किसानों से वादाखिलाफी कर रही कांग्रेस सरकार ,1 नवंबर से खरीदी नहीं करना कम धान खरीदने की चाल -भाजपा

प्रेस वार्ता में धान खरीदी सहित किसानों के मुद्दे को लेकर भाजपा नेताओं ने सरकार को घेरा, राज्यपाल के नाम कलेक्टर को सौंपा ज्ञापन

हसदेव एक्सप्रेस न्यूज कोरबा। केन्द्र सरकार द्वारा 61 लाख मीट्रिक टन धान लेने की घोषणा करने के बाद भी प्रदेश सरकार द्वारा धान खरीदी में की जा रही लेटलतीफी किसानों के कम धान खरीदने की चाल है। धान की पूरी कीमत का एकमुश्त भुगतान करने सहित पिछला बकाया भुगतान करने में यह सरकार विफल रही है। दाना -दाना धान खरीदने का वादा करने वाली राज्य सरकार गिरदावरी के बहाने रकबा में कटौती कर रही है ।उक्त बातें प्रदेश के पूर्व गृहमंत्री रामपुर विधायक ननकीराम कंवर ने टी पी नगर स्थित भाजपा कार्यालय में भाजपा की तरफ से आयोजित प्रेस वार्ता में कही। भाजपा के सभी जिला पदाधिकारियों ने धान खरीदी में विलंब करने सहित किसानों की अन्य समस्याओं पर राज्य सरकार की नीति की आलोचना करते हुए राज्यपाल के नाम कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा ।

पत्रकार वार्ता के माध्यम से भारतीय जनता पार्टी के नेताओं ने कहा कि छत्तीसगढ़ में धान की फसल अब तैयार है लेकिन शासन द्वारा इस सत्र में इसकी खरीदी को लेकर किसी तरह की घोषणा नहीं किये जाने से किसानों में बेचैनी है।सभी जानते हैं कि प्रदेश में मुख्य रूप से महामाया और सरना दो किस्म के धान की खेती होती है। इसमें महामाया जहां 115 से 125 दिन में तैयार हो जाता है, वहीं सरना 130 से 145 का समय लेती है। प्रदेश में 15 जून से लेकर 30 जून तक फसल की बुवाई पूरी हो जाती है। ऐसे में महामाया धान की फसल की कटाई का काम जहां नवम्बर के पहले सप्ताह में पूरी हो जायेगी, वहीं सरना की कटाई भी पहले सप्ताह में ही शुरू हो जायेगी।किसानों को कटाई और मिजाई के लिए भी पैसे की ज़रूरत होती है, इसके साथ ही हिन्दुओं का प्रमुख त्यौहार दीपावली भी पहले सप्ताह में ही होने के कारण किसानों को पैसों की सबसे अधिक आवश्यकता इसी समय होती है। लेकिन अभी तक शासन द्वारा धान खरीदी का कार्यक्रम घोषित नहीं किया गया है। भाजपा के शासन काल में लगातार एक नवम्बर से धान खरीदी के लिए हल्ला करने वाली कांग्रेस अभी तक इस मामले पर चुप्पी साढ़े हुई है जिससे किसानों का धैर्य अब टूटता जा रहा हैप्रदेश में इसी तरह धान के रकबे को गुपचुप ढंग से कम किए जाने की साजिश भी कांग्रेस सरकार रच रही है। अफसरों पर दबाए डाला जा रहा है, कर्मचारियों को जबरन धान का रकबा कम दिखाये जाने का निर्देश दिया जा रहा है। रकबे को काफी कम कर धान खरीदने के अपने कर्तव्य से प्रदेश सरकार बचना चाह रही है।प्रेस वार्ता में भाजपा प्रदेश उपाध्यक्ष लखन लाल देवांगन, जोगेश लांबा, महामंत्री संतोष देवांगन श्री टिकेश्वर राठिया उपाध्यक्ष डॉ आलोक सिंह श्रीमती उमा भारती सराफ, जिला मीडिया प्रभारी मनोज मिश्रा, सह प्रभारी पवन सिन्हा, आईटी सेल जिला संयोजक नवदीप नंदा, सोशल मीडिया के जिला संयोजक अजय चंद्रा कार्यालय प्रभारी अमीलाल चौहान हेमलाल झारिया, न्याज़ आरबी, रामअवतार पटेल सहित भाजपा के अनेक कार्यकर्ता मौजूद रहे।

