अंबिकापुर (नईदुनिया प्रतिनिधि)। जबलपुर ट्रेन में सफर का अंतिम पड़ाव यानी अंबिकापुर स्टेशन पहुंचने से पहले यात्रियों को रोज रात में काफी समय छोटे से स्टेशन कमलपुर में मजबूरी में गुजारना पड़ रहा है। अंबिकापुर से आठ किमी पहले कमलपुर स्टेशन जहां कोरोना काल में चल रही किसी भी यात्री ट्रेन का स्टापेज नहीं है वहां जबलपुर एक्सप्रेस रात के अंधेरे में करीब पौन घंटे खड़ी रहती है। यहां न कोई यात्री चढ़ता है और न उतरता है फिर भी अंबिकापुर से रवाना होकर दुर्ग ट्रेन यहां से न गुजर जाए, यात्रियों की प्रतीक्षा समाप्त नहीं होती। ऐसा इसलिए क्योंकि कमलपुर स्टेशन में दो प्लेटफार्म हैं, जबकि संभाग मुख्यालय अंबिकापुर के रेलवे स्टेशन में आज तक दूसरे प्लेटफार्म का निर्माण नहीं हो पाया है।
सिंगल पटरी का खामियाजा संभाग भर के लोगों को उठाना पड़ रहा है।
सरगुजा संभाग में रेलवे लाइन की शुरूआत कोयला खदानों के कारण दशकों पहले हुई थी। बिश्रामपुर से अनूपपुर तक यात्री गाड़ियों का परिचालन भी शुरू हो गया था लेकिन अंबिकापुर तक ट्रेन की शुरूआत वर्ष 2007-08 में हुई। इससे पहले बिश्रामपुर से कमलपुर के बीच पटरी बिछ गई और ट्रेन का संचालन शुरू कर दिया गया। करीब डेढ़ साल बाद अंबिकापुर में पहली बार ट्रेन सेवा शुरू हुई। करीब डेढ़ दशक बाद भी अंबिकापुर से अनूपपुर रेलखंड में बौरीडांड़ तक एकल पटरी बिछी होने से यात्री ट्रेनों की सुविधाएं नहीं बढ़ पा रही हैं। यही कारण है कि अंबिकापुर स्टेशन से छूटने या पहुंचने वाली यात्री ट्रेनों को क्रासिंग के लिए किसी खास स्टेशन में खड़ी करनी पड़ती है। जबलपुर एक्सप्रेस ट्रेन का अंबिकापुर पहुंचने का समय वर्तमान में देर रात 11 बजे है। यह ट्रेन रात में करीब 10 बजे कमलपुर स्टेशन पहुंच जाती है। इसके बाद वहीं खड़ी हो जाती है। इधर रात 10.30 बजे अंबिकापुर से दुर्ग ट्रेन के रवाना होने एवं कमलपुर क्रास करने के बाद जबलपुर ट्रेन को अंबिकापुर के लिए रवाना किया जाता है। इस चक्कर में यह ट्रेन रात करीब 11 बजे अंबिकापुर पहुंचती है। यदि यह ट्रेन कमलपुर में न खड़ी हो तो रात करीब सवा दस बजे अंबिकापुर पहुंच सकती है।
लाइन दोहरीकरण कार्य में लगेगा समय-
अंबिकापुर-अनूपपुर रेलखंड में अंबिकापुर से बौरीडांड के बीच 118 किमी लंबी सिंगल लाइन है। कुछ-कुछ स्टेशनों के आसपास दो या तीन लाइन बिछी है ताकि ट्रेनों की आवाजाही हो सके। रेलवे ने अंबिकापुर-बौरीडांड़ व बौरीडांड़ से चिरमिरी के बीच दोहरीकरण के लिए एक साल पहले ही बजट का प्रावधान किया था। इसके लिए 1482 करोड़ स्वीकृत किए गए हैं। लाइन दोहरीकरण का काम अभी प्रारंभिक चरण में है। सर्वे पूरा हो चुका है लेकिन काम अभी शुरू नहीं हो पाया है। इससे लाइन दोहरीकरण के काम में अभी लंबा समय लग सकता है।
दो प्लेटफार्म हो तो समय में पहुंचे ट्रेन-
अंबिकापुर स्टेशन में यात्रियों की सुविधा के लिए मांग लंबे समय से की जा रही है लेकिन जनप्रतिनिधियों की पहल भी कारगर साबित नहीं हो रही है। एक अदद प्लेटफार्म बनाने की मांग अभी तक पूरी नहीं हो पाई है। जनवरी में वार्षिक निरीक्षण के दौरान पहुंचे रेलवे महाप्रबंधक गौतम बनर्जी ने इस समस्या पर दो टूक कहा था कि पहले हम देखेंगे कि अंबिकापुर में ट्रेनों की कितनी आवाजाही है। यात्रियों की संख्या कितनी है और आय का पैमाना क्या है। बहरहाल उनकी बातों से मामला फिलहाल ठंड बस्ते में जाता नजर आ रहा है। यदि संभाग मुख्यालय अंबिकापुर में दो प्लेटफार्म की सुविधा होती तो कम से कम जबलपुर ट्रेन के यात्रियों को रात में कमलपुर जैसे सुनसान स्टेशन में लंबा समय नहीं गुजारना पड़ता।
पहले से कमलपुर स्टेशन में हैं दो प्लेटफार्म-
फोटो-5-स्टेशन में बना दूसरा प्लेटफार्म
अंबिकापुर में ट्रेन सेवा शुरू होने के पहले कमलपुर तक लाइन बिछाई जा चुकी थी और यहां से ट्रेनों की आवाजाही प्रारंभ कर दी गई थी। पहले कमलपुर आखिरी स्टेशन होने के कारण यहां दो प्लेटफार्म बनाए गए थे। दो प्लेटफार्म होने के कारण यहां से रेलवे ने कोयला एवं बाक्साइड का परिवहन भी शुरू कर दिया था। अंबिकापुर में स्टेशन तैयार होने के पहले और बाद में जनप्रतिनिधियों ने दो प्लेटफार्म की कमी पर ध्यान नहीं दिया वर्ना यह समस्या उसी वक्त दूर हो गई होती।
क्या कहते हैं यात्री-
अंबिकापुर से जबलपुर ट्रेन में यात्रा करने वाली यात्री भी देर रात कमलपुर स्टेशन में ट्रेन के करीब पौन घंटे खड़ी होने से खासे परेशान हैं। जबलपुर ट्रेन से अक्सर आने-जाने वाली नगर की कविता सराठे ने बताया कि जबलपुर से वापसी के वक्त यह ट्रेन देर रात अंबिकापुर पहुंचती है और इसके कमलपुर ट्रेन में खड़ी होने के कारण लेटलतीफी होती है। स्टेशन से उतरकर घर तक पहुंचने में और रात हो जाती है। एक अन्य यात्री आनंद अवस्थी भी इस समस्या से परेशान हैं। रात में घर पहुंचने की जल्दी रहती है और इन सबके बीच जबलपुर ट्रेन कमलपुर में काफी देर तक खड़ी हो जाती है। इससे बाकी यात्री भी परेशान रहते हैं।
बयान-
अभी कोरोना काल में किसी तरह नई व्यवस्था बना पाना संभव नहीं है। कई जगह लाकडाउन की स्थिति बन रही है, फिर भी कमलपुर स्टेशन में जबलपुर ट्रेन के देर रात खड़ी होने के मामले से उच्च अधिकारियों को अवगत कराया जाएगा। आगे जब स्थिति सामान्य होगी तो इस समस्या को दूर करने का प्रयास किया जाएगा।
अंबिकेश साहू
रेलवे पीआरओ