जल संसाधन विभाग द्वारा 2008 में मसूरिहा जलाशय के लिए किया गया था निजी भूमि का अर्जन,किसान मुआवजा के लिए लगा रहे गुहार
हसदेव एक्सप्रेस न्यूज कोरबा(भुवनेश्वर महतो) । पाली विकासखण्ड के मसूरिहा जलाशय राजस्व एवं जल संसाधन विभाग की निष्क्रियता की वजह से भू- अर्जन के एक दशक बाद भी तैयार नहीं किया जा सका। तत्कालीन अधिकारियों की उदासीनता का खामियाजा आज योजना में अपनी बेशकीमती जमीन देने वाले किसान भुगत रहे हैं, न तो किसानों के खेतों की प्यास बुझी न ही प्रभावित किसानों को करीब 12 एकड़ भूमि देने के बाद भी मुआवजा मिला। किसानों द्वारा गुहार लगाए जाने के बाद कलेक्टर श्रीमती रानु साहू ने एसडीएम को प्रकरण में त्वरित पहल के निर्देश दिए हैं। एसडीएम ने भू -अर्जन की शेष प्रक्रिया आगे बढ़ा दी है।
यहां बताना होगा कि 14 फरवरी 2008 को पाली विकासखण्ड में किसानों को सिंचाई सुविधा प्रदान करने जल संसाधन विभाग द्वारा मसूरिहा जलाशय के लिए 1 करोड़ 95 लाख 11 हजार प्रशासकीय स्वीकृति दी गई थी। योजना के अंतर्गत 200 हेक्टेयर खरीफ क्षेत्र में सिंचाई प्रस्तावित था। इस योजना के मुख्य कार्य मे ग्राम मुढाली के 23 किसानों का 4.891 हेक्टेयर (12.08 एकड़ )निजी भूमि का भू -अर्जन का प्रस्ताव तैयार कर 6 फरवरी 2009 को भू -अर्जन अधिकारी एवं अनुविभागीय अधिकारी राजस्व कटघोरा के कार्यालय में प्रस्तुत किया गया था। जिसमें धारा प्रकाशन संबंधी कार्यवाही प्रक्रियाधीन था। जांच उपरांत 4 .822 हेक्टेयर (11 .91 एकड़) रकबा सही पाया गया। लेकिन भूमि अर्जन ,पुनर्वासन और पुर्नव्यवस्थापन में उचित ,प्रतिकर और पारदर्शिता का अधिकार अधिनियम 2013 लागू होने पर भू -अर्जन प्रकरण को निरस्त कर दिया गया। उक्त प्रभावित भूमि के 22 कास्तकार के 36 खसरा का 4 .822 हेक्टेयर का भू -अर्जन प्रकरण 7 सितंबर 2015 को पुनः कलेक्टर के समक्ष भेजा गया था। लेकिन पिछले 6 साल में धारा 11 की ही कार्यवाही पूर्ण किया जा सका। धारा -19 की प्रकाशन हेतु कार्यालय भू -अर्जन अधिकारी द्वारा मांग की गई 80 प्रतिशत प्रतिकर की राशि के रूप में 77 लाख 56 हजार रुपए 28 मार्च 2019 को ही जल संसाधन विभाग ने जमा कर दिया था। धारा -19 के राजपत्र में प्रकाशन पश्चात धारा -21 के अंतर्गत जनसुनवाई उपरांत अवार्ड पारित किया जाएगा। यह कार्य आज पर्यन्त हो जाना था । लेकिन पिछले दो साल से कटघोरा पाली अनुविभाग में पदस्थ रहीं तत्कालीन एसडीएम सूर्यकिरण तिवारी ने इस दिशा में कोई सार्थक पहल नहीं की। जिसकी वजह से प्रभावित किसानों को हाल ही में कलेक्ट्रेट आकर मुआवजा के लिए गुहार लगानी पड़ी