नई दिल्ली, अप्रैल 28। कोरोना वायरस की दूसरी लहर से जहां भारत में हाहाकार मचा हुआ है वहीं पड़ोसी चीन महामारी से फैले डर का फायदा उठाकर भारत के पड़ोसी और मित्र देशों में अपनी पैठ बनाने की कोशिश में लगा हुआ है। भारत 1 मई से 18 से 45 साल की उम्र की आयु के लिए वैक्सीनेशन की शुरुआत कर रहा है। जिसके चलते बड़ी मात्रा में कोविड वैक्सीन की जरूरत पड़ने वाली है। इसलिए भारत ने कोरोना वायरस वैक्सीन के निर्यात पर रोक लगा दी है। भारत से वैक्सीन न मिलने के चलते अब पड़ोसी देश वैक्सीन के लिए चीन की तरफ देख रहे हैं।
भारत के पड़ोसियों पर चीन की नजर
चीनी विदेश मंत्री वांग यी ने अफगानिस्तान, बांग्लादेश, नेपाल, पाकिस्तान और श्री लंका के विदेश मंत्रियों के साथ वर्चुअल मीटिंग में बताया कि बीजिंग बहुपक्षीय फ्रेमवर्क के जरिए वैक्सीन उपलब्ध कराने की इच्छा रखता है।
भारत में बढ़ते कोरोना वायरस संक्रमण ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की वैक्सीन डिप्लोमेसी के जरिए प्रतिद्वंद्वी चीन के पड़ोसी देशों में असर को कम करने की रणनीति को बड़ा झटका दिया है। इस साल की शुरुआत में जब कोरोना वायरस की वैक्सीन तैयार हुई थी तो भारत ने पड़ोसी पहले नीति के तहत सभी को कोरोना वायरस की वैक्सीन पहुंचाई थी। ये वो दौर था जब दुनिया जानकारी सार्वजनिक न होने के चलते चीनी वैक्सीन पर भरोसा नहीं कर रही थी। ऐसे दौर में दुनिया में सबसे बड़े वैक्सीन निर्माता भारत ने पड़ोसियों को वैक्सीन पहुंचाने का भरोसा दिया तो यह किसी वरदान से कम नहीं था।
भारत ने कोरोना वायरस वैक्सीन की करोड़ो डोज दुनिया भर में पहुंचाई। लेकिन भारत ने अब वैक्सीन के निर्यात को स्थगित दिया है क्योंकि देश के अंदर ही कोरोना महामारी तेजी से फैल रही है और लोग मर रहे हैं। जबकि अभी तक आबादी के बहुत छोटे हिस्से तक ही वैक्सीन की डोज पहुंचाई जा सकी है।
भारत से वैक्सीन न मिलने पर बांग्लादेश ने किया चीन का रुख
भारत से वैक्सीन मिलने में हो रही देरी के चलते अब पड़ोसी देशों में चिंता बढ़ने लगी है। अभी तक केवल भारत से वैक्सीन ले रहे बांग्लादेश के विदेश मंत्री एक अब्दुल मोमेन ने मंगलवार को एक प्रेस वार्ता में इसे लेकर अपनी शिकायत दर्ज कराई। बांग्लादेश में भी संक्रमण में तेजी देखी जा रही है और वह अब दूसरी तरफ भी देख रहा है।। वहीं उपमहाद्वीपीय क्षेत्र में भारत का प्रमुख प्रतिद्वंद्वी पाकिस्तान पहले ही चीनी वैक्सीन का इस्तेमाल कर रहा है।
मोमेन ने कहा जब भी हमने उनसे संपर्क किया तब वे कहते हैं कि बहुत मुश्किल समय है। अब हमने चीन से वैक्सीन देने के लिए अनुरोध किया है जिस पर उन्होंने सकारात्मक जवाब दिया लेकिन अभी कोई साफ टाइम फ्रेम नहीं दिया है।
बांग्लादेश की दवा नियामक संस्था ने रूसी वैक्सीन स्पुतनिक वी को भी मंजूरी दी है। अगले महीने से इसका आयात शुरू किया जा सकता है। बांग्लादेश ड्रग रेगुलेटर एजेंसी के डायरेक्टर जनरल महबूबुर रहमान ने बताया कि उनका देश वैक्सीन को प्राप्त करने के दूसरे स्रोतों पर विचार कर रहा है और इसे चीन और अमेरिका से मंगाया जा सकता है।
चीनी टीकों के असर के बारे में जानकारी नहीं
हालांकि अभी यह स्पष्ट नहीं है कि अगर दूसरे टीकों के साथ चीनी शॉट्स भी दिए जाते हैं तो क्या यह अन्य प्रमुख टीकों की तुलना में कम असर करेगा या फिर यह बराबर प्रभावी होगा। अन्य एमआरएनए टीके 90 प्रतिशत अधिक प्रभावी होने का दावा करते हैं जबकि चीनी टीकों के बारे में जानकारी सार्वजनिक नहीं है।
मंगलवार की बैठक के दौरान चीनी विदेश मंत्री वांग ने दोहराया कि चीन कोरोना वायरस से बुरी तरह प्रभावित भारत की सहायता की पेशकश करने के लिए तैयार है। वांग ने कहा कि चीन ने भारत को भी बैठक का निमंत्रण भेजा था।