नई दिल्ली। भारत सरकार ने आधिकारिक रूप से दिल्ली धमाके को आतंकी हमला घोषित किया है। खुफिया एजेंसियों की रिपोर्ट के बाद सुरक्षा तंत्र को देशभर में अलर्ट पर रखा गया है, खासकर पाकिस्तान सीमा पर निगरानी बढ़ा दी गई है।


इस संबंध में बुधवार शाम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में कैबिनेट की बैठक हुई, जिसमें केंद्र सरकार ने लाल किले के पास कार विस्फोट को आतंकी घटना बताया और इस पर शोक जताया. मंत्रिमंडल ने इस हमले में मारे गए निर्दोष लोगों की याद में दो मिनट का मौन भी रखा।
सूत्रों के मुताबिक, इस हमले के पीछे सीमापार आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद का हाथ होने की आशंका है। इसी बीच, रक्षा मंत्रालय ने “ऑपरेशन सिंदूर 2.0” शुरू करने के संकेत दिए हैं, जिसका उद्देश्य सीमा पार से होने वाली घुसपैठ और आतंकी गतिविधियों को रोकना बताया जा रहा है। राजधानी समेत संवेदनशील इलाकों में सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई है।
👉शुरू होगा ऑपरेशन सिंदूर?

यदि जांच में लश्कर-ए-तैयबा या जैश-ए-मोहम्मद की संलिप्तता साबित होती है, तो भारत पाकिस्तान स्थित आतंकी ठिकानों पर जवाबी कार्रवाई कर सकता है। सरकार पहले ही स्पष्ट कर चुकी है कि देश में किसी भी आतंकी हमले को अब ‘युद्ध की कार्रवाई’ के रूप में देखा जाएगा।
सूत्रों के अनुसार, ऑपरेशन सिंदूर के बाद जैश और लश्कर के कई प्रशिक्षण शिविर पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा क्षेत्र में स्थानांतरित कर दिए गए थे, जो भारत की सीमा से करीब 350 किलोमीटर दूर है। हाल ही में वायुसेना प्रमुख ने भी कहा था कि कोई भी आतंकी कैंप हमारी पहुंच से बाहर नहीं है।
