नई दिल्ली – भारत-ब्रिटेन रोडमैप 2030 को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन के बीच मंगलवार शाम को एक वर्चुअल बैठक आयोजित की गई। विदेश मंत्रालय ने इसकी जानकारी दी है। मंत्रालय ने कहा कि इस बैठक के माध्यम से दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय संबंधों में नए अध्याय की शुरुआत हुई है। इस दौरान संपर्क, वाणिज्य, सुरक्षा, जलवायु और स्वास्थ्य जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा की गई। इस बैठक की बड़ी उपलब्धि वाणिज्य भागीदारी को बढ़ाने की घोषणा करना है।
0 पीएम मोदी और बोरिस जॉनसन ने माना कोरोना एक बड़ी चुनौती :
दोनों नेताओं के बीच कोरोना संक्रमण को लेकर भी चर्चा हुई। दोनों नेताओं ने माना कि दुनिया में कोरोना संक्रमण बहुत बड़ी चुनौती है. इससे निपटने में दोनों देश कदम से कदम मिलाकर इसका मुकाबला करेंगे। वहीं पीएम मोदी ने कोरोना के खिलाफ लड़ाई में ब्रिटेन का साथ मिलने पर बोरिस जॉनसन का धन्यवाद किया।
0 रोडमैप 2030 लॉन्च :
बैठक के दौरान एक रोडमैप 2030 भी लॉन्च किया गया, जो अगले 10 सालों में भारत-ब्रिटेन के सहयोग और व्यपार को मजबूती देने में मदद करेगा। ब्रिटिश पीएम ने माना कि भारत दुनिया का सबसे बड़ा बाजार है। उन्होंने बैठक से पहले ही भारत में 1 अरब पाउंड (करीब 10,000 करोड़ रुपए) निवेश करने की घोषणा कर दी थी। बैठक में दोनों नेताओं के बीच कारोबार को लेकर नए अवसर खोलना और भारत-ब्रिटेन के बीच फ्री ट्रेड एग्रीमेंट (FTA) को लेकर चर्चा हुई।
00 रक्षा उपकरणों और रोजगार समेत पर इन मुद्दों पर हुई च
इस बैठक में रक्षा उपकरणों के सह-उत्पादन और सह-विकास पर चर्चा हुई। दोनों देशों ने इस क्षेत्र में एक दूसरे की मदद करने का भरोसा दिया है। ब्रिटेन के प्रधानमंत्री कार्यालय से जारी बयान के अनुसार इस व्यापार और निवेश से ब्रिटेन में 6,500 से अधिक रोजगार सृजित होंगे। इस पैकेज में ब्रिटेन में 53.3 करोड़ पौंड का नया भारतीय निवेश शामिल है। इससे स्वास्थ्य और प्रौद्योगिकी जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों में 6,000 से अधिक रोजगार सृजित होने का अनुमान है।
बयान के अनुसार इसमें सीरम इंस्टीट्यूट का 24 करोड़ ग्रेट ब्रिटेन पौंड (जीबीपी) निवेश शामिल है। यह निवेश ब्रिटेन में टीका कारोबार और नये बिक्री कार्यालय में किया जाएगा। इससे एक अरब डॉलर से अधिक का नया कारोबार सृजित होने का अनुमान है।
दोनों पक्ष शिखर सम्मेलन के समापन पर 10 वषीय रूपरेखा जारी कर सकते हैं। इस रूपरेखा का उद्देश्य संबंधों को और मजबूत बनाना है। शिखर सम्मेलन से पहले विदेश मंत्रालय ने रविवार को कहा था कि बैठक बहुआयामी रणनीति संबंधों को नई ऊंचाई पर ले जाने और द्विपक्षीय हितों से जुड़े क्षेत्रीय तथा वैश्विक मुद्दों पर सहयोग बढ़ाने के लिये एक महत्वपूर्ण अवसर होगा।
बता दें कि जॉनसन को पिछले महीने भारत की यात्रा पर आना था लेकिन कोरोना वायरस महामारी के कारण उनकी यात्रा टल गई थी। इससे पहले, जनवरी में भी, जॉनसन की गणतंत्र दिवस समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में भाग लेने के लिये भारत आने की योजना थी, लेकिन ब्रिटेन में महामारी फैलने के कारण यात्रा टल गई।