CG : जल जीवन मिशन के कार्यों के भुगतान में दंतेवाड़ा PHE के ईई निखिल कंवर मांगते हैं कमीशन ,कर्ज और मानसिक तनाव में डूबे ठेकेदारों ने डिप्टी सीएम ,विभागीय मंत्री के समक्ष खोली भ्रष्टाचार की पोल,शीघ्र कार्रवाई नहीं होने पर दी आंदोलन की चेतावनी ….

दंतेवाड़ा। नक्सल प्रभावित दंतेवाड़ा जिले में जान जोखिम में डालकर PHE ,DMF, PWD, RES समेत PMGSY विभाग में काम करने वाले ठेकेदारों का अफसरों ने कमीशन की लालच में विभिन्न फार्मेलिटी ,दस्तावेजों ने नाम पर सालों से भुगतान लटका रखा है।पीएचई के कार्यपालन अभियंता निखिल कंवर पर तो सीधे जल जीवन मिशन के कार्यों के भुगतान के एवज में रिश्वत मांगने का आरोप है। जो रिश्वत नहीं देता उनका भुगतान रोक दिया जाता है। जिससे पीड़ित ठेकेदारों का दर्द जिले के प्रवास पर पहुंचे उप मुख्यमंत्री एवं लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी ,लोक निर्माण विभाग के मंत्री अरुण साव के समक्ष छलक उठा। छत्तीसगढ़ ठेकेदार संघ की दंतेवाड़ा जिला इकाई ने अफसरों की इस बेईमान नीयत की शिकायत विभागीय मंत्री के समक्ष दर्ज कराई है।ठेकेदारों ने चेतावनी दी है कि यदि शीघ्र भुगतान नहीं हुआ तो वे उग्र आंदोलन करने पर मजबूर होंगे। उप मुख्यमंत्री ने शीघ्र जांचकर उचित कार्रवाई का आश्वासन दिया है।

ठेकेदारों का कहना है कि वे नक्सल प्रभावित जिले में जान जोखिम में डालकर काम कर रहे हैं।।कई बार नक्सलियों की हिंसा का शिकार भी हुए हैं। इसके बावजूद शासन-प्रशासन की लापरवाही से भुगतान में देरी हो रही है।।जिससे वे कर्ज और मानसिक तनाव में डूब गए हैं। वहीं डिप्टी सीएम अरुण साव ने ठेकेदारों की लंबित मांगों को लेकर कहा है कि वो जल्द ही इस बारे में आवश्यक कदम उठाएंगे। ठेकेदारों को किसी तरह की परेशानी नहीं होगी।

ठेकेदार संघ ने 5 सूत्रीय मांगों को जल्द पूरा करने की मांग सरकार से की है।👇

👉1- DMF, PWD, RES, PMGSY, PHE सहित कई विभागों में काम पूरा होने के बाद भी महीनों तक भुगतान नहीं हो रहा है। इससे ठेकेदार भारी आर्थिक संकट में हैं।

👉2- पहले DMF राशि का 40% कार्य स्वीकृति के साथ अग्रिम दिया जाता था.लेकिन अब यह प्रावधान बंद कर दिया गया है। छोटे कार्यों के भुगतान भी कई किस्तों और 6 से 8 महीने की देरी से हो रहे हैं, जिससे काम की रफ्तार धीमी पड़ गई है।

👉3-ठेकेदारों ने रेत और मुरुम खदानों की कमी का मुद्दा उठाया। उनका कहना है कि जिले में सीमित समय के लिए खदानें चालू रहती है। मुरुम की कोई सरकारी खदान नहीं है। इसके बावजूद तीन गुना रॉयल्टी वसूली जा रही है। संघ ने मांग की कि यह रॉयल्टी मूल दर पर ली जाए।

👉4- संघ ने DIMF कार्यों में लगाए गए नए नियमों और पेनाल्टी के प्रावधान को गलत बताया।कहा कि कार्य समय सीमा का निर्धारण PWD मानकों के अनुसार होना चाहिए।

👉5. जल जीवन मिशन विभाग के EE निखिल कंवर पर गंभीर आरोप लगाए गए। ठेकेदारों ने आरोप लगाया कि EE एडवांस घूस की मांग की जाती है.विरोध करने पर बिल रोक दिए जाते हैं। यहां तक कि भुगतान के लिए आई राशि भी विभाग से वापस चली गई। संघ ने उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है।

👉कर्ज और मानसिक तनाव में डूबे ठेकेदार संघ ने दी आंदोलन की चेतावनी

ज्ञापन सौंपने से पहले जिले के सभी ठेकेदारों ने बैठक बुलाई।।जिसमें दंतेवाड़ा जिला कांट्रेक्टर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष धीरेंद्र प्रताप सिंह और उपाध्यक्ष गुलाब सिंह ने नेतृत्व किया।।बैठक में ठेकेदारों ने अपनी समस्याओं को खुलकर रखा।कर्ज और मानसिक तनाव में डूबे ठेकेदार संघ ने दी आंदोलन की चेतावनी दी है।