हसदेव एक्सप्रेस न्यूज कोरबा ।महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा संचालित शासकीय बाल संप्रेक्षण गृह(बालक) रिस्दी चौक कोरबा के संचालन में लापरवाही बरतना अधीक्षक को भारी पड़ गया। कलेक्टर श्रीमती रानू साहू ने बाल गृह संचालन के देखरेख और सुरक्षा में लापरवाही बरते जाने के कारण बाल संप्रेक्षण गृह के अधीक्षक विकास सिंह को निलंबित करने के निर्देश जिला कार्यक्रम अधिकारी महिला एवं बाल विकास विभाग को दिए हैं।
महिला एवं बाल विकास विभाग के अधिकारियों की लापरवाही जिले में थमने का नाम नहीं ले रही। कल कटघोरा में संपन्न हुए मुख्यमंत्री कन्या सामूहिक विवाह योजना में जहां डीपीओ द्वारा क्षेत्रीय विधायकों की अनदेखी कर बैनर में उनका नाम फ़ोटो नहीं लगाए जाने की लापरवाही सामने आई थी । कलेक्टर ने डीपीओ एम डी नायक को नोटिस जारी करने के निर्देश दिए थे। वहीं महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा संचालित शासकीय बाल संप्रेक्षण गृह(बालक) रिस्दी चौक कोरबा के संचालन में लापरवाही बरतने का मामला प्रकाश में आया है।4 वर्षीय मासूम की पत्थर से कुचलकर हत्या करने के मामले में विधि से संघर्षरत अपचारी बालक बाल संप्रेक्षण गृह की संचालन एवं सुरक्षा में ढिलाई का फायदा उठाकर एक अन्य बच्चे के साथ भाग निकला। जिसे दोबारा लोगों ने पकड़कर पुलिस के हवाले किया। साथ ही रविवार को रोड में चक्काजाम कर पुलिस की कार्यशैली पर प्रह्नचिन्ह लगाते हुए जमकर आक्रोश जताया । इससे जुड़ी खबरें जैसे ही मीडिया के जरिए वायरल हुई। कलेक्टर रानु साहू ने इसे गंभीरता से लिया । उन्होंने इस लापरवाही के लिए अधीक्षक विकास सिंह को निलंबित करने के निर्देश डीपीओ को दिए हैं।कलेक्टर के कड़े तेवर से दो दिन में दूसरी बड़ी कार्रवाई से महिला एवं बाल विकास विभाग में हड़कंप मचा है। आने वाले समय में कलेक्टर मैदानी क्षेत्रों की कार्यप्रणाली एवं संचालित योजनाओं का जमीनी स्तर पर हो रहे क्रियान्वयन का जायजा लेने औचक निरीक्षण करने वाली हैं ऐसे में आने वाले समय में भी इस तरह की बड़ी कार्रवाई देखने को मिल सकती है।
निरीक्षण नहीं करते अधिकारी ,कैसे आए व्यवस्था में सुधार
जिले में महिला एवं बाल विकास विभाग की योजनाएं भगवान भरोसे संचालित हो रही हैं।आँगनबाड़ी केंद्रों के संचालन से लेकर संचालित योजनाओं की स्थिति की सुध लेने न जिले के अधिकारियों को फुर्सत है न ही मैदानी अमलों को। खासकर बच्चों की सुरक्षा से जुड़े संस्थानों की नियमित मॉनिटरिंग कर व्यवस्था का जायजा नहीं लेना घोर लापरवाही को दर्शाता है। यही वजह है कि इस तरह के गम्भीर मामले सामने आ रहे।