जिसकी टीम में जगह पर था संकट वही बना संकटमोचन, विराट कोहली हो गए गदगद!

महेंद्र सिंह धोनी (MS Dhoni) के बाद भारतीय टीम में एक ऐसे विकेटीपर की जगह बन रही थी जो बल्ले से भी टीम को जीत दिला सके.धोनी के विकल्प के तौर पर ऋषभ पंत (Rishabh Pant) को देखा जा रहा था लेकिन वनडे (ODI) में वह विफल रहे थे. फिर केएल राहुल (KL Rahul) ने टीम की जरूरत को पूरा करते हुए विकेटकीपर का रोल भी निभाया और पांचवें नंबर पर आकर रन भी बनाए. दिसंबर 2019 में वेस्टइंडीज (West Indies) के खिलाफ खेली गई वनडे सीरीज में उन्होंने इस काम को बखूबी अंजाम दिया. फिर जनवरी 2020 में ऑस्ट्रेलिया (Australia) के खिलाफ भी इसे जारी रखा.

2020 में ही न्यूजीलैंड के दौरे पर भी उन्होंने विकेटकीपिंग के साथ बल्ले से भी कमाल दिखाया.

2020 में आखिर में भी ऑस्ट्रेलिया दौरे पर राहुल के बल्ले ने कमाल दिखाया. लेकिन इंग्लैंड के खिलाफ इसी महीने खेली गई पांच मैचों की टी20 सीरीज में राहुल फेल क्या हुए उनकी फॉर्म पर उंगलियां उठने लगीं. टी20 सीरीज में राहुल ने चार मैच खेले थे और सिर्फ14 रन बनाए थे.अब राहुल ने पहले वनडे मैच में इंग्लैंड के खिलाफ संकटमोचन पारी खेल अपने आलोचकों को शांत कर दिया है.

मुश्किल समय में जमाया अर्धशतक

राहुल ने मंगलवार को पुणे के महाराष्ट्र क्रिकेट संघ स्टेडियम में खेले जा रहे पहले वनडे मैच में भारत को मुश्किल स्थिति से निकालते हुए टीम को मजबूत स्कोर दिया. राहुल ने जब मैदान पर कदम रखा तब टीम का स्कोर 34.5 ओवरों में तीन विकेट पर 187 रन था. टीम की रनगति धीमी थी और टीम का मजबूत स्कोर तक पहुंचना मुश्किल लग रहा था. यहां से राहुल ने टीम को संकट से बाहर निकाला. उन्होंने 43 गेंदों पर चार चौके और चार छक्कों की मदद से नाबाद 62 रन बनाए. इसी के साथ उन्होंने अपना पहला वनडे मैच खेल रहे क्रुणाल पंड्या के साथ मिलकर छठे विकेट के लिए 112 रनों की साझेदारी की और टीम को 50 ओवरों में पांच विकेट खोकर 317 रनों का मजबूत स्कोर दिया.

कोहली ने जताया था भरोसा

टी20 सीरीज में विफलता के बाद टीम में राहुल की जगह पर सवाल उठ रहे थे. कप्तान विराट कोहली के सामने भी यह सवाल पूछे गए थे लेकिन कोहली ने राहुल पर पूरा भरोसा जताया था और कहा था कि वह टीम के मुख्य बल्लेबाजों में शुमार हैं. पहले वनडे में राहुल की पारी को देख कप्तान कोहली भी खुश हो गए होंगे.