दमदार किरदार ,स्वभाव असरदार ,जानिए कैसे किसान पुत्र बने कोरबा एसपी

कोरबा। कहते हैं व्यक्ति का व्यवहार माता पिता द्वारा दिए गए संस्कार के परिचायक होते है। तो जरा सोचिए कितने धन्य होगें वो माता जिन्होने कोरबा एसपी भोजराम पटेल को जन्म दिया होगा। सरल सौम्य और हर दिल अजीज कोरबा एसपी भोजराम पटेल वैसे तो किसी परिचय के मोहताज नहीं है। अपराधियों की नाक में दम करने वाले कैप्टन कूल अपने अच्छे कार्यो को लेकर कोरबा ही नहीं पूरे छत्तीसगढ़ में फेमस हैं । कहते हैं छत्तीसगढियां सबले बढ़ियां….. और हो भी क्यो ना मां छत्तीसगढ़ की झोली में भोजराम पटेल जैसे हीरे जो हैं।

रायगढ़ जिले के तारागांव में जन्मे श्री भोजराम का शुरूआती जीवन काफी संघर्षरत् था। प्रायमरी पास पिता और अक्षर ज्ञान ना होते हुए भी शिक्षा की महत्ता को समझने वाली मां ने गांव के ही प्रायमरी स्कूल में इनका दाखिला करा दिया। किसान परिवार से ताल्लुक रखने वाले श्री पटेल के परिवार के लिए जीविकोपार्जन का मुख्य साधन खेती ही था। चूंकि परिवार में सदस्य ज्यादा थे और आय के स्त्रोत कम इसलिए शुरूआती दिनों इन्हे खाने पीने की समस्या झेलनी पड़ी। श्री पटेल बताते हैं कि जब घर में खाना कम होता था तो उनकी मां दाल या सब्जी में मिर्च अधिक डाल देती थीं, ताकि भूख कम लगे और कम भोजन में ही भूख शांत हो जाए। कहते हैं दो रोटी कम खाओं लेकिन बच्चों को पढ़ाओ कोरबा एसपी भोजराम पटेल के पिता महेशराम पटेल और माता लीलीवती ने इस कहावत को चरितार्थ कर दिया। आर्थिक परिस्थिति ठीक नहीं होने के बाद भी उन्होेने अपने बेटे के लिए जो कुछ किया वो एक आर्दश माता पिता का उदाहरण है।

मां सरस्वती का दामन थामे श्री पटेल ने गांव के स्कूल में ही अपनी प्राथमिक शिक्षा ग्रहण की। इसें बाद आगे की पढ़ाई भी काफी कठिन परिस्थति में पूर्ण की। उसके बाद उसी स्कूल में संविदा स्कूल के पद पर बच्चो को शिक्षित किया। लेकिन जिनको समुद्र की चाहत हो वो कुएं से संतुष्ट कहा होते है। यही कारण था कि श्री पटेल लगातार संघर्षरत् रहे। और अंत में अपनी मंजिल पा ही ली।
श्री पटेल की कहानी फिल्मी तो जरूर है। लेकिन ये सच्ची है। ये कहानी फर्श से अर्श तक की है। श्री पटेल आज के युवाओं के लिए प्रेरणास्त्रोत है। आज इस छत्तीसगढियां लाल के कमाल के किस्से घर घर में सुनाए जाते है। लोग अपने बच्चों को श्री पटेल का उदाहरण देकर कहते हैं कि बनो तो उसके जैसे बनो जो काम में हैं जोरदार, लेकिन स्वभाव एकदम आम।