छत्तीसगढ़ के स्वास्थ्यमंत्री टीएस सिंहदेव ने कहा है कि राज्य में कोरोना नियंत्रण में है, आने वाले दिनों में भी यहां न लॉकडाउन की जरूरत है न नाइट कर्फ्यू की। श्री सिंहदेव ने यह बात मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ बैठक खत्म होने के बाद मीडिया से चर्चा में कही। उनके इस बयान से हरिभूमि में दो जिन पहले प्रकाशित उस खबर पर मुहर लगी है, जिसमें कहा गया था कि प्रदेश में कोरोना संक्रमण दर औसतन 6 प्रतिशत है। मरीजों के इलाज के लिए प्रदेश में 10 हजार से अधिक बेड खाली हैं।
रायपुर. छत्तीसगढ़ के स्वास्थ्यमंत्री टीएस सिंहदेव ने कहा है कि राज्य में कोरोना नियंत्रण में है, आने वाले दिनों में भी यहां न लॉकडाउन की जरूरत है न नाइट कर्फ्यू की। श्री सिंहदेव ने यह बात मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ बैठक खत्म होने के बाद मीडिया से चर्चा में कही। उनके इस बयान से हरिभूमि में दो जिन पहले प्रकाशित उस खबर पर मुहर लगी है, जिसमें कहा गया था कि प्रदेश में कोरोना संक्रमण दर औसतन 6 प्रतिशत है। मरीजों के इलाज के लिए प्रदेश में 10 हजार से अधिक बेड खाली हैं। नहीं लगेगा लॉकडाउन या नाइट कर्फ्यू रायपुर में एक साथ बड़ी संख्या में मरीज मिलने को लेकर स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि जहां ज्यादा कोरोना पॉजिटिव मिल रहे हैं, उसे कंटेंनमेन जोन बनाया जा सकता है। कलेक्टर इसका निर्णय लेंगे। मैनपाट में इस तरह की स्थिति बन रही है। देश या प्रदेश में लाकडाउन के सवाल पर स्वास्थ्य मंत्री ने साफ किया है कि छ्त्तीसगढ़ में फिलहाल लॉकडाउन या नाइट कर्फ्यू की जरूरत नहीं है। प्रदेश में कोरोना की स्थिति कंट्रोल में है।
प्रदेश में 6 फीसदी औसत संक्रमण देश-दुनिया के अलग-अलग हिस्सों में ठंड बढ़ने के साथ ही कोरोना के फैलाव की आशंका बढ़ रही है। जहां तक छत्तीसगढ़ का सवाल है, यहां भी लोगों में आशंका बढ़ना स्वाभाविक है, लेकिन हरिभूमि ने दो दिन पहले प्रकाशित खबर में ही यह जानकारी दी थी, प्रदेश में कोरोना नियंत्रण में है, यहां औसत संक्रमण की दर केवल 6 प्रतिशत है। प्रदेश में कोरोना वायरस के फैलाव के दौरान ही मरीजों को भर्ती रखकर इलाज करने के लिए व्यापक स्तर पर व्यवस्था की गई है। प्रदेश में कोरोना मरीजों की संख्या नियंत्रित होने का ही असर है कि कोरोना मरीजों के लिए बनाए गए हजारों से अधिक बेड खाली हैं। वर्तमान में प्रदेश में रोजाना 20 से 23 हजार लोगों की जांच हो रही है और उसमें सामने आने वाले मरीजों की संख्या औसत 18 सौ से 2000 के बीच है। इनमें से आधे से अधिक के होम आइसोलेशन में जाने की वजह से अस्पतालों में किसी तरह का दवाब नहीं है। स्वास्थ्य विभाग के सूत्रों के मुताबिक शुरुआती दौर में संक्रमितों के इलाज के लिए खोले गए कोविड सेंटरों को बंद करने के बाद भी प्रदेश के शासकीय और निजी अस्पतालों तथा अन्य डेडिकेटेड अस्पतालों को मिलाकर 14 हजार से ज्यादा बेड खाली हैं।
पीएम को दी गई है ये जानकारी छत्तीसगढ़ की स्थिति को लेकर प्रधानमंत्री को दी गई जानकारी में कहा गया है कि कोरोना को लेकर प्रदेश में हालात नियंत्रण में हैं। छत्तीसगढ़ की जनता के लिए जल्द से जल्द वैक्सीन हमने प्रधानमंत्री से मांगी है। देश और दुनिया में वैक्सीन अलग-अलग स्तर पर ट्रायल की जा रही हैं। सर्वाधिक विश्वसनीय वैक्सीन पर लगातार सरकारें नजर बनाई हुई हैं। डब्ल्यूएचओ भी इसकी मॉनिटरिंग कर रहा है। वैक्सीन आने और सभी तक पहुंचने की प्रक्रिया में लगभग 1 साल लग सकता है। तब तक लोगों को मास्क का उपयोग करना ही होगा। सोशल डिस्टेंसिंग और हैंड हाईजीन का पालन करना ही होगा।