लॉकडाउन में बिना अनुमति दो बेटियों की रचाई शादी,छोटी निकली नाबालिग ,दोनों के फेरों पर फिरा पानी

कटघोरा परियोजना के ग्राम पँचायत धंवईपुर के आश्रित ग्राम रामनगर में आज अक्षय तृतीया को आने वाली थी बिलासपुर से बारात,महिला एवं बाल विकास विभाग ने की कार्यवाई

हसदेव एक्सप्रेस न्यूज कोरबा । लॉकडाउन में प्रशासन से अनुमति लिए बगैर वयस्क पुत्री सहित नाबालिग पुत्री के शादी करने के मंसूबे को जिला प्रशासन ने फैल कर दिया है। । अक्षय तृतीया के दिन बिलासपुर से दोनों पुत्री की आने वाली बारात से पहले पहुंचकर महिला एवं बाल विकास विभाग की टीम ने पुलिस के सहयोग से दोनों विवाह रुकवा दिया है। जहाँ 16 वर्षीय किशोरी की शादी वयस्क होने के उपरांत तो वयस्क पुत्री की शादी प्रशासन से अनुमति लेने के बाद करने की टीम ने नसीहत दी है। दोनों पुत्री की शादी रुकने से परिजन आक्रोशित हो गए,लेकिन अंततः कानून एवं निर्धारित नियमों के अनुरूप पुत्रियों का विवाह करने का शपथ पत्र देकर परिजनों ने शादी रोक दी है।

मामला कटघोरा परियोजना का है । जेन्जरा सेक्टर के अंतर्गत आने वाले ग्राम पँचायत धंवईपुर के आश्रित ग्राम रामनगर में शादी के सबसे शुभ मुहूर्त अक्षय तृतीया के दिन शुक्रवार को एक घर में दो पुत्रियों का विवाह किया जा रहा था। 14 मई की शाम बिलासपुर से लगे गांवों से दोनों पुत्रियों की बारात आने वाली थी। इसी बीच शुक्रवार की प्रातः 7 बजे परियोजना अधिकारी श्रीमती ममता तुली को सूचना मिली कि परिजनों द्वारा 18 साल 1 माह की बड़ी पुत्री के साथ साथ सोलह वर्षीय छोटी पुत्री का बाल विवाह किया जा रहा है। परियोजना अधिकारी ने तत्काल तत्परता दिखाते हुए सेक्टर पर्यवेक्षकों पीटर जाटवर,एवं अनिता आडिल्य को पुलिस के साथ जांच के निर्देश दिए। सेक्टर पर्यवेक्षक कटघोरा पुलिस के साथ सुबह सुबह ही विवाह घर में पहुंच गईं। पुलिस और पर्यवेक्षकों की टीम को देख शादी की तैयारी में जुटे परिजन हक्के बक्के रह गए। उन्हें समझने में जरा भी देर नहीं लगी कि हमने कहीं न कहीं चूक की है। सेक्टर पर्यवेक्षक पीटर जाटवर,एवं अनिता आडिल्य
ने परिजनों को विवाह किए जा रहे युवती की आयु पर संदेह जताते हुए आयु प्रमाणित करने अंकसूची दिखाए जाने की बात कही। परिजनों ने दोनों युवती की स्कूल की प्रगति पत्रक दिखाई ,जिसमें बड़ी बेटी का उम्र 18 साल 1 माह तो छोटी बेटी का उम्र 18 साल से कम पाया गया। शाला प्रगति पत्रक में छोटी पुत्री की जन्मतिथि 7 जुलाई 2005 दर्ज था। जिसके तहत उसकी आयु 15 साल 10 माह 7 दिन हो रही थी । कन्या के विवाह के लिए निर्धारित 18 साल की आयु से कन्या की आयु 2 साल 2 माह कम पाई गई। टीम ने तत्काल इसे बाल विवाह करार देते हुए रोकने की बात कही। यही नहीं बड़ी पुत्री के विवाह के लिए भी लॉकडाउन में एसडीएम से नियमानुसार अनुमति नहीं ली गई थी । लिहाजा यह विवाह भी अनुमति प्राप्त होने तक पुलिस ने रोकने की बात कही। इससे परिजनों में हड़कंप मच गया। लेकिन विवाद बढ़ता उससे पहले पर्यवेक्षक एवं पुलिस ने लॉक डाउन में बिना अनुमति विवाह के आयोजन पर महामारी एक्ट व बाल विवाह कराने पर निर्धारित कानूनन सजा के बारे में जैसे ही परिजनों को अवगत कराया, वे भी शादी रोकने को राजी हो गए। टीम ने किशोरी की आयु 18 साल पूर्ण होने विवाह के लिए कानूनन वयस्क होने के बाद ही शादी करने की सहमति हेतु परिजनों से शपथ पत्र भरवाया। साथ ही वयस्क पुत्री की शादी 16 मई के बाद प्रशासन से विधिवत अनुमति लेकर निर्धारित प्रोटोकॉल (कोविड-निगेटिव रिपोर्ट धारी दस सदस्यों की मौजूदगी) में करने की बात कही । परिजनों ने भी टीम की समझाईश मान ली है। आदेश की अवहेलना पर सम्बन्धितों पर कानूनन कार्यवाई किए जाने की भी चेतावनी दी गई है। इस तरह विभागों की संयुक्त प्रयास से जिला प्रशासन लॉकडाउन के कठिन दौर में दूसरी बार बाल विवाह रोकने में सफल रहा।इससे पहले पाली के ग्राम उड़ता में साढ़े 17 वर्षीय किशोरी की बाल विवाह रोकने में महिला एवं बाल विकास विभाग की टीम ने सफलता हासिल की थी।

