गत वर्ष की तुलना 24 फीसदी अधिक बरस चुके मेघ ,दस सालों की तुलना 40 फीसदी अधिक वर्षा दर्ज,74 फीसदी खरीफ फसलों की हो चुकी बुआई
हसदेव एक्सप्रेस न्यूज कोरबा। जिले में इस साल हो रही झमाझम बारिश ने एक बार फिर पिछले दस वर्षों के सारे रिकार्ड तोड़ डाले। 1 जून से लेकर अब तक जिले में औसतन 895 मिलीमीटर औसत वर्षा हो चुकी है। सालभर के सामान्य औसत वर्षा 1303 मिलीमीटर में से 68.7 फीसदी बारिश सावन के पहले पखवाड़े में ही हो चुके । जिसकी बदौलत न केवल 75 फीसदी खरीफ फसलों की बुआई हो चुकी है वरन इस बार बंपर पैदावार की उम्मीदें जगा दी है।
देश में कृषि को मानसून का जुआ कहा जाता है । लेकिन अतिवृष्टि और अनावृष्टि दोनों ही स्थिति में किसान बर्बाद हो जाते हैं। लेकिन इस साल मानसून मेहरबान है। धान का कटोरा कहे जाने वाले छत्तीसगढ़ में रिकार्डतोड़ बारिश हो रही है। बात करें कोरबा जिले की तो यहाँ बारिश ने न केवल गत वर्ष बल्कि आगामी दस वर्षों से सारे रिकार्ड सावन के शुरुआती माह में ही तोड़ डाले हैं। जिले में वर्षाकाल 1 जून से लेकर अब तक औसतन 895 मिलीमीटर औसत वर्षा दर्ज हो चुकी है। जबकि गत वर्ष इस समयावधि में 675.4 मिलीमीटर औसत वर्षा दर्ज की गई थी। इस लिहाज से गत वर्ष की तुलना 219 .6 मिलीमीटर 24 .53 फीसदी अधिक बारिश हो चुकी है।गत दस वर्षों के औसत वर्षा को भी देखें तो जिले में 40 .97 फीसदी अधिक वर्षा हो चुकी है। गत दस वर्षों के वर्षा का औसत योग आज की स्थिति में 528.3 मिलीमीटर दर्ज की गई थी। जिले में साल भर में 1303.31 मिलीमीटर सामान्य वर्षा तय किया गया है । इसमें से 68.7 फीसदी वर्षा अब तक हो चुकी है। जो कि अगस्त के पहले सप्ताह में एक रिकार्ड है । झमाझम हो रही बारिश से इस साल खरीफ फसलों की बंपर पैदावार की उम्मीद जगी है । जिले में 1 लाख 31 हजार 300 हेक्टेयर में खरीफ सीजन में धान ,अनाज ,दलहन व तिलहन की फसल ली जानी है। तय लक्ष्य में से अब तक 97 हजार 830 हेक्टेयर में विभिन्न पद्धतियों से फसल ली जा चुकी है। बात करें धान की तो इस साल 95 हजार हेक्टेयर कृषि भूमि में धान की फसल विभिन्न पद्धतियों रोपा, बोता ,लेही, चोपी कतार से ली जानी है ।जिसमें से अब तक 76 हजार 845 हेक्टेयर में धान की फसल ली जा चुकी है । इस तरह 80.89 फीसदी लक्ष्य की पूर्ति हो चुकी है। अनाज किस्म की फसलों ज्वार ,मक्का,कोदो -कुटकी रागी 10 हजार 465 हेक्टेयर में ली जानी है जिसमें से 7 हजार 585 हेक्टेयर में लक्ष्य की पूर्ति की जा चुकी है। बात करें दलहन की तो जिले में इस साल दलहन फसलों का दायरा बढाया गया है। इस साल 10 हजार 520 हेक्टेयर में दलहन की फसलें ली जानी है जिसमें से 5092 हेक्टेयर में फसल लेकर 48.40 फीसदी लक्ष्य की पूर्ति की जा चुकी है। तिलहन की फसलों पर नजर डालें तो इस साल 2 हजार 883 हेक्टेयर में तिलहन की विभिन्न फसलें मूंगफली, तिल ,रामतिल ली जानी है। जिसमें से 1789 हेक्टेयर में धान की फसल लेकर 62 .05 फीसदी लक्ष्य की पूर्ति की जा चुकी है। 12 हजार 432हेक्टेयर में सब्जी व अन्य फसलें ली जानी है यहाँ भी 52.44 फीसदी लक्ष्य की पूर्ति हो चुकी है।

रिकार्ड बारिश पर सर्वाधिक खेतिहर तहसील पिछड़े
जिले में भले ही रिकार्ड बारिश हुई हो पर जिले का सर्वाधिक खेतिहर तहसील करतला में इस गत वर्ष की तुलना कम बारिश हुई है। गत वर्ष इस समयावधि में करतला तहसील में 813 मिलीमीटर औसत वर्षा दर्ज की जा चुकी थी। जबकि इस साल अभी तक 618.9 मिलीमीटर औसत वर्षा ही हुई है। इस लिहाज से देखें तो 194 मिलीमीटर करीब 24 फीसदी बारिश कम हुई है। हालांकि इसके बाद भी करतला में सूखे के हालात नहीं हैं। बियासी ,रोपा कार्य के लिए खेतों में पर्याप्त पानी है। कोरबा तहसील में भी गत वर्ष की तुलना 78.2 मिलीमीटर औसत वर्षा कम हुई है । कोरबा में इस साल अब तक 802.2 मिलीमीटर औसत वर्षा तो गत वर्ष 880.4 मिलीमीटर औसत वर्षा दर्ज की गई थी।
वर्जन
बेहतर पैदावार की है उम्मीद
इस साल अब तक रिकार्ड वर्षा दर्ज की गई है। बेहतर बारिश से बम्पर फसलों के पैदावार की भी उम्मीद जगी है। किसानों को इस साल धान की फसलों के अलावा दलहन की फसलों के लिए भी प्रोत्साहित किए हैं ताकि उनकी आर्थिक स्थिति और सुदृढ़ हो जिले की दलहन की आवश्यकताओं को कुछ हद तक जिले से ही पूरी की जा सके। खाद बीज की कहीं कोई कमी नहीं है । सभी आरएईओ फील्ड पर नजर बनाए हुए हैं।
ए.के .शुक्ला उप संचालक कृषि

