कोरोना महामारी से बचाव के लिए हो रहे टीकाकरण में दोनों डोज का 100 प्रतिशत लक्ष्य हासिल करने वाले देश के जिलों में अब रायगढ़ का नाम भी शामिल हो गया है। जिले ने पहली डोज का लक्ष्य 21 अगस्त को पूरा कर लिया था। कई महाअभियान, डोर-टू-डोर वैक्सीनेशन, हर वैक्सीनेटर को हर दिन का टारगेट, जागरूकता अभियान के कारण जिला ने महज 298 दिनों में टीकाकरण का लक्ष्य हासिल कर लिया।
रायगढ़ में 16 जनवरी 2021 से शुरू हुई टीकाकरण की यह मुहिम 9 नवम्बर को लक्ष्य तक पहुंची। पिछले 298 दिनों में कलेक्टर भीम सिंह के नेतृत्व व जिला पंचायत सीईओ डॉ.रवि मित्तल की निगरानी में स्वास्थ्य विभाग के साथ पूरे जिला प्रशासन की टीम ने अथक मेहनत व परिश्रम से टीकाकरण के इस महत्वपूर्ण लक्ष्य को पूरा किया है। जिले को 10 लाख 68 हजार 456 लोगों को टीके लगाए जाने का लक्ष्य मिला था, जिसे पूरा करते हुए इतने लोगों को टीके के दोनों डोज लगाई जा चुकी है। जिले में अब तक पहला व दूसरा डोज मिलाकर जिले में कुल 21 लाख 47 हजार 169 टीके लगाए गए है।
साझेदारी से पूरी हुई जिम्मेदारी: कलेक्टर
जिले की इस उपलब्धि पर कलेक्टर भीम सिंह ने कहा कि कोविड टीकाकरण सबसे पहले पूरा करना एक अहम उपलब्धि है लेकिन उससे ज्यादा महत्वपूर्ण एक बहुत बड़ी जिम्मेदारी थी। स्वास्थ्य विभाग के साथ अन्य सभी विभागों के अधिकारियों से लेकर जमीनी अमले, जनप्रतिनिधियों और जागरूक नागरिकों की आपसी साझेदारी का परिणाम है जो इतनी महत्वपूर्ण जिम्मेदारी पूरी करने में हमे सफलता मिली। एक टीम की तरह सभी ने काम किया। टीकाकरण के लिए सुनियोजित प्लानिंग, उसका क्रियान्वयन, टीके की उपलब्धता, उसका मोबिलाइजेशन, ग्राउंड लेवल पर लोगों को टीके लगवाने के लिए प्रेरित करना, हिचक रहे लोगों की शंका दूर कर टीका लगवाने की चुनौती इन तमाम पहलुओं पर सभी ने सामूहिक जिम्मेदारी से काम किया जिससे जिले ने वर्तमान वैश्विक महामारी से सुरक्षा और बचाव के परिपेक्ष्य में यह अहम उपलब्धि हासिल की है।
रणनीति, रोजाना फॉलोअप से मिली सफलता
रायगढ़ जिले को पूर्ण रूप से टीकाकृत बनाने के लिए कलेक्टर भीम सिंह के नेतृत्व में शुरूआत से ही अग्रेसिव स्टे्रटेजी अपनायी गई। एक ओर जहां अधिक से अधिक वैक्सीनेशन सेंटर संचालित किए गए वहीं दूसरी ओर लोगों तक हर संभव माध्यम से संवाद स्थापित कर टीके का महत्व तथा जल्द टीकाकरण कराने के फायदों को बताया गया। कुछ लोगों के बीच टीकाकरण को लेकर जो भ्रांतियां व्याप्त थी, उसे भी दूर किया गया। इसमें जनप्रतिनिधियों, सरपंचों का भी सहयोग लिया गया। जिसका परिणाम हुआ कि जिले में टीकाकरण को लेकर स्वस्फूर्त सकारात्मक माहौल निर्मित हुआ। शुरू में जहां वैक्सीनेशन सेंटर में लोगों को टीके लगाए गए, वहीं अंतिम चरणों में रणनीति बदलते हुए लोगों के घरों पर दस्तक दी गई। जिससे टीकाकरण की रफ्तार बनी रही । प्रदेश में अब तक एक दिन में सबसे अधिक 1 लाख 43 हजार से अधिक लोगों को टीके लगाने का रिकॉर्ड बनाया गया।