प्रखर कोरबा। कोयलांचल में कोयला तस्कर एक बार फिर सक्रिय हो गए हैं। दिहाड़ी मजदूरी में मजदूर लगाकर खदान से अच्छी क्वालिटी का कोयला बोरियों में भरवाकर भंडारित कराने के बाद उसे मालवाहनों से बाहर भिजवाया जा रहा है। लंबे समय से चल रहे कोयले के इस काले कारोबार के सरगना का एक मामला बुधवार की रात पकड़ में आया है । इससे पहले दर्जनों ट्रक और हजारों बोरी कोयला पार हो चुकी है।कटघोरा थानांतर्गत संचालित बगदेवा खदान के समीप लखनपुर में चोरी का कोयला लदा अठ्ठारह चक्का वाहन को पुलिस ने मीडिया कर्मियों की सूचना पर आधी रात को जब्त किया। ट्रक में 14-15 टन अवैद्यानिक कोयला लदा होना पाया गया है।

जानकारी अनुसार 26 अक्टूबर की रात करीब 12 बजे बगदेवा खदान के समीप एक ट्रक क्रमांक सीजी-15 एसी-2890 में चोरी का कोयला लोड कर उसे गंतव्य की ओर रवाना करने की तैयारी चल रही थी कि इसकी सूचना कटघोरा थाने को दी गई। पुलिस ने मौके पर पहुँचकर वाहन में लदा कोयला के संबंध में आवश्यक पड़ताल की तो कोई जानकारी नहीं मिली। ट्रक में न तो चालक था और न परिचालक। आसपास वे लोग जरूर मिले जो कोयला लदान में लगे थे। हालांकि पुलिस के मुताबिक इनसे कोई जानकारी नहीं मिल पाई कि किसके लिए वे यह काम कर रहे थे।बहरहाल पुलिस ने लावारिश हालत में मिले कोयला लदा ट्रक को जप्त कर लिया है। थाना प्रभारी निरीक्षक नवीन देवांगन ने बताया कि लावारिस हालत में मिलने के कारण धारा 102 भादवि के तहत प्रकरण दर्ज करने के साथ ही अग्रिम जांच के लिए खनिज विभाग को मामला सौंप दिया गया है। यह पता लगाया जा रहा है कि अवैध कोयला का काम किसके द्वारा और किसके लिए किया जा रहा है और इस कार्य में कौन-कौन शामिल हैं। यह भी एक बड़ा सवाल है कि यह अवैध कार्य नजरों से बच कैसे रहा था और मुखबिरों की रडार से कैसे चूका रहा।

बिलासपुर के पार्टनर के साथ चला रहा गिरोह ,प्रतिदिन 30 से 40 टन कोयला कर रहा पार
विश्वसनीय सूत्रों के मुताबिक कोरबा निवासी एक पुराना कोयला तस्कर दीपका एवं बगदेवा खदान के भीतर से कोयला चोरी का काम बीते महीने से करा रहा है। इस कोयला तस्कर का अवैध कोल डिपो जिला मुख्यालय से लगे एक गांव में है जहां से वह इस काले कारनामे को अंजाम देता आ रहा है। इस तस्कर के साथ बिलासपुर की एक पार्टी और पार्टनर भी जुड़ा है जो सारी हेराफेरी में संलिप्त है और गिरोह के रूप में काम कर रहे हैं। हर दिन 30 से 40 ट्रिप कोयला बोरियों में भरकर पार किया जाता रहा। इस हिसाब से न जाने कितने ट्रक कोयला उक्त मामले पकड़े जाने से पहले खपा दिया गया। सारा कोयला बिलासपुर में भंडारित हो कर आर्डर पर खपाया जाता है।