पाली पुलिस बनी मिसाल , बालिगों की शादी में अड़चनें पैदा करने वालों को सिखाया कानून का पाठ
हसदेव एक्सप्रेस न्यूज पाली। स्वजातीय बालिग युवक -युवती की शादी में अड़चन पैदा कर रहे समाज के लोगों को कानून का पाठ पढ़ाते हुए पुलिस ने थाने में ही परिजनों के सामने वर माला डलवाकर शादी करवाई । पुलिस की इस अनूठी मानवीय कार्य ने वर -वधु परिजनों सहित पूरे गांव वालों का दिल जीत लिया।
आमतौर पर पुलिस की छवि और कार्यों को लेकर लोगों के मन में अधिकतर भय बना रहता है और आमजन यही जानती है कि पुलिस अपराधों के रोकथाम और कानून का पालन कराने को लेकर सख्ती बरतती है। किंतु इस सब के अलावा समाज मे पुलिस का एक और चेहरा है जो उनके मानवता व सामाजिक दायित्व को दर्शाती है। ऐसे ही पाली पुलिस ने एक अनुकरणीय पहल कर समाज मे अपनी अनूठी मिशाल पेश की है। पाली थानांतर्गत क्षेत्र के एक सजातीय बालिग युवक- युवती के विवाह को लेकर उन दोनों के परिजन तो पूर्ण रूप से सहमत थे किंतु समाज के कुछ लोग इस रिश्ते से असहमत और लगातार आपत्ति दर्ज करते हुए बाधा उत्पन्न कर रहे थे । युवक- युवती के परिजनों ने अनेकों बार समाज में भी अपनी बात रखी पर उनकी बातों को अनसुना किया जा रहा था तब थक हारकर युवक-युवती और उनके परिजन बीते 14 अप्रैल को पाली थाना की शरण मे पहुँचे और उपस्थित थाना प्रभारी लीलाधर राठौर से भेंट कर अपनी आपबीती सुनाई । थाना प्रभारी द्वारा मामले से अपने उच्चाधिकारियों को अवगत कराया गया और उनसे मार्गदर्शन लेकर इस विवाह में बाधा उत्पन्न कर रहे समाज के लोगों को थाना तलब कर बालिग अधिकार के बारे में बताते हुए उन्हें समझाइश दी गई और युवक- युवती के परिजनों के मध्य आपसी सहमति कराई गई । ततपश्चात निरीक्षक श्री राठौर ने अपने सामाजिक दायित्व का निर्वहन करते हुए परिजनों व समाज के लोगों की रजामंदी में युवक- युवती का थाने में ही औपचारिक वरमाला कराया। उन्हें सुखमय जीवन की शुभकामनाएं देते हुए जारी लाकडाउन हटने पश्चात कोविड दिशा- निर्देश का पालन करते हुए सामाजिक रीति-रिवाज के साथ विवाह करने के अलावा जिला पंजीयन कार्यालय में जाकर अपने विवाह का पंजीयन कराने की उसलाह दी । एक सूत्र में बंधे युवक- युवती व उनके परिजन ने पाली पुलिस के इस पहल के लिए उनका साधुवाद किया।पुलिस ने जिस तरह से एक समाज को संगठित करने में अपनी जो भूमिका निभाई गई वह वाकई काबिले तारीफ व अनूठी मिशाल है।
बालिग होने के पश्चात निर्णय लेने का अधिकार
निरीक्षक लीलाधर राठौर ने बताया कि युवक या युवती के बालिग होने पश्चात ऐसे मामले में उन्हें निर्णय लेने का कानूनी अधिकार रहता है लेकिन घर अथवा सामाजिक कारणों से कभी- कभी वे गलत कदम अख्तियार कर लेते है जो परिवार व समाज के लिए अनुचित रहता है । इन्हीं सब को ध्यान में रखते हुए यह पहल किया गया।पुलिस के इस प्रसंशनीय पहल में उप निरीक्षक आर एस मिश्रा, प्रधान आरक्षक अश्वनी निरंकारी, आरक्षक नरेंद्र पाटनवार, प्रवीण कश्यप का भी महत्त्वपूर्ण योगदान रहा।