नई दिल्ली . देश का 59 प्रतिशत भू-भाग भूकंप संभावित क्षेत्र में समाहित है। इन क्षेत्रों में अलग-अलग तीव्रता वाले भूकंप आने की संभावना बनी रहती है।
शुक्रवार को पृथ्वी विज्ञान राज्यमंत्री जितेन्द्र सिंह ने लोकसभा एक लिखित उत्तर में यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि देश के भूकंपीय क्षेत्र के नक्शे में इन क्षेत्रों को चार भागों (जोन- V, जोन- IV, जोन- III जोन- II) में बांटा गया है। जोन- V भूकंपीय दृष्टि से सबसे अधिक सक्रिय यानी संवेदनशील है। देश का 11 प्रतिशत क्षेत्र इसके दायरे में आता है। इसी तरह जोन- IV के अंतगर्त 18 फीसदी क्षेत्र समाहित है। जबकि 30 प्रतिशत क्षेत्र जोन- III के तहत है तथा शेष क्षेत्र जोन- II में है।
जोन- V में ये क्षेत्र समाहित हैं :
भुज (गुजरात), दरभंगा (बिहार), गुवाहाटी (असम), इंफाल (मणिपुर), जोरहार (असम), कोहिमा (नागालैंड), मंडी (हिमाचल प्रदेश), पोर्ट ब्लेयर (अंडबार और निकोबार), सादिया (असम), श्रीनगर (जम्मू कश्मीर), तेजपुर (असम)
जोन- IV में ये क्षेत्र समाहित हैं :
अल्मोड़ा (उत्तराखंड), अंबाला (हरियाणा), अमृतसर (पंजाब), बहराइच (उत्तर प्रदेश), बरौनी (बिहार), बुलंदशहर (उत्तर प्रदेश), चंडीगढ़ (चंडीगढ़), दार्जिलिंग (पश्चिम बंगाल), देहरादून (उत्तराखंड), देवरिया (उत्तर प्रदेश), दिल्ली (दिल्ली), दिनाजपुर (पश्चिम बंगाल), गाजियाबाद (उत्तर प्रदेश), गंगटोक (सिक्किम), गोरखपुर (उत्तर प्रदेश), जलपाईगुड़ी (पश्चिम बंगाल), कूचबिहार (पश्चिम बंगाल), कोलकाता (पश्चिम बंगाल), लुधियाना (पंजाब), मुंगेर (बिहार), मुरादाबाद (उत्तर प्रदेश), नैनीताल (उत्तराखंड), पटना (बिहार), परगना (पश्चिम बंगाल), पीलीभीत (उत्तर प्रदेश), रुड़की (उत्तराखंड), शिमला (हिमाचल प्रदेश)