आदेश की अवहेलना पर पंचायती राज अधिनिनम के तहत महिला पंचायत पदाधिकारी पर होगी कार्यवाई
हसदेव एक्सप्रेस न्यूज कोरबा। पंचायती राज संस्थाओं में पदस्थ निर्वाचित महिला पंचायत पदाधिकारियों के काम काज के संचालन में उनके सगे संबंधी (पिता /पति/ पुत्र ) अब हस्तक्षेप नहीं कर सकेंगे। सीईओ जिला पंचायत कोरबा ने पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के आदेश के तारतम्य में उक्त आदेश जिले में लागू कर दिया है।जिला पंचायत ,जनपद पंचायत से लेकर ग्राम पंचायतों में उक्त आदेश का पालन सुनिश्चित किया जाएगा। आदेश की अवहेलना पर पर संबंधित महिला पंचायत पदाधिकारियों के विरुद्ध पंचायती राज अधिनियम के अंतर्गत कार्यवाही की जाएगी।
यहाँ बताना होगा कि प्रदेश के ग्रामीण पंचायतों में महिला पंचायत पदाधिकारियों की भागीदारी हेतु 50 प्रतिशत आरक्षण का प्रावधान किया गया है। निर्वाचित महिला पंचायत पदाधिकारियों को पंचायतों के काम-काज यथा नियोजन ,क्रियान्वयन ,पर्यवेक्षण ,नियंत्रण आदि में स्वयं निर्णय लेने के संबंध में सक्षम बनाने के लिए भारत सरकार पंचायतीराज मंत्रालय नई दिल्ली द्वारा यह लेख किया गया है कि पंचायत के कामकाज के संचालन के दौरान पंचायत कार्यालय परिसर के भीतर महिला पंचायत पदाधिकारियों को उनके कोई भी सगे संबंधी /,रिश्तेदार पंचायत के किसी भी कार्य में हस्तक्षेप /दखलअंदाजी नहीं करेंगे। किसी विषय पर किसी भी पदाधिकारी /कर्मियों को महिला पंचायत पदाधिकारी की ओर से निर्णय लेकर सुझाव/निर्देश नहीं देंगे। सीईओ जिला पंचायत कुंदन कुमार ने उक्त निर्देश का उल्लेख करते हुए समस्त जनपद सीईओ ,सरपंच सचिवों को आदेश जारी कर आदेश का कड़ाई से पालन सुनिश्चित कराने के साथ ही साथ ग्राम पंचायतों को उक्त निर्देशों से अवगत कराने की बात कही है। आदेश के उल्लंघन पर संबंधित महिला पंचायत पदाधिकारियों के विरुद्ध पंचायत राज अधिनियम के अंतर्गत कार्यवाई की जाएगी।
जिले में पुरुष सदस्यों की दखलंदाजी है हावी
जिले में जिले में निर्वाचित महिला पंचायत पदाधिकारियों के पुरुष सगे सम्बंधियों (पति /पुत्रों)का उनके कार्य में दखलंदाजी हावी है।जिला पंचायत जनपद पंचायतों से लेकर ग्राम पंचायतों में इसको लेकर समय समय पर विवाद की स्थिति निर्मित होती रही है। महिला पंचायत पदाधिकारियों के अधिकार क्षेत्र में हस्तक्षेप किए जाने का मामला हाल ही में जनपद पंचायत कोरबा में प्रकाश में आया था। जहाँ जनपद उपाध्यक्ष के पुत्र पर सरपंचों ने भयादोहन का गम्भीर आरोप लगाया था। प्रेस कान्फ्रेंस कर जनपद उपाध्यक्ष को इसके लिए सफाई देनी पड़ी थी। प्रेस कांफ्रेंस में पत्रकारों ने शासन के उक्त नियम को जिले में लागू करने के सन्दर्भ में उपाध्यक्ष महोदया से उनका अभिमत पूछा था। जिसमें उन्होंने भी स्वयं इस आदेश का जिले में पालन सुनिश्चित कराने सम्बन्धी आदेश जारी करने की बात कही थी। बहरहाल सबसे आदिवासी बाहुल्य जिले में उक्त आदेश का ईमानदारी से पालन सुनिश्चित कराने पर टिकी रहेंगी।अधिकांश महिला पंचायत पदाधिकारी ज्यादा पढ़ी लिखी नहीं हैं। जिसकी वजह से उनके पुरुष रिश्तेदार उनके कार्यों में सीधे दखलंदाजी करते रहते हैं। ऐसे महिला पंचायत पदाधिकारियों पर इस आदेश का खासा असर पड़ेगा।