थी। लोटनापारा रामपुर एवं कटघोरा डायवर्सन जैसे करोड़ों के प्रोजेक्ट भी भू -अर्जन की पेंच में लटके हुए हैं। जिससे दर्जनों गांव के सैकड़ों किसानों के खेतों की प्यास बुझती। औद्योगिक अनुविभाग होने से उनसे जुड़े मुद्दों व सड़क निर्माण से जुड़ी योजनाओं के लिए भू -अर्जन को ही कटघोरा अनुविभाग के अब तक के अधिकारी प्राथमिकता देते रहे। बहरहाल कलेक्टर रानु साहू ने किसानों की इस समस्या को गंभीरतापूर्वक लिया है। उन्होंने नवपदस्थ एसडीएम नंदजी पांडेय को भू -अर्जन के लंबित प्रकरणों में संजीदगी से प्राथमिकता से कार्य करने का निर्देश दिया है। कलेक्टर के निर्देश पर एसडीएम नंद जी पांडेय ने लंबित प्रकरणों पर अर्जन की शेष प्रक्रिया शुरू कर दी है। जल्द ही धारा -19 का राजपत्र में प्रकाशन होगा।
डुबान क्षेत्र के कृषकों की भूमि अधिग्रहण के लिए प्रस्तावित
योजना के अंतर्गत सिर्फ शीर्ष (मुख्य) कार्य के मिट्टी बांध के दोनों फलेंकस का निर्माण क्षेत्र में आने वाले भूमि के कृषकों के भूमि ही प्रभावित हुई है। शेष किसानों जिनकी भूमि डूबान क्षेत्र में प्रभावित होगी ,उनका अभी अधिग्रहण के लिए प्रस्तावित किया गया है। डूबान क्षेत्र में प्रभावित किसानों के भूमि अधिग्रहण के बाद ही नाला क्लोजर का कार्य किया जाएगा।
योजना की लागत बढ़ गया तिगुना
मसूरिहा जलाशय योजना में लेटलतीफी का खामियाजा शासन को भी भुगतना पड़ रहा है। योजना की लागत बढ़ गई है। अब तक इस योजना में 2 करोड़ 43 लाख की राशि भू -अर्जन व निर्माण कार्य के लिए खर्च की जा चुकी है। जिसमें 70 प्रतिशत ही शीर्ष कार्य हुआ है। वर्ष 2010 में नए एसओआर लागू होने के पश्चात लागत वृद्धि तथा भू -अर्जन के मुआवजा दर में बढ़ोत्तरी होने के कारण 6 करोड़ 86 लाख 59 हजार का पुनरीक्षित प्राक्कलन छत्तीसगढ़ शासन जल संसाधन विभाग को प्रेषित किया गया है। मंत्रालय द्वारा 3 बिंदुओं पर जानकारी चाही गई है । विभाग शीघ्र निराकरण कर जवाब देने में जुटा है।
वर्जन
शीघ्र आगे बढ़ाएंगे प्रक्रिया
प्रकरण में शीघ्र आवश्यक प्रक्रिया आगे बढ़ाएंगे। अन्य लंबित भू -अर्जन के प्रकरणों की भी जानकारी लेकर प्राथमिकता से प्रकरणों को निर्धारित समयसीमा में निराकृत किया जाएगा।
नंद जी पांडेय ,प्रभारी एसडीएम पाली अनुविभाग
वर्जन
भू -अर्जन की प्रक्रिया नहीं बढ़ रही आगे
हमने भू -अर्जन अधिकारी द्वारा चाही गई समस्त प्रक्रिया पूर्ण कर प्रकरण आगे की कार्यवाही के लिए प्रस्तुत कर दिया है। वहीं से प्रक्रिया आगे नहीं बढ़ रही,लागत बढ़ने की वजह से पुनरीक्षित प्राक्कलन भेजे हैं।
संतोष तिवारी ,प्रभारी ई ई ,जल संसाधन विभाग कोरबा