केजीएफ -3 बना एशिया का सबसे बड़ा ओपनकास्ट कोल माइंस,पुलिस प्रशासन की मौन स्वीकृति ! कोल माफिया बेख़ौफ ,चंद पैसों का लालच देकर हजारों ग्रामीणों को खदान में उतार करा रहे करोड़ों की कोयला चोरी,वायरल वीडियो ने कोयला चोरी रोकने के दावों की खोली पोल ,आईजी ने दिए जांच के आदेश

हसदेव एक्सप्रेस न्यूज कोरबा । आपने कोयले की खान पर आधारित चर्चित फ़िल्म केजीएफ देखा होगा । देश के 121 साल के इतिहास में कर्नाटक के कोलार में मौजूद सोने की खदान में हजारों लोग हाथ से खुदाई कर सोना निकाल लेते थे। कुछ इसी तर्ज पर एशिया की सबसे बड़ी खुली खदान में हजारों लोग इन दिनों कोयला माफिया के चंगुल में फंसकर चंद रुपयों की लालच में कोयला खदान में उतरकर अपने जान जोखिम में डालकर प्रतिदिन खदानों से करोड़ों रुपए का कोयले पार कर कोयला माफियाओं को पहुंचा रहे। नराइबोध एवं रलिया खदान के पास हो रही कोयले की चोरी के वायरल वीडियो ने एसईसीएल सहित पुलिस -प्रशासन के कोयला चोरी रोकने किए गए पुख्ता इंतजाम के दावों की पोल खोलकर रख दी है । वीडियो वायरल होने के बाद आईजी रतन लाल डांगी ने जांच के आदेश दिए हैं।

यहाँ बताना होगा कि छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने प्रदेश में कोयला कबाड़ ,डीजल एवं रेत चोरी के काले कारोबार पर अंकुश लगाने कलेक्टर एसपी को आवश्यक कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। मुख्यमंत्री ने स्पष्ट तौर पर सभी जिला कलेक्टरों को चेतावनी दी है कि जिले में अपराधिक घटनाओं ,कालाबाजारी की घटनाओं पर अंकुश नहीं लगा पाने पर एसपी की तरह कलेक्टर भी जिम्मेदार होंगे । लेकिन मुख्यमंत्री के आदेशों का जिले में पालन नहीं हो रहा। हाल ही में एशिया के सबसे बड़ी खुली खदान (ओपन कास्ट माइंस) गेवरा में कोयला चोरी की वीडियो वायरल हो रही है। वायरल वीडियो एसईसीएल गेवरा परियोजना के नराइबोध एवं रलिया खदान की बताई जा रही है। जहां जान जोखिम में डालकर कॉल माफियाओं के लिए हजारों ग्रामीण बच्चे बूढ़े जवान खदान में उतर कर कोयला की खुदाई एवं परिवहन कार्य में लिप्त नजर आ रहे हैं। खदान के मुहाने पर खड़े कोल माफियाओं के वाहनों में कोयला लोड करते नजर आ रहे हैं। इस वीडियो ने जहां सिस्टम के कोयला चोरी रोकने पुख्ता प्रबंध किए जाने के दावों की पोल खोलकर रख दी है, वहीं घर घर पैदा हो रहे अपराधी ने शासन की चिंता बढ़ा दी है। देश की उर्जानगरी के रूप में विख्यात कोरबा को काले कारोबारियों की नजर लग गई है। कोयला ,कबाड़ ,डीजल चोरी के अवैध कारोबार पर अंकुश लगाने की मुख्यमंत्री द्वारा दिए गए फरमान परवान नहीं चढ़ रहा । ऐसा कोई दिन हफ्ता नहीं कि कोयलांचल क्षेत्र से कोयला ,डीजल चोरी के मामले सामने न आते हों। आए दिन पुलिस के हत्थे चढ़ रहे कोयला ,डीजल चोर इस दावे को बल दे रहे ।समूचा कोयलांचल कोयला ,डीजल के अवैध कारोबारियों का गढ़ बन गया है।

इन क्षेत्रों में भी हो रही कोयला चोरी

बात करें देश की सबसे अहम जरूरत बन चुके कोयले की तो एसईसीएल कुसमुंडा ,दीपका ,गेवरा ,सराईपाली कोरबा परियोजना के विभिन्न क्षेत्रों जैसे,कुसमुंडा ,हरदीबाजार, मलगांव ,अमगांव,सुराकछार ,बुड़बुड़ ,ढूकुपथरा ,राहाडीह ,टेवापारा ,तालापारा कोयला तस्करी का केंद्र बने हुए हैं। कोयला के अवैध कारोबार में लिप्त तस्कर सैकड़ों स्थानीय ग्रामीणों को लालच देकर खदान में उतारकर बेख़ौफ कोयला चोरी करा रहे।अवैध कोयला परिवहन में छोटे से छोटे व बड़े बड़े मालवाहक वाहन भी शामिल रहते हैं। एशिया की सबसे बड़ी खदान में से एक दीपका प्रोजेक्ट के मलगांव में तो बकायदा पुष्पा मूवी की तरह अवैध कोयला की मंडी लगती है। हां आए दिन कुछ एक छोटे प्रकरणों में कार्रवाई कर पुलिस अपनी पीठ जरूर थपथपा सकती है।