बिलासपुर। सहकारी बैंक में लाखों की गड़बड़ी मामले में दो साल बाद पुलिस ने एक्शन लिया है। बैंक की एक महिला कर्मचारी को गिरफ्तार किया गया है। प्रकरण अन्य संदेहियों के खिलाफ भी जांच चल रही ,आरोपों की पुष्टि होते ही उनकी गिरफ्तारी की जाएगी।
जानकारी अनुसार दो साल पहले कोरोना काल के बीच लॉकडाउन के समय सकरी के पांच किसानों के खातों से लाखों रुपए निकाल लिया गया था। इन किसानों का खाता जिला सहकारी बैंक में है। बैंक ने उन्हें एटीएम जारी किया लेकिन, मिला ही नहीं और न ही उन्होंने बैंक से रकम निकाली है। फिर भी उनके खाते से रकम निकल गई। किसानों ने इस मामले की शिकायत जिला सहकारी बैंक के सीईओ से की थी। तब से मामले की जांच चल रही है। इस दौरान पुलिस तक मामला पहुंचा, लेकिन दो साल तक मामले को दबाए बैठी रही। जिला सहकारी बैंक में हुई इस गड़बड़ी की शिकायत की जांच की गई। प्रारंभिक जांच में अफसरों ने जिन कर्मचारियों को जवाबदारी दी थी। उन सभी आठ कर्मचारियों को निलंबित कर दिया। बाद में कई निलंबित कर्मचारियों ने अपने आप को निर्दोष बताया और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की। उनका कहना था कि उनसे किसानों के खातों में रकम वापस करने के लिए दबाव बनाया गया। जबकि उन्होंने गड़बड़ी ही नहीं की थी। उनका यह भी कहना था कि जिन कर्मचारियों ने रकम निकाला है और गड़बड़ी की है। उनके खिलाफ कार्रवाई की जाए और उनसे रकम की वसूली की जाए।गुरुवार को महिला कर्मी हर्षिता पटेल को पकड़ने के लिए पुलिस जिला सहकारी बैंक गई थी। लेकिन जब वह बैंक में नहीं मिली, तब पुलिस ने उसके घर में दबिश दी। महिला को पकड़कर पुलिस बैंक लेकर आई और पूछताछ कर उसके बताए अनुसार कम्प्यूटर और दस्तावेजों को किया। टीआई जेपी गुप्ता ने बताया कि जांच में महिला कर्मी हर्षिता पटेल की भूमिका संदिग्ध पाई गई है। इसके साथ ही सहयोगी कर्मचारी पल्लव चक्रवर्ती भी इसमें शामिल है। मामले की जांच की जा रही है।