बदइंतजामी की वजह से संक्रमित मरीजों को नहीं पता चल रहा संक्रमण का स्तर , दूसरी लहर में रोजाना मरीज गंवा रहे जान
हसदेव एक्सप्रेस न्यूज कोरबा। कोरोना संक्रमित मरीजों को जिले में सीटी स्कैन की सुविधा नहीं मिल पा रही है।ट्रामा सेंटर एवं एनकेएच दोनों अस्पतालों में सीटी स्कैन मशीन खराब है । जिसकी वजह से संक्रमित मरीजों के फेफड़े में संक्रमण की मात्रा का पता नहीं चल पा रहा है । संक्रमित मरीजों के साथ परिजनों में इस बदइंतजामी की वजह से भटकाव की स्थिति निर्मित हो रही है ।

कोरोना के इलाज में सीटी स्कैन एक बेहद कारगर जांच होती है। कोरोना संक्रमित होने के बाद मरीज के फेफड़ों में इन्फेक्शन के स्तर का पता चलता है। बावजूद इसके वर्तमान में जिले में सीटी स्कैन की सुविधा पूरी तरह से बंद है। ट्रामा सेंटर की मशीन खराब है। जबकि निजी अस्पताल में भी मशीन खराब होने की बात सामने आई है। जिला अस्पताल परिसर में स्थित ट्रामा सेंटर में कोरोना संक्रमित मरीजों का सीटी स्कैन किया जाता था। 3 दिन पहले ही ट्रामा सेंटर को प्रशासन ने अधिग्रहित कर लिया है। अब यह कोविड अस्पताल के तौर पर संचालित हो रहा है। लेकिन यहां सीटी स्कैन की मशीन खराब है। जिसके कारण संक्रमित का सिटी स्कैन नहीं हो पा रहा है। जिले में ट्रामा सेंटर इकलौती ऐसी संस्था है जहां सीटी स्कैन की सरकारी सुविधा उपलब्ध है। अब यह भी पिछले 3 दिनों से पूरी तरह से बंद है। ट्रामा में सरकारी सुविधा के अलावा निजी तौर पर शहर के एनकेएच अस्पताल में सीटी स्कैन की सुविधा उपलब्ध है। यहां कोरोना संक्रमित मरीजों का सीटी स्कैन किया जाता रहा है। लेकिन पिछले 4 दिनों से आश्चर्यजनक रूप से यहां की मशीन भी खराब हो गई है। अस्पताल प्रबंधन से भी यही जानकारी मिली है। कोरोना संक्रमित मरीज किसी तरह यहां पहुंच तो रहे हैं, लेकिन उन्हें बैरंग लौटना पड़ रहा है। एक निजी संस्था होने के बावजूद सीटी स्कैन मशीन का इतने लंबे समय से खराब होना समझ के परे है।इनके अलावा जिले में एक-दो और स्थान हैं,जहां सीटी स्कैन किया जाता है।
सीटी स्कैन के लिए दर निर्धारित
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के दिशा निर्देश पर स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग छत्तीसगढ़ शासन द्वारा प्रदेश में कोविड-19 संक्रमित मरीजों के निजी चिकित्सालयों में उपचार के दौरान हाई रिजॉल्यूशन सीटी स्कैन की आवश्यकता होने पर समस्त निजी चिकित्सालयों एवं डायग्नोस्टिक केन्द्रों के लिए दरें निर्धारित की गई हैं।
स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी आदेशानुसार चेस्ट (फेफड़े) के सीटी स्कैन (एचआरसीटी) बिना कंट्रास्ट हेतु 1870 रुपये शुल्क, चेस्ट (फेफड़े) का सीटी स्कैन (एचआरसीटी) कंट्रास्ट सहित हेतु 2354 रुपये शुल्क निर्धारित किया गया है। उल्लेखनीय है सिटी स्कैन के नाम पर पूर्व में मनमानी फीस वसूली जाती रही है।
कोरोना के इलाज में इसलिए जरूरी है सीटी स्कैन
कोरोना संक्रमण का पता लगाने के लिए अब तक किए जा रहे जांच में स्वाब का सैंपल लिया जाता है। इससे मरीज के कोरोना पॉजिटिव होने का पता चलता है. कई बार रिपोर्ट निगेटिव भी आ जाती है । ऐसे में फेफड़े में कितना इन्फेक्शन फैला है? कोरोना मरीज को सांस लेने में दिक्कत की वजह फेफड़े में इंफेक्शन ही है, इसका पता नहीं चलने से मरीज की हालत और गंभीर हो जाती है। जबकि सीटी स्कैन से इन्हीं सभी बातों का चिकित्सकों को तुरंत पता चल जाता है। जिससे संक्रमित मरीज का इलाज करने में आसानी होती है ।
ऐसा कहर 3 दिनों में 25 हार गए जिंदगी की जंग
यहाँ बताना होगा कि कोरोना कस दूसरी लहर की कहर बेहद खतरनाक है । पिछले 3 दिनों में जिले में 25 मरीज कोरोना से जान गंवा चुके हैं। जबकि 2357 संक्रमित मरीज मिल चुके हैं। बीती रात ही जिले में रिकार्ड 892 संक्रमित मिले वहीं 13 जिंदगी की जंग हार गए।
जल्द दुरुस्त करेंगे व्यवस्था
ट्रामा सेंटर कोविड अस्पताल के प्रभारी डॉ. प्रिंस जैन ने कहा कि पिछले 2 दिनों से ही सीटी स्कैन करने में दिक्कत आ रही है।इसे जल्द ही दुरुस्त कर लिया जाएगा। मशीन को जल्द ही ठीक कराया जाएगा। सीटी स्कैन नहीं होने पर भी मरीज को ट्रीटमेंट दिया जा रहा है। सीटी स्कैन हो या ना हो लाइन ऑफ ट्रीटमेंट में कोई परिवर्तन नहीं आता.