तीन देश के नेताओं की सलाह दरकिनार ,यूक्रेन के साथ जंग रोकने तैयार नहीं पुतिन, जानिए वजह

यूक्रेन । रूस-यूक्रेन की जंग को आज 12 दिन हो गए हैं। रूसी सैनिक लगातार यूक्रेनी शहरों में मिसाइलें दाग रहे हैं। इसी बीच जंग को रोकने के प्रयास जारी हैं। अमेरिका और कई दूसरे देश यूक्रेन के साथ हैं। यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की ने तीन देश के नेताओं से जंग खत्म करने को लेकर मदद की अपील की।

जेलेंस्की ने इजराइल के प्रधानमंत्री नफ्टाली बेनेट, तुर्की के राष्ट्रपति एर्दोआन और फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों से अपील की थी कि वे रूसी राष्‍ट्रपति व्‍लादिमिर पुतिन से युद्ध रोकने के लिए कहें। तीन देशों के नेताओं ने पुतिन से टेलीफोन पर बात की। बावजूद इसके जंग पर ब्रेक नहीं लग सका है।

जंग खत्म न करने की पुतिन के पास दो वजह है

पुतिन जंग को रोकना नहीं चाह रहे हैं। इसकी दो वजह हैं। पहली- पुतिन को अमेरिका और यूरोप पर भरोसा नहीं है। पुतिन को लगता है कि अमेरिका यूरोप के बहाने रूस को घेरना चाहता है। यूक्रेन अमेरिकी दबदबे वाले नॉर्थ अटलांटिक ट्रीटी ऑर्गेनाइजेशन (NATO) में शामिल होना चाहता है। इससे रूस को सुरक्षा के लिहाज से खतरा हो सकता है। इसी के साथ यूक्रेन ने यूरोपियन यूनियन यानी EU की मेंबरशिप की मांग की है।

नाटो और EU का महत्वपूर्ण एग्रिमेंट

नाटो और EU का महत्वपूर्ण एग्रिमेंट ये होता है कि यदि किसी सदस्य देश पर आंच आई तो सभी देश मिलकर लड़ेगे। यानी इसके किसी भी देश के खिलाफ बाहरी हमले को सभी सहयोगियों के खिलाफ हमला माना जाएगा। इसलिए यूक्रेन के नाटो मेंबर बनते ही रूस चारों ओर से नाटो देशों से घिर जाएगा। इससे अमेरिका को रूस पर सिधा हमला करने की आजादी मिल जाएगी।

रूस को चाहिए रूतबा

दूसरी वजह है रूतबा। पुतिन को वही रूतबा चाहिए जो रूस का सोवियत संघ में था। हाल में, रूस की इकोनॉमी गिर गई है। दूसरे वर्ल्ड वॉर के बाद सोवियत संघ बड़ी ताकत बनकर उभर रहा था। रूस यूरोपीय देशों पर अपना दबदबा बनाना चाहता था। इसके कारण रूस के संबंध यूरोपीय देशों के साथ खराब हो गए। रूस की इसी हालत का फायदा उठाना चाहता है अमेरिका, इसलिए वो चाहता है कि यूक्रेन नाटों और EU का सदस्य बन जाए। इससे अमेरिका सबसे बड़ी ताकत बनकर उभर सकता है।