बिलासपुर/ बिलासपुर नगर में लगभग 20 से अधिक शादी घर है जिनमे संभ्रांत परिवार के लोग अपनी खुशी के पल सांझा करने के लिए मोटी रकम भी देते है औऱ कई होटल्स भी है जहाँ पर हर वर्ग समुदाय के लोगों द्वारा पारिवारिक शादी विवाह के आयोजन किये जाते हैं परंतु क्या उन होटलों अथवा शादी घरों में सिक्योरिटी के नाम पर व्यवस्थाएं अनुकूल हैं कि नहीं अब यहां सवाल ऐसा क्यों उठ रहा है!
क्योंकि आज ही एक ऐसी घटना होटल ग्रैंडअंबा में घटित हुई जो कि बेहद निंदनीय है। सुप्रसिद्ध होटल ग्रांड अम्बा में आज एक शादी समारोह हेतु आयोजित कार्यक्रम में उपस्तिथ मेहमानों के साथ ऐसा दुर्व्यवहार हुआ जो सचमुच शर्मसार करने वाला है और तो और महज छोटी से पार्किंग व्यवस्था पर जिस तरह से महिलाओं से मारपीट करना होटल मैनेजमेंट की व्यवस्थाओं पर प्रश्नचिन्ह खड़ा करता है।





यदि इस तरह का दुर्व्यवहार शादी पार्टियों में आए हुए मेहमानों के साथ किया जाएगा तो आगे फिर हर परिवार उन होटलों से दूरी बना लेगा जो होटल्स अपनी व्यवस्थाओं पर इस तरह की काली पोतने का तमगा लगाए बैठे हैं।
होता यह है कि किसी भी समुदाय की शादी विवाह अथवा किसी भी आयोजन का होटल मैनेजमेंट का जिम्मा लेता है कि उनकी खुशियों में चार चांद लगा देगा लेकिन यदि उसी होटल के मैनेजमेंट द्वारा आयोजित कार्यक्रम मैं होटल मैनेजमेंट की तरफ से मेहमानों से दुर्व्यवहार अथवा मारपीट की जाती हैं तो ये अपने आप में पहला मामला नजर आता है और अब यहाँ देखने वाली बात यह है कि होटल ग्रैंडअंबा में आयोजित समारोह में उन्हीं के मेहमानों के साथ यदि मारपीट की गई और मामला इतना बिगड़ा की पूरे सिंधी समुदाय को सिविल लाइन थाने का घेराव करना पड़ा तब तो ये पूरे प्रशासन पर ही सवाल उठने की बात है तथा
होटल मैनेजमेंट की प्रतिष्ठा पर भी आंच आने का विषय बनता है…?
आज इस घटना से हर संभ्रांत परिवार भयभीत है की खुशी के आयोजन में एक मोटी रकम देने के बाद भी यदि हम सुरक्षित नहीं हैं तो ऐसे मैनेजमेंट के द्वारा हम अपने परिवार को कैसे सुरक्षित समझें?
होटल ग्रैंड अम्बा संचालकों ने महिलाओं को बेल्ट लात घूँसों से पीटा
प्रार्थी को ही कई घंटो थाने में बिठाया गया
सिविल लाइन टीआई शनिप रात्रे पर होटल मैनेजमेंट से प्रार्थी से समझौता करने का लगातार दबाव बनाने का आरोप
शहर के सभी टी आई पहुँचे सिविल लाईन
पार्किंग के नाम पर हुआ विवाद
शहर के पुराना बस स्टैंड के पास स्थित होटल ग्रैंड अम्बा में आज नविंद्र कुमार साव (मंगला) और मोहन लाल जैसवानी (हेमू नगर) दोनों परिवारों के बीच शादी समारोह चल रहा था। कार पार्किंग की मामूली बात पर शुरू हुआ विवाद इतना बढ़ गया कि नौबत मारपीट तक आ गई।
घटना का वीडियो भी सामने आया है जिसमें होटल प्रशासन के लोग जैसवानी परिवार की महिलाओं और पुरुषों को बुरी तरह पीटते नज़र आ रहे हैं।
उल्टे प्रार्थी पक्ष को ही थाने में बिठा लिया गया है।
प्रार्थी जैसवानी परिवार का कहना है कि वे लोग घटना के तुरंत बाद ही थाने आ गाय थे। लेकिन टी आई ने आरोपियों पर कारवाई करने के बजाए प्रार्थी पक्ष के ही एक व्यक्ति को कई घंटों से थाने में बिठा रखा है
एफ आईआर न करने की टी आई की ऐसी ज़िद सचमुच समझ से परे है।
थानेदार शनिप रात्रे प्रार्थी पक्ष की
एफआईआर लिखने की बजाए समझौता कर लेने पर इतना ज़ोर क्यों दे रहे थे?प्रार्थियों ने टीआई शनिप रात्रे से सबके सामने जब ये सवाल पूछा कि साहब आप हमारी FIR क्यों नहीं लिख रहे हैं? किसका दबाव है आपके ऊप तो होनहार TI महोदय की बोलती बंद हो गई।
प्रार्थी परिवार का ये भी अंदेशा है कि शायद TI थानेदार महोदय को होटल संचालकों की तरफ़ से कोई ऑफर आया होगा शायद इसीलिए वे प्रार्थियों की नहीं आरोपियों की तरफ़दारी कर रहे हैं।
बिलासपुर विधायक शैलेष पांडेय पहुंचे सिविल लाइन थाने विधायक ने कहा कि निष्पक्ष जांच होनी चाहिए में किसी राजनीतिज्ञ द्रष्टिकोण पर नही वरन एक जनप्रतिनिधि होने की जिमेदारी का निर्वहन करते हुए आपसे ये निवेदन करने आया हु की किसी की खुशियो में इस तरह का क्लेश उत्पन्न करने वालो पर सख्त कार्यवाही होनी चाहिये चाहे वह कोई भी हो
पुलिस प्रशासन हाय हाय के भी लगे नारे
प्रार्थी पक्ष सिंधी समाज के सैकड़ों लोग सिविल लाईन थाने में मौजूद रहे और टीआई की एक तरफ़ा कारवाई के विरोध में नारेबाज़ी भी की
सिविल लाईन TI के हाथ पैर फूले नही संभाल पा रहे थे स्तिथि शहर के सभी थाना प्रभारी पहुँचे सिविल लाइन
रसूखदारों की तरफ़दारी करने और प्रार्थियों की फ़रियाद अनसुनी कर देने जैसे गंभीर आरोप सिविल लाईन TI पर कई बार लग चुके हैं। आज के मामले में भी उनका यही चेहरा दिखाई दिया है। लेकिन प्रार्थी भी अपनी बात पर अड़े रहे।
सिविल लाईन थाने का बिगड़ता माहौल संभालने में TI शनिप रात्रे आज पूरी तरह असफल नज़र आए इसलिए सरकंडा,तारबहार, कोतवाली व अन्य थानों के थानाप्रभारियों को बुलाया गया है ताकि वे अपने अनुभव और समझदारी से मामले को हैंडल सके
अंततः प्रार्थी पक्ष के आवेदन पर जांच कर एफआईआर करने का पुलिस प्रशासन द्वारा आश्वासन देने के बाद मामला शांत हुआ।