World AIDS Day 2020: महिलाओं को HIV/AIDS होने पर शरीर देता है 14 चेतावनी, 5 संकेत हैं कॉमन

World AIDS Day: हर साल 1 दिसंबर को वर्ल्ड एड्स डे मनाया जाता है, जिसका लक्ष्य एचआईवी इन्फेक्शन के प्रसार के कारण होने वाली महामारी एड्स के बारे में जागरूकता बढ़ाना है। एचआईवी/एड्स एक खतरनाक बीमारी है। डब्ल्यूएचओ के साल 2017 के एक आंकड़े के अनुसार, इस जानलेवा बीमारी से लगभग 36.9 मिलियन लोग पीड़ित हैं।

वर्ल्ड एड्स डे 2020 थीम

विश्व एड्स दिवस 2020 की थीम ‘एंडिंग द एचआईवी / एड्स पेंड़ेमिक’ यानी एड्स की महामारी को खत्म करना है।’

इस थीम से पता चलता है कि अगर लोगों को एचआईवी के उपचार और रोकथाम के लिए उच्च गुणवत्ता वाली सेवाएं मिलती हैं, तो वो इस पर काबू पा सकते हैं।

इस दिवस को मनाने की शुरुआत 18 मई 1997 को उस समय हुई, जब अमेरिकी राष्ट्रपति बिल क्लिंटन ने मॉर्गन स्टेट यूनिवर्सिटी में एक भाषण में अगले एक दशक के भीतर विज्