बाल विवाह पर 2 साल की जेल का है प्रावधान

देश में बाल विवाह रोकने कड़े कानून बनाए गए हैं । पूरे देश में बाल विवाह निषेध अधिनियम 2006 लागू है। इसके तहत लड़के की 21 साल और लड़की की 18 साल से पहले की शादी को बाल विवाह माना जाता है। तय उम्र से कम आयु में शादी करने व करवाने वालों पर 2 साल की जेल या एक लाख रुपए तक जुर्माना का प्रावधान है। परिस्थितियों के आधार पर दोनों सजा का भी प्रावधान है। यह सजा सभी धर्मों को मानने वालों के लिए सम्पूर्ण देश में लागू है। यहाँ तक कि बाल विवाह कराने वाले पंडित ,पादरी व अन्य लोगों पर भी इतनी ही कठोर दंड का प्रावधान है । शासन -जिला प्रशासन के निर्देश पर महिला एवं बाल विकास विभाग हमेशा उक्त अधिनियम के सम्बन्ध में लोगों में जन जागरूकता फैलाने की दिशा में कार्य करती रहती है।जिले में कलेक्टर किरण कौशल एवं जिला कार्यक्रम अधिकारी महिला एवं बाल विकास विभाग आनंद प्रकाश किस्पोट्टा के नेतृत्व में महिला एवं बाल विकास विभाग इस दिशा में लगातार लोगों में जन जागरूकता का प्रसार कर रही है।

वर्जन

रुकवा दिए हैं दोनों अवैद्यानिक विवाह

ग्राम पँचायत धंवईपुर के आश्रित ग्राम रामनगर में बाल विवाह की सूचना मिली थी। विवाह स्थल पर टीम भेजकर तत्काल शिकायत की जांच कराई गई । शिकायत सही पाई गई है। कन्या की आयु विवाह के लिए निर्धारित आयु से 2 साल कम पाई गई है। परिजनों को 18 वर्ष की आयु पूर्ण होने के उपरांत ही शादी करने की समझाईश देने ,वैद्यानिक प्रक्रिया पूरी करने के साथ बाल विवाह रुकवा दिया है। साथ ही वयस्क बड़ी पुत्री के विवाह के लिए भी प्रशासन से विधिवत अनुमति नहीं ली गई थी। लिहाजा अनुमति प्राप्त होने तक बड़ी पुत्री का विवाह भी नियमसानुसार रुकवा दिया है ।बाल विवाह की सूचना लोग बेझिझक दें उनका नाम पता मोबाईल नम्बर सब गोपनीय रखा जाता है। जन सामान्य के सहयोग से प्रशासन जिले में बाल विवाह की सामाजिक बुराई को रोकने में सदैव सफल रहेगा।

ममता तुली ,परियोजना अधिकारी, महिला एवं बाल विकास विभाग कटघोरा