7 सूत्रीय मांगों को लेकर सौंपा ज्ञापन,प्रबंधन ने 19 अगस्त तक मांगी मोहलत ,एसईसीएल के साथ नहीं रुक रही टकराहट
हसदेव एक्सप्रेस न्यूज कोरबा । शासन द्वारा निर्धारित वेतन भुगतान ,कार्य अवधि ,निकाले गए मजदूरों को कार्य पर लेने सहित 7 सूत्रीय मांगों को लेकर छत्तीसगढ़िया क्रांति सेना के नेतृत्व में ठेका श्रमिकों ने एसईसीएल कुसमुंडा प्रबंधन के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। प्रभावितों ने सोमवार को जहाँ महाप्रबंधक कार्यालय का घेराव कर दिया। वहीं आधा दर्जन गांवों के प्रभावित ग्रामीणों ने ठेका श्रमिकों के साथ मिलकर खदान में घुस नारायणी एंड संस इंडिया प्राईवेट लिमिटेड (एनएसआईपीएल ) कार्यालय का घेराव कर नारेबाजी करते हुए विरोध प्रदर्शन किया।घबराए प्रबंधन के अधिकारियों ने 19 अगस्त तक मांगों को पूरा करने का आश्वासन दिया है। इसके बाद ही हंगामा शांत हुआ।
यहाँ बताना होगा कि एसईसीएल कुसमुंडा परियोजना एवं ठेका कम्पनियों द्वारा स्थानीय श्रमिकों के शोषण की शिकायतें थमने का नाम नहीं ले रही है। एसईसीएल कुसमुंडा परियोजना के सोमवार को एक बार फिर विरोध के स्वर फूटे। एसईसीएल के कुसमुंडा परियोजना में कार्यरत निजी ठेका कम्पनी एनएसआईपीएल (नारायणी एंड संस इंडिया प्राइवेट लिमिटेड )द्वारा मजदूरों का किए जा रहे शोषण के खिलाफ शासन द्वारा निर्धारित दर पर वेतन भुगतान ,कार्य अवधि ,निकाले गए मजदूरों को कार्य पर लेने सहित 7 सूत्रीय मांगों को लेकर छत्तीसगढ़िया क्रांति सेना के नेतृत्व में ठेका श्रमिकों ने महाप्रबंधक कार्यालय का घेराव कर दिया। मुख्य द्वार पर एकत्रित होकर जमकर नारेबाजी की ,वहीं आधा दर्जन से अधिक गांवों के प्रभावितों के साथ ठेका श्रमिक खदान में जा घुसे। नारायणी एंड संस इंडिया प्राईवेट लिमिटेड (एनएसआईपीएल ) कार्यालय का घेराव कर नारेबाजी करते हुए विरोध प्रदर्शन किया।प्रदर्शनकारी ठेका श्रमिकों ने सभी मजदूरों को शासन द्वारा निर्धारित एचपीसी दर से वेतन भुगतान करने ,मजदूरों की कार्य अवधि 12 घण्टे से घटाकर 8 घण्टे करने ,मजदूरों से सरकारी छुट्टी पर काम लेने पर अतिरिक्त वेतन देने ,गलत ढंग से निकाले गए मजदूरों को तुरन्त काम पर रखने ,कोविड -19 के तहत काम लेने ,मजदूरों को मेडिकल कार्ड दिए जाने की मांग रखी। प्रदर्शन से घण्टों काम बाधित रहा जिससे एसईसीएल को बड़ी आर्थिक नुकसान की संभावना जताई जा रही है। घबराए प्रबंधन के अधिकारियों ने 19 अगस्त तक मांगों को पूरा करने का आश्वासन दिया है। इसके बाद ही हंगामा शांत हुआ।
पहले भी कंपनी की हो चुकी शिकायत ,एसईसीएल दे रहे संरक्षण
यहाँ बताना होगा कि एसईसीएल कुसमुंडा में कार्य कर रही
एनएसआईपीएल ठेका कंपनी के खिलाफ 4 मार्च व 19 जुलाई को आर्थिक शोषण की लिखित शिकायत की थी। लेकिन एसईसीएल एसईसीएल प्रबंधन ने शिकायत को ठंडे बस्ते में डाल दिया। जिससे नाराज ठेका श्रमिकों को आंदोलन के लिए अख्तियार होना पड़ा। मामला साफ है एसईसीएल खुद भी मजदूरों का शोषण कर रही साथ ही ठेका कंपनियों को संरक्षण देकर भोले भाले आदिवासी मजदूरों का शोषण करवा रही है। प्रदर्शनकारियों ने 19 अगस्त को नतीजा नहीं निकलने पर उग्र आंदोलन की चेतावनी दी है।