किसानों के साथ धोखा कर रही कांग्रेस सरकार

भाजपा प्रदेश कार्यसमिति सदस्य विकास महतो ने कहा कि कांग्रेस द्वारा शुरू से ही अपने घोषणा पत्र के उलट केवल 15 क्विंटल धान खरीद कर भी किसानों के साथ धोखा कर रही है। चुनाव के समय कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने भी घोषणा की थी कि किसानों का एक-एक दाना धान खरीदेंगे। अब जब केंद्र सरकार खुद प्रदेश की लगभग सारी उपज खरीदने की घोषणा कर चुकी है, मोदी जी की सरकार प्रदेश से 61 लाख मीट्रिक टन से अधिक चावल खरीदने का निर्णय ले चुकी है, तो किसानों का दाना दाना खरीदने में आखिर भूपेश सरकार को क्या दिक्कत है? ऐसा लगता है कि दुर्भावना वश यह सरकार प्रदेश की जनता को अन्य योजनाओं की तरह धान खरीदी में भी केंद्र की भाजपा सरकार के निर्णयों का लाभ नहीं लेने दे रही है।

न्यूनतम समर्थन मूल्य 2800 रुपए करे

भाजपा जिला अध्यक्ष डॉक्टर राजीव सिंह ने कहा कि केंद्र सरकार लगातार फसलों के एमएसपी में वृद्धि करती जा रही है लेकिन छत्तीसगढ़ के किसानों को इसका लाभ नहीं मिल रहा है। कांग्रेस सरकार अपने वादे के अनुसार धान का 25 सौ रूपये प्रति क्विंटल कीमत एकमुश्त तो नहीं ही दे पा रही है, ऊपर से केंद्र द्वारा हर सत्र में जो समर्थन मूल्य बढाया जा रहा है, उसका भी लाभ किसानों को नहीं दिया जा रहा है। पिछले सत्रों में केंद्र ने धान के समर्थन मूल्य में करीब 300 रूपये की वृध्दि की है। इस अनुपात में प्रदेश के किसानों को अगले फसल के लिए न्यूनतम 2800 रूपये प्रति क्विंटल धान की कीमत एकमुश्त देने की घोषणा करना चाहिए।

सरकार दिवालिया हो गई है ,हर जगह कमिशनखोरी चल रही

पूर्व गृहमंत्री ननकीराम कंवर ने कहा कि यह सरकार दिवालिया हो गई है। अपराध इनके लिए कमीशन का जरिया बन गई है । एक आदिवासी महिला से 1 बोतल शराब के लिए 18 हजार वसूल लिए। हर जगह कमीशनखोरी चल रही । जिले में रेत ,कोयला ,कबाड़ हर जगह केवल कमीशनखोरी चल रही । जो कमीशन नहीं देते अधिकारी उसके खिलाफ कार्रवाई करते हैं। उन्होंने नकटीखार की जगह कोरबा विधानसभा के ग्राम दादरखुर्द में धान उपार्जन केंद्र खोले जाने पर कहा कि मंत्री की राजनीतिक महत्वाकांक्षा के लिए 434 किसानों को नजरअंदाज कर अगर 6 किसानों के लिए उपार्जन केंद्र खोल दिया गया। जिसका उन्होंने विरोध जताया है। किसानों को इससे 8 किलोमीटर का अधिक सफर तय कर धान बेचने आना पड़ेगा।

भाजपा की ये है मांग 👇

-०धान खरीदी हर हाल में एक नवंबर से प्रारंभ करे।

-०धान की पूरी कीमत का भुगतान एकमुश्त हो। पिछला बकाया भुगतान तुरंत हो।

० केंद्र द्वारा एमएसपी में लगातार किये गए वृद्धि का लाभ किसानों को देना सुनिश्चित हो।

०गिरदावरी के बहाने रकबा कटौती पर पूरी तरह रोक लगाए जाएं।

०कांग्रेस की घोषणा के अनुरूप किसानों का दाना-दाना धान खरीदे जाएं।

०घोषणा पत्र में किये वादे अनुसार किसानों को दो वर्ष का बकाया बोनस दिए जायें।