प्रभारी अधिकारियों से नहीं संभल रहा पाली अनुविभाग , अमला बेलगाम ,आरआई पटवारी खुले आम मांगते हैं रिश्वत ,शराब के नशे में करते हैं अभद्र व्यवहार

अधिकारियों से उठा भरोसा जनपद सदस्य के नेतृत्व में राजस्व मंत्री से की हटाए जाने की मांग

हसदेव एक्सप्रेस न्यूज कोरबा। पाली अनुविभाग के पटवारी व आरआई पर राजस्व कार्यों के संपादन एवज में खुले आम पैसे (रिश्वत)मांगने का आरोप लगा है। दोनों पर कार्यालयीन अवधि में शराब का सेवन कर अभद्र व्यवहार किए जाने का आरोप लगा है। जनपद सदस्य श्रीमती सुकृता गोंड के नेतृत्व में सरपंच एवं गामीणों ने आरआई पटवारी का तबादला करने की शिकायत राजस्व मंत्री जयसिंह अग्रवाल से की है। राजस्व मंत्री ने एसडीएम को जांच कर आवश्यक कार्यवाई करने के निर्देश दिए हैं।

यहां बताना होगा कि पाली अनुविभाग पिछले 5 माह से एसडीएम ,तहसीलदार विहीन है। कटघोरा एसडीएम श्रीमती सूर्यकिरण तिवारी को एसडीएम पाली का अतिरिक्त प्रभार दिया गया है तो वहीं हरदीबाजार तहसीलदार पंचराम सलामे पाली तहसीलदार का अतिरिक्त प्रभार देख रहे हैं।पृथक अनुविभाग बनने के बाद भी अधिकारियों की पदस्थापना नहीं किए जाने का खामियाजा आम जनता भुगत रही है। दोनों अधिकारियों का प्रशासनिक अमले नियंत्रण नहीं है। जिसका असर राजस्व कार्यों पर भी पड़ रहा है। सैकड़ों प्रकरण लंबित पड़े हैं। जिसमें तो कई प्रकरण सालों से लंबित हैं।न इनसे अनुविभाग संभल रहे न अमला। अब जमीनी स्तर से भी मैदानी अमलों की शिकायतें सामने आने लगी है। पटवारी हल्का न.4 बाँधाखार -नुनेरा -बसीबार के पटवारी जितेंद्र भावे व आरआई मनीष जायसवाल पर ग्रामीणों ने
राजस्व कार्यों के संपादन के एवज में खुले आम पैसे (रिश्वत)मांगने का आरोप लगाया है। दोनों पर कार्यालयीन अवधि में शराब का सेवन कर अभद्र व्यवहार किए जाने का आरोप लगाया है।ग्रामीणों के अनुसार दोनों अधिकारी राजस्व कार्यों के सुचारू ढंग से सम्पादन में सक्षम नहीं हैं। राजस्व अधिकारियों की कार्यशैली से ग्रामीणों जनप्रतिनिधियों का विश्वास उठने लगा है । लिहाजा जनपद सदस्य श्रीमती सुकृता गोंड के नेतृत्व में सरपंच एवं गामीणों ने आरआई पटवारी का तबादला करने की शिकायत राजस्व मंत्री जयसिंह अग्रवाल से की है। राजस्व मंत्री ने एसडीएम को जांच कर आवश्यक कार्यवाई किए जाने के निर्देश दिए हैं ।

कोरबा को मिली फिर निराशा , नहीं मिले अपर कलेक्टर

राज्य शासन ने रविवार राज्य प्रशासनिक सेवा के 96 अधिकारियों का नवीन स्थानांतरण आदेश जारी किया है। जिसमें यह उम्मीद बंधी थी कि इस बार कोरबा को अपर कलेक्टर मिलेंगे। लेकिन इस बार भी कोरबा के नसीब में निराशा आई। रायपुर व दुर्ग जैसे जिलों में पर्याप्त अपर कलेक्टर हैं। ऐसे में औद्योगिक जिला कोरबा जहां अपर कलेक्टर के दो पद स्वीकृत व रिक्त हैं प्राथमिकता देनी चाहिए । सूत्रों की मानें तो राजस्व मंत्री का निर्वाचन क्षेत्र गृह जिला होने की वजह से कोरबा भेजे जाने का नाम सुनते ही अधिकारियों में बेचैनी बढ़ जाती है। शायद यही वजह है वे कि अब तक कोरबा अपर कलेक्टर विहीन है। जिसका साफ असर राजस्व कार्यों पर पड़ता है। हाल ही में मातृत्व अवकाश से लौटीं संयुक्त कलेक्टर कमलेश नंदिनी साहू को अपर कलेक्टर का प्रभार दिया गया था। कल जारी हुए स्थानांतरण आदेश में उनका जांजगीर तबादला कर दिया गया है। कोंडागांव के संयुक्त कलेक्टर अवध सिंह राणा कोरबा के संयुक्त क्लेक्टर होंगे।