कोरबा। शहर के अस्पतालों से निकलने वाली मेडिकल वेस्ट को डिस्पोजल करने के लिए शहर से दूर बरबसपुर में जमींन चिन्हांकित किया गया है। निगम के इस जमीन पर अब नीजि ब्यक्ति ने दावा ठोककर इसे अपने नीजि स्वामित्व की जमीन बताकर कचरा फेंकना बंद करा दिया है। जब से सरकारी जमींन पर निजी कब्जे के भूमि होने का तथ्य सामने आया है, उसके बाद से मेडिकल कचरा हॉस्पिटलों में जाम है। 9 दिनों से अस्पतालों में कचरा जाम होने से बीमारियों के संक्रमण फैलने का खतरा बढ़ रहा है।
जिले में इन दिनों भूमाफियाओ का राज सर चढ़कर बोल रहा है। किसी भी सरकारी जमींन को कूटरचना करके फर्जी दस्तावेज तैयार कर बेशकीमती शासकीय भूमि को निजी होने का दावा ठोंक रहे है। ऐसा ही एक प्रकरण बरबसपुर में मेडिकल वेस्ट डिस्पोजल करने के लिए शासन द्वारा चयनित भूमि का है। जहां कई वर्षो से निगम का कचरा डम्प होते रहा है और आज उस जमीन मालिक एकाएक प्रकट हो गया है। जमीन मालिक के सामने आते ही शहर के अस्पतालों से निकलने मेडिकल वेस्ट अब हॉस्पिटल में रखना पड़ रहा है। एक अस्पताल संचालक ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि अस्पतालों के पास कचरा डम्प करने व मेडिकल वेस्ट के उचित निष्पादन की कोई अन्य सुविधा नहीं है। ऐसे में कचरा हॉस्पिटलों में जाम होने से मतलब साफ है संक्रमित बीमारियों का फैलाव।
वही सरकारी जमीन के नीजि होने के दावे के साथ ही एक बार फिर राजस्व अमला कटघरे में है। आखिर वर्षो से जो जमीन सरकारी थी, वह आज एकाएक निजी कैसे हो गई। खैर मसाहती ग्रामो में पटवारी पूरे गांव का मालिक है और चाहे जिसे जमीन बेच दे। मतलब किसी से भी सौदेबाजी करके मुख्य सड़क की जमीन को प्रभावशाली लोगों के नाम चढ़ा रहे है।
बायो-मेडिकल कचरा प्रबंधन क्या है?
बायो- मेडिकल वेस्ट के अंतर्गत स्वास्थ्य संस्थानों (अस्पताल, प्रयोगशाला, प्रतिरक्षण कार्य, ब्लड बैंक आदि) में इंसानी और जानवर के शारीरिक सम्बन्धी बेकार वस्तु (waste) और इलाज के लिए उपयोग किए उपकरण आते हैं। जब इस बायो-मेडिकल वेस्ट को वैज्ञानिक तरीके से निपटाया जाता है, तब इसका स्वास्थ्य कर्मियों और वातावरण पर बहुत कम प्रभाव पड़ता है। इससे कोई इन्फेक्शन फैलने का खतरा काफी हद तक कम हो जाता है।
अस्पताल के कचरों में से 85% खतरनाक नहीं होते और शेष 15% से जानवरों और इंसानों में कई प्रकार की बीमारियां फ़ैल सकती हैं। इसलिए इन बायो-मेडिकल वस्तुओं के पुनर्चक्रण (recycle) पर जोर दिया जाता है जिससे प्रतिरोधी सूक्ष्मजीवों के निर्माण प्रक्रिया पर ब्रेक लग जाता है।
वर्सन
बरबसपुर की जमीन जिसमे मेडिकल कचरा ड़म्प होता है उस जमीन को निजी होने की शिकायत मिली है। शिकायतमें प्रस्तुत दस्तावेज के आधार पर जमीन सीमांकन कराया जा रहा है। जाँच के सपष्ट हो पायेगा की दावेदार की जमींन है या नहीं। बहरहाल इस विवादित जमींन पर कचरा फेंकने से रोक लगाया गया है।
सुरेश साहू , तहसीलदार कोरबा
वर्सन
नगर निगम की कचरा डम्पिंग यार्ड में से 6 एकड़ भूमि अस्पातलो से निकलने वाले कचरे का निष्पादन करने के लिए चिन्हांकित किया था। उक्त जमींन को निजी ब्यक्ति के होने की शिकायत की गई है। शिकायत के बाद सीमांकन कराया जा रहा है। फ़िलहाल मेडिकल से निकलने वाले कचरे का निष्पादन नहीं हो पा रहा है। अस्पतालों से निकलने वाले मेडिकल कचरे का निष्पादन के लिए वैकल्पिक ब्यवस्था की तलाश जा रही है।
एस जयवर्धने
आयुक्त , नगर निगम कोरबा