आकांक्षी जिला कोरबा में सो रहा प्रशासन ,पुलिया के अभाव में ग्रामीणों ने प्रसव पीड़िता को खाट पर उठा कराया उफनती बम्हनी नदी कराया पार , फंड की कमी नहीं फिर भी वनांचल क्षेत्रों के गांव ,पारे -टोले नहीं जुड़ सके बुनियादी सेवाओं से , शहर में थ्री डी पेंटिंग करने डीएमएफ से करोड़ों रुपए फूंक डाले ,देखें विडियो में सिस्टम का सही चेहरा ….

हसदेव एक्सप्रेस न्यूज कोरबा । आजादी के 7 दशक बाद भी आदिवासी बाहुल्य देश के 110 आकांक्षी जिलों में शामिल कोरबा में सड़क एवं पुल पुलिया जैसी बुनियादी सुविधाएं कई क्षेत्रों में नहीं पहुंच सकीं। ग्रामीणों को आज भी बरसात में स्वास्थ्य ,शिक्षा व अन्य सेवाओं का लाभ लेने बरसात में जलमग्नीय पुलिया को पार करना पड़ता है। कुछ ऐसे ही हृदय विदारक नजारा शनिवार को सामने आया जब जिले के सीमावर्ती पोंडी उपरोड़ा के कर्री (तुलबुल)में प्रसव पीड़िता को ग्रामीणों ने खाट (चारपाई)पर लेटाकर 30 मीटर लंबी बम्हनीनदी को पार किया । तब जाकर डायल 112 की मदद से प्रसव पीड़िता को अस्पताल पहुंचाया जा सका।

सत्ता बदली, चेहरे बदले, लेकिन नहीं बदली अभावग्रस्त कोरबा के वनांचल क्षेत्रों की तस्वीर । कोरबा में कई कई दर्जन गांव पारे टोले आज भी ऐसे हैं, जहां आम जनता मूलभूत सुविधाओं से वंचित है। पोड़ी उपरोड़ा तहसील के ग्राम कर्री(तुलबुल) पंचायत इनमें से एक है। जहां की तस्वीर ने सरकार के दावों की पोल खोलकर रख दी है
प्रशासन ग्रामीण क्षेत्रों में विकास को लेकर कई दावे करती है, लेकिन इन इलाकों में परिवहन व स्वास्थ्य सुविधाओं का ही सबसे बुरा हाल है। शनिवार को को कर्री(तुलबुल) गांव में एक महिला को प्रसव पीड़ा हुई, लेकिन एंबुलेंस की सुविधा नहीं मिल सकी। महिला को बम्हनी नदी पार करके 112 तक पहुंचाया गया, नदी पर पुल नहीं होने के कारण 112 नदी के उस पार नहीं जा सकती थी। लिहाजा ग्रामीणों ने प्रसव पीड़िता को खाट पर लाद कर नदी पार कराया। इस दौरान 112 के कर्मचारियों की तत्परता भी देखने को मिली। 112 को कॉल करने पर तत्काल मौके पर पहुंची। तब जाकर महिला को अस्पताल पहुंचाया जा सका।

ग्रामीणों ने की पुल बनाने की मांग

कोरबा के पसान क्षेत्र में कई ऐसे गांव ,बसाहट हैं जो पहुंचविहीन हैं। जहां स्वास्थ्य कर्मी पहुंचते ही नहीं। ग्रामीणों का कहना है कि उनका गांव जिला मुख्यालय से करीब 100 से 120 किलोमीटर दूर है। वहीं पसान अस्पताल के लिए 5 किलोमीटर की दूरी तय करनी पड़ती है। बारिश के समय हालात और भी बदतर हो जाते हैं, मरीजों को नाव के सहारे नदी पार करनी पड़ती है। रात के समय नाव की सुविधा भी नहीं मिल पाती है। ग्रामीणों ने नदी पर जल्द से जल्द पुल बनाने की मांग शासन प्रशासन से की है ।