CG :बस्तर संभाग में बाढ़ का कहर ,काल के गाल में समा गईं 5 जिंदगियां ,2 हजार से अधिक प्रभावित राहत शिविर में ठहराए गए

0 जापान दौरे में गए CM साय ने सहायता,,आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध कराने दिए निर्देश ,जनता से की यह अपील

जगदलपुर -दंतेवाड़ा -सुकमा-बीजापुर । छत्तीसगढ़ के बस्तर संभाग के 4 जिलों बीजापुर, सुकमा, दंतेवाड़ा और बस्तर में बाढ़ ने जमकर कहर बरपाया है । इन जिलों में बाढ़ से जनजीवन बुरी तरह प्रभावित हुआ है। बाढ़ में 5 जिंदगियां काल के गाल में समा गई हैं । वहीं 2 हजार से अधिक लोग प्रभावित हुए हैं। जिन्हें शिविरों में शरण दी गई है। राहत और बचाव कार्य तेजी से जारी है।

👉CM साय ने अधिकारियों को दिए निर्देश

वहीं CM साय ने जापान दौरे के बीच बाढ़ की स्थिति की जानकारी ली।।उन्होंने
फोन पर अधिकारियों से की बात और राहत बचाव के कार्यों को लेकर दिए आवश्यक निर्देश दिए।
CM साय ने एक्स पर पोस्ट कर इसकी जानकारी दी है। वहीं 24 घंटे में 68 से ज्यादा लोगों का रेस्क्यू किया गया है।

👉झीरम नाला में बही कार, 4 लोगों की मौत

झीरम नाला में तेज बहाव में एक गाड़ी नाले में बह गई, जिसमें सवार 5 लोग थे। जानकारी के मुताबिक ड्राइवर ने किसी तरह खुद को बचा लिया और नाले के बीच एक पेड़ पर चढ़ गया। राहतकर्मियों ने मौके पर पहुंचकर उसे रेस्क्यू कर लिया, लेकिन कार में सवार पति पत्नी और उनके दो बच्चे तेज बहाव में कार के साथ बहते चले गए। कार सवारों को ढूंढने जिला प्रशासन और SDRF की टीम ने करीब 18 घंटे मशक्कत की। जिसके बाद कार के अंदर से चारों की लाश बरामद हुई है. जानकारी के मुताबिक परिवार तमिलनाडु का रहने वाला था। फिलहाल शवों को जगदलपुर मेडिकल कॉलेज लाया गया है।

👉जिला मुख्यालय में घुसा पानी, NH 30 हुआ बंद

दक्षिण बस्तर इन दिनों भीषण बारिश की मार झेल रहा है। लगातार हो रही मूसलाधार बारिश ने सुकमा जिला मुख्यालय से लेकर ग्रामीण अंचलों तक जनजीवन अस्त-व्यस्त कर दिया है। नदी-नाले उफान पर हैं। हालत यह है कि सुकमा का जगदलपुर और ओडिशा से सड़क संपर्क पूरी तरह टूट गया है। हालात बिगड़ते देख जिला प्रशासन ने अलर्ट जारी किया है। नगर पालिका और पुलिस-प्रशासन की टीमें लगातार प्रभावित इलाकों में दौरा कर रही हैं। वहीं सुकमा जिला मुख्यालय के निचले इलाकों में पानी घुस गया हैं। लोग घर खाली कर बाढ़ राहत केंद्र में शरण लेने जा रहे हैं। वार्ड 12 के लोगों का कहना है कि इस बार पानी का बहाव इतना तेज है कि लोग घरों से निकल भी नहीं पा रहे। खेत-खलिहान डूब गए हैं और पशुधन को बचाने की मशक्कत की जा रही है।

👉इंद्रावती, शंखनी और डंकनी नदियों का बढ़ा जलस्तर

नदियों के किनारे बसे कई गांव टापू की तरह बन गए हैं।
बस्तर (Bastar) क्षेत्र की प्रमुख नदियां इंद्रावती (Indravati River), शंखनी (Shankhni River) और डंकनी (Dankni River) खतरे के निशान के करीब पहुंच चुकी हैं। नदियों के किनारे बसे कई गांव टापू (Island) की तरह बन गए हैं। ग्रामीण अपने घरों को छोड़कर ऊंचे स्थानों की ओर जा रहे हैं।

👉SDRF, प्रशासन ,वायु सेना ने सँभाला मोर्चा ,बने देवदूत

टीम ने करीब 15 लोगों को सुरक्षित निकालकर राहत शिविरों तक पहुंचाया।
बाढ़ राहत कार्य में राज्य आपदा मोचन बल (SDRF) ने भी मोर्चा संभाला। टीम ने करीब 15 लोगों को सुरक्षित निकालकर राहत शिविरों तक पहुंचाया। जिला प्रशासन (District Administration) ने बाढ़ प्रभावित परिवारों के लिए अस्थायी आश्रय (Temporary Shelter) और भोजन की व्यवस्था की है। शिविरों में महिलाओं और बच्चों के लिए विशेष देखभाल की जा रही है ताकि कोई भी भूखा या असहाय न रहे।

👉प्रशासन ने जारी किया हेल्पलाइन नंबर

बाढ़ जैसी आपात स्थिति से निपटने के लिए जिला प्रशासन ने बाढ़ नियंत्रण कक्ष (Flood Control Room) सक्रिय किया है। प्रशासन ने मदद के लिए हेल्पलाइन नंबर 07856-252412 जारी किया है, जिस पर प्रभावित लोग तुरंत संपर्क कर सकते हैं।

👉 मूसलाधार बारिश से 94 साल का रिकार्ड

मौसम विभाग के आंकड़ों के अनुसार ,बस्तर संभाग में 25 अगस्त तक 1039.4 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई थी,लेकिन सोमवार रात से मंगलवार सुबह तक 217 मिलीमीटर बारिश ने 1931 के रिकार्ड को तोड़ दिया । यह बारिश न केवल
बस्तर जिले ,वरन संभाग के सभी जिले सुकमा ,दंतेवाड़ा ,बीजापुर ,कोंडागांव ,कांकेर ,नारायणपुर जिलों में भी कहर बरपाया है। बस्तर संभाग के लिए यह बारिश अभूतपूर्व है ,क्योंकि इससे पहले इतनी मूसलाधार बारिश का रिकार्ड 94 साल पहले दर्ज किया गया था।

बाढ़ से प्रभावित क्षेत्रों का हाल👇

👉25 गांव बाढ़ से प्रभावित हुए हैं।

👉43 राहत शिविरों में 2,196 लोगों को ठहराया गया है।

👉दंतेवाड़ा जिले में सबसे अधिक 1,116 लोग राहत शिविरों में हैं।

👉सुकमा में 790, बीजापुर में 120 और बस्तर में 170 लोग राहत शिविरों में ठहरे हुए हैं।

प्रशासन की तैयारियां👇

👉 राजस्व सचिव एवं आपदा राहत आयुक्त रीना बाबासाहेब कंगाले ने बताया कि प्रभावित लोगों के लिए भोजन, चिकित्सा सुविधा और आवश्यक सामग्री समय पर उपलब्ध कराई जा रही है।

👉नगर सेना एवं एसडीआरएफ द्वारा राहत बचाव कार्य किया जा रहा है।

👉जिला सुकमा में आपदा मित्रों के द्वारा जिला प्रशासन का सहयोग किया जा रहा है।

मुख्यमंत्री के निर्देश

👉 मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने जिला प्रशासन को निर्देश दिए हैं कि राहत शिविरों में ठहरे सभी लोगों को समय पर आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएं।

👉उन्होंने प्रशासन को बाढ़ से प्रभावित गांवों तक तुरंत सहायता पहुंचाने और आपदा नियंत्रण कक्षों से स्थिति की निगरानी करने के आदेश दिए हैं।

👉मुख्यमंत्री ने आम नागरिकों से अपील की है कि वे प्रशासन द्वारा जारी दिशा-निर्देशों का पालन करें और किसी भी आवश्यकता की स्थिति में तुरंत स्थानीय नियंत्रण कक्ष से संपर्क करें ।