जलहल निवासी लक्ष्मण खलखो ने बताया कि उनके गांव में पक्की सड़क मार्ग नहीं होने की वजह से लोगों को कई समस्याओं का सामना करना पड़ता है। सबसे ज्यादा कठिनाई बरसात के दिनों में होती है, जब सड़कें खराब हो जाती हैं और लोगों को अपने दैनिक जीवन में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है।