Corona Fear: संक्रमण के डर से अपनों की डेड बॉडी लेने से परिजनों ने किया इनकार, 20 दिन तक सड़ती रहीं लाशें

कोरोना (Coronavirus) से हालात बद से बदतर होते जा रहे हैं. संक्रमित लोगों की संख्या तेजी से बढ़ रही है. कोरोना जितनी तेजी से फैल रहा है लोगों में वायरस का डर (Corona Fear) भी तेजी से बनता जा रहा है. संक्रमण का डर अब इतना ज्यादा लोगों में हो गया है कि कई जगहों पर लोग अपने लोगों की डेड बॉडी तक नहीं लेने आ रहे. ऐसा ही मामला उत्तराखंड (Coronavirus in Uttarakhand) के हल्द्वानी से सामने आया. यहां राजकीय अस्पताल में कोरोना संक्रमित 7 शव पिछले 20 दिन से रखे हुए हैं. इन्हें लेने या फिर देखने उनके परिजन तक नहीं आए.

जानकारी के अनुसार उत्तराखंड के हल्द्वानी में राजकीय चिकित्सालय में कोरोना संक्रमित 7 डेड बॉडी 20 दिन से रखे हुई थी.

इन शवों के परिजनों ने इन्हें लेने से मना कर दिया था. SDRF डीआईजी रिद्विम अग्रवाल ने बताया कि कोरोना संक्रमित होने की वजह से परिजनों को भय था कि कहीं वह भी संक्रमित न हो जाएं. उन्होंने इसे लेने से साफ मना कर दिया. उन्होंने बताया कि जब काफी दिनों तक कोई लेने नहीं आया तो SDRF के इंस्पेक्टर गजेंद्र परवाल ने टीम के साथ मिलकर इन सभी शवों का अंतिम संस्कार कर दिया.

हर जिले में तैनात किया गया नोडल अफसर

कोरोना के डर की वजह से ऐसे हालात सिर्फ हल्द्वानी में ही नहीं है. ऐसा ही एक मामला उत्तरकाशी में भी देखने को मिला. यहां तीन शवों को उनके परिजनों ने लेने से मना कर दिया. इसके बाद SDRF ने इन तीनों शवों का अंतिम संस्कार कर दिया. डीआईजी अग्रवाल ने बताया कि प्रशासन की तरफ से हर जिले में SDRF के एक एक सब इंस्पेक्टर को नोडल अफसर के तौर पर तैनात किया गया है.

उन्होंने बताया कि नोडल अफसर की सभी पर्सनल डिटेल डीएम, सीएमओ, एसपी और जिलाधिकारी को भेज दी गई है. अगर किसी भी हॉस्पिटल से ऐसा मामला आता है तो वह इसकी सूचना नोडल अफसर को दे सकें और शवों का अंतिम संस्कार किया जा सके.

होमआईसोलेशन वाले मरीजों की जिम्मेदारी SDRF को

डीआईजी अग्रवाल ने बताया कि इसके साथ ही SDRF को होमआईसोलेशन में रहने वाले मरीजों की भी जिम्मेदारी दी गई है. इस समय उत्तराखंड में 55 हजार से अधिक कोरोना के एक्टिव मामले हैं. उन्होंने बताया कि अधिकांश मरीज इस समय होम आईसोलेशन में ही हैं. SDRF की टीम इन मरीजों को मेडिसिन और कोरोना किट बांट रहे हैं.