समाजसेवी एल एन कड़वे की हालत नाजुक,शुभचिंतक कर रहे दुआएं ,प्रार्थनाएं

कोविड निगेटिव ,पर ढलती उम्र दे रही जवाब,जिला चिकित्सालय में चल रहा उपचार

हसदेव एक्सप्रेस न्यूज कोरबा। समाजसेवी एवं उन्नयन संस्था के संस्थापक एल .एन. कड़वे जिंदगी और मौत के बीच संघर्ष कर रहे हैं। श्री कड़वे स्वास्थ्य खराब होने की वजह से 10 मई से जिला चिकित्सालय में भर्ती हैं। जिंदगी की अंतिम घड़ियां गिन रहे श्री कड़वे के समर्थकों एवं शुभचिंतकों ने लॉकडाउन की वजह से घर पर बैठकर ही उनकी सलामती के लिए दुआओं प्रार्थनाओं का दौर शुरू कर दिया है।

यहाँ बताना होगा कि श्री कड़वे का कोविड-टेस्ट कराया गया है जो नेगेटिव है। वो कोरोनाकॉल में पूरी एहतियात के साथ रह रहे थे। लेकिन ढलती उम्र की वजह से पिछले कुछ दिनों से उनका स्वास्थ्य खराब हो गया है । जिसे देखते हुए परिजनों ने उन्हें जिला चिकित्सालय में भर्ती कराया है ।जहाँ उनका उपचार जारी है। मंगलवार की रात से उनकी हालत नाजुक बनी हुई है। चिकित्सक अपनी निगरानी में उनका उपचार कर रहे हैं। सन 1961 से कोरबा में आकर स्वछंद भाव से समाजसेवा कर रहे श्री कड़वे के स्वास्थ्य खराब होने की सूचना मिलने पर लॉकडाउन कोविड-प्रोटोकॉल का पालन करते हुए शुभचिंतकों समर्थकों ने दुआएं प्रार्थनाएं शुरू कर दी है।श्री कड़वे क्रांतिकारी विचारधारा के हैं समाज को आईना दिखाती उनकी दर्जनों रचनाएं प्रकाशित हो चुकी हैं। मीसाबंदी के समय स्वतंत्रता सेनानी (फ्रीडम फाइटर ) रहे श्री कड़वे ने सन 1975 में देश में लगे आपातकाल के दौरान भी तत्कालीन प्रधानमंत्री श्रीमती इंदिरा गांधी को तार भेजकर आपातकाल का विरोध किया था। ऐसा करने वाले श्री कड़वे उस दौर के जिले के एकमात्र सख्श थे। उस समय पुलिस तार को देखकर तय करती थी कि कौन से तार भेजे जाने योग्य है । श्री कड़वे के 52 दिन के कठिन अनशन ने प्रधानमंत्री कार्यालय तक लहचल मचा दी थी। स्वयं प्रधानमंत्री श्रीमती इंदिरा गांधी को श्री कड़वे से मिलने आना पड़ा था ।