Gold Jewellery Hallmarking: सरकार ने गोल्ड ज्वैलरी के लिए हॉलमार्क को जरूरी कर दिया है. 1 जून 2021 के बाद बिना हॉलमार्क वाला गोल्ड ज्वैलरी नहीं बेचा जा सकता है. ब्यूरो ऑफ इंडियन स्टैंडर्ड यानी BIS ने नोटिफिकेशन जारी कर सभी रजिस्टर्ड ज्वैलर को इसकी जानकारी दी है. सोने की शुद्धता अब तीन ग्रेड में होगी. पहला 22 कैरेट, दूसरा 18 कैरेट और तीसरा 14 कैरेट. माना जा रहा है कि इससे कस्टमर और ज्वैलर दोनों को फायदा होगा. क्वॉलिटी को लेकर दोनों में किसी के मन में संशय नहीं रहेगा.
गोल्ड के लिए हॉलमार्किंग उसकी शुद्धता की पहचान है. वर्तमान में यह अनिवार्य नहीं है. पहले इसकी डेडलाइन 15 जनवरी 2021 थी.
ज्वैलर्स असोसिएशन की मांग पर इसे बढ़ाकर 1 जून 2021 कर दिया गया है. भारत बहुत बड़े पैमाने पर गोल्ड आयात करता है और कंज्यूम भी करता है. ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के मुताबिक, भारत हर साल करीब 700-800 टन सोना आयात करता है. ज्वैलरी हॉलमार्किंग की प्रक्रिया में ज्वैलर्स BIS के A&H सेंटर पर ज्वैलरी जमा करते हैं और वहां उसकी गुणवत्ता की जांच की जाती है. रिजल्ट के हिसाब से बीआईएस उस पर मार्किंग करता है.
घर बैठे BIS के साथ रजिस्ट्रेशन
ज्वैलर्स के लिए बीआईएस के साथ रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया को काफी आसान बना दिया गया है. यह काम अब घर बैठे ऑनलाइन किया जा सकता है. इसके लिए www.manakonline.in इस वेबसाइट पर जाना है. यहां जिस-जिस दस्तावेज की मांग की जाती है उसे जमा करना है और रजिस्ट्रेशन फीस जमा करनी है. प्रक्रिया पूरी होने के बाद ऐप्लिकेंट BIS का रजिस्टर्ड ज्वैलर हो जाता है.
जानिए कितनी है रजिस्ट्रेशन फीस
BIS रजिस्ट्रेशन फीस को भी काफी कम रखा गया है. अगर किसी ज्वैलर का टर्नओवर 5 करोड़ से कम है तो उसके लिए रजिस्ट्रेशन फीस 7500 रुपए, 5 करोड़ से 25 करोड़ के बीच सालाना कारोबार होने पर रजिस्ट्रेशन फीस 15 हजार रुपए और 25 करोड़ से भी ज्यादा टर्नओवर होने पर यह फीस 40 हजार रुपए है. अगर किसी ज्वैलर का कारोबार 100 करोड़ के पार है तो यह फीस 80 हजार रुपए है.