भाजपा को ‘पंजाब में कैप्टन’ का मिला सहारा! अमित शाह से मुलाकात के बाद सरकार और किसानों के बीच कड़ी बन सकते हैं अरमिंदर,बीजेपी के मास्टर स्ट्रोक से ‘हिट विकेट’ हो सकती है कांग्रेस

नई दिल्ली। पंजाब में तेजी से बदलते राजनीतिक हालात के बीच बुधवार शाम भाजपा के पूर्व अध्यक्ष अमित शाह और पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अरमिंदर सिंह के बीच हुई मुलाकात के बाद अरमिंदर सिंह के भाजपा में शामिल होने के कयास लगाए जा रहे हैं।

इस बीच खबर है कि अमित शाह ने कांग्रेस से नाराज चल रहे कैप्टन अरमिंदर सिंह को केंद्र में कृषि मंत्रालय संभालने का प्रस्ताव दिया है। हालांकि अभी ये सब ​अटकलें ही हैं कैप्टन अरमिंदर सिंह की ओर से कोई अधिकृत बयान जारी नहीं किया गया है, खुद कैप्टन अरमिंदर सिंह ने इसे निजी मुलाकात बताया है।
आपको बता दें कि नए कृषि सुधार कानूनों को रद्द करने पर अड़े किसान संगठन लगातार केंद्र सरकार की परेशानी बढ़ा रहे हैं। अब तक किसान संगठनों के साथ विवाद खत्म करने के लिए की गई सारी कोशिशें बेकार साबित हुई हैं। किसानों को पावर पॉइंट प्रेजेंटेशन के जरिए कृषि कानूनों की अच्छाइयां गिनाने की कोशिशें भी बेकार गई हैं।दरअसल, सरकार ने यह सोचकर कृषि कानूनों में कुछ संशोधन करने की हामी भी भरी थी किसानों का आक्रोश ठंडा पड़ेगा। लेकिन, अब किसान संगठनों ने उल्टा कानून रद्द करवाने के लिए लोकसभा का विशेष सत्र बुलाए जाने की मांग कर दी है। किसानों की मांगे सिर्फ कृषि कानून रद्द करवाने या फिर दो फसलों को मिल रहे एमएसपी की गारंटी देने तक ही सीमित नहीं है, अब 20 से अधिक दूसरी फसलों पर भी एमसपी की मांग की जा रही है।

कैप्टन अमरिंदर सिंह का सहारा लेने की कोशिश कर सकती है बीजेपी

ताजा घटनाक्रम से लगता है कि भाजपा किसानों का आंदोलन खत्म करने के लिए कैप्टन अमरिंदर सिंह का सहारा लेने की कोशिश कर सकती है। अमित शाह से आज हुई कैप्टन अमरिंदर सिंह की मुलाकात को इसी से जोड़कर देखा जा रहा है।भाजपा से जुड़े सूत्र बता रहे हैं कि भाजपा स्थिति से निपटने के लिए कोई भी कदम उठा सकती है। साल 2022 में चूंकि पंजाब में विधानसभा चुनाव होने हैं इसलिए पार्टी फूंक-फूंक कर कदम उठा रही है। एक भी गलत कदम उसके मंसूबों पर पानी फेर सकता है।वैसे भी कृषि कानूनों के अस्तित्व में आने से पंजाब में भाजपा को बहुत नुकसान उठाना पड़ रहा है, ऐसे में अगर कैप्टन अमरिंदर सिंह भाजपा के साथ आने को तैयार हो जाते हैं तो ये आने वाले पंजाब विधानसभा चुनाव से पहले बीजेपी का मास्टर स्ट्रोक माना जाएगा।