हजारों टन कोयले की हो रही चोरी ,केवल प्यादे ही चढ़ रहे पुलिस के हत्थे ,बेख़ौफ दर्जनों क्षेत्रों से हजारों ग्रामीणों के जरिए करा रहे कोयला चोरी
हसदेव एक्सप्रेस न्यूज कोरबा । एक तरफ जहां देश के ताप विद्युत संयत्रों में कोयला संकट गहराया हुआ ,देश के आधे से अधिक राज्य बिजली संकट से जूझ रहे हैं । रेलवे सैकड़ों ट्रेनों को रद्द कर कोयला परिवहन के लिए रैक खाली करा रही है । वहीं देश की उर्जानगरी के रूप में विख्यात कोरबा में एसईसीएल पुलिस प्रशासन की विफलता के चलते हजारों टन कोयले कि चोरी हो रही। कोयला ,कबाड़ ,डीजल चोरी के अवैध कारोबार पर अंकुश लगाने की मुख्यमंत्री द्वारा दिए गए फरमान परवान नहीं चढ़ सका।
देश की उर्जानगरी के रूप में विख्यात कोरबा को काले कारोबारियों की नजर लग गई है। कोयला ,कबाड़ ,डीजल चोरी के अवैध कारोबार पर अंकुश लगाने की मुख्यमंत्री द्वारा दिए गए फरमान परवान नहीं चढ़ रहा । ऐसा कोई दिन हफ्ता नहीं कि कोयलांचल क्षेत्र से कोयला ,डीजल चोरी के मामले सामने न आते हों। आए दिन पुलिस के हत्थे चढ़ रहे कोयला ,डीजल चोर इस दावे को बल दे रहे ।समूचा कोयलांचल कोयला ,डीजल के अवैध कारोबारियों का गढ़ बन गया है। बात करें देश की सबसे अहम जरूरत बन चुके कोयले की तो एसईसीएल कुसमुंडा ,दीपका ,गेवरा ,सराईपाली कोरबा परियोजना के विभिन्न क्षेत्रों जैसे,कुसमुंडा ,हरदीबाजार, मलगांव ,अमगांव,सुराकछार ,बुड़बुड़ ,ढूकुपथरा ,राहाडीह ,टेवापारा ,तालापारा कोयला तस्करी का केंद्र बने हुए हैं। कोयला के अवैध कारोबार में लिप्त तस्कर सैकड़ों स्थानीय ग्रामीणों को लालच देकर खदान में उतारकर बेख़ौफ कोयला चोरी करा रहे।अवैध कोयला परिवहन में छोटे से छोटे व बड़े बड़े मालवाहक वाहन भी शामिल रहते हैं। एशिया की सबसे बड़ी खदान में से एक दीपका प्रोजेक्ट के मलगांव में तो बकायदा पुष्पा मूवी की तरह अवैध कोयला की मंडी लगती है। कोयला चोरी का कई वीडियो तक वायरल हो चुका । जिसमें सैकड़ों ग्रामीणों द्वारा चोरी किया गया हजारों टन कोयला का जखीरा नजर आया था। कोयला तस्कर के गुर्गे दिनदहाड़े कोयला चोरी करा रहे। मजाल है कि कोई पुलिस प्रशासन के अधिकारी इसे रोकने की हिमाकत करे। कुछेक मीडियाकर्मियों ने इनकी मांद में घुसकर जब इस काले कारोबार का पर्दाफाश करना चाहा तो कोयला तस्कर ने गुंडा प्रवित्ति अपनाते हुए उन्हें मरणासन्न अवस्था मे पहुंचा दिया था। कुल मिलाकर सामर्थ्यवान खामोश हैं जनता बेबस है।और जो इनके कारनामों को उजागर करने की हिमाकत करे उन्हें ये किसी भी तरह से नुकसान पहुंचाने से पीछे नहीं हटते। ऐसे में प्रदेश के मुखिया भूपेश बघेल की कोयला डीजल,कबाड़ के कारोबार पर नकेल कसने की मंशा कोरबा में तो साकार होती नजर नहीं आती। हां आए दिन कुछ एक छोटे प्रकरणों में कार्रवाई कर पुलिस अपनी पीठ जरूर थपथपा सकती है।

जानें कैसे होती है कोयला चोरी …!
कोयला तस्करी का खेल शाम होते ही शुरू हो जाती है जहां आसपास के मजदूर के द्वारा 30 रुपए प्रति बोरी के माध्यम से कोयला डीपो से चोरी करा कर पिकअप में भरा जाता हैं, जहां 15-20 पिकअप सुराकछार दशहरा मैदान में खड़ा होता है। पिकअप के माध्यम से सीधे एनटीपीसी अगारखार में ट्रक के द्वारा सीधे प्रदेश से बाहर विभिन्न प्रान्तों में सांठगांठ के माध्यम से बिक्री के लिए भेजा जाता हैं। जहां कोल माफियाओं कोयले की अच्छी कीमत मिलती हैं। मुनाफा की सभी संलिप्त विभागों को बकायदा विभाजन भी किया जाता है। यही वजह है कि जिले में कोयला तस्करी नहीं थम रही। । आपको बता दें सुराकछार और कुसमुंडा एरिया में लगभग 1500 से 2 हजार की संख्या में मजदूरों से रोजाना कोयला चोरी कराया जाता हैं, जहां प्रति बोरी 30 रुपये की दर से उनको भुगतान किया जाता हैं। जहां कम से कम एक मजदूर रोजाना एक हजार से 1500 रुपए की कोयला ढोते हैं, इस राशि से सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है कि कोल माफियाओं को 1 दिन में कितने का मुनाफा होता होगा।

घर घर पैदा कर रहे अपराधी

जिस तरह कोयलांचल क्षेत्र में चंद रुपयों का लालच देकर बच्चे बूढ़े जवान को कोयला के अवैध कारोबार में धकेला जा रहा है। उसने वाकई चिंता बढ़ा दी है। कोरबा ,छत्तीसगढ़ का भविष्य अपराध की ओर बढ़ता जा रहा है। जिम्मेदारों को जिम्मेदारी निभानी चाहिए ताकि देश का भविष्य अपराध जगत की ओर उन्मुख न हो । हालांकि वर्तमान परिवेश व कार्यशैली को देखकर यह उम्मीद लगाना भी बेमानी ही साबित होगी।
भाजपा ने लगाए गम्भीर आरोप ,प्रेसवार्ता में प्रदेश उपाध्यक्ष बोले बिना 32 रुपए प्रति टन कमीशन दिए बगैर खदान से नहीं निकलती कोयला गाड़ी
भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश उपाध्यक्ष व पूर्व संसदीय सचिव लखनलाल देवांगन ने
रविवार की देर शाम पत्रकारों से चर्चा करते हुए जिले की कोयला खदानों से आबंटित कोयले के परिवहन के पूर्व भी प्रति टन 32 रूपये की अवैध वसूली का आरोप लगाया था। उन्होंने कहा कि जब तक इस राशि का भुगतान नहीं हो जाता, तब तक कोई भी उद्योग कोयला खदान से कोयला लदान नहीं कर सकता।उन्होंने आरोप लगाया था कि प्रदेश में जब से कांग्रेस की सरकार बनी है, भ्रष्टाचार और अवैध उगाही का सिलसिला चल रहा है। नौकरशाह और असामाजिक तत्व बेखोफ होकर आर्थिक अपराध को अंजाम दे रहे हैं। उन्होंने बताया कि डी. एम. एफ. मद और कोयला क्षेत्र में हो रही अवैध उगाही की शिकायत केन्द्र सरकार से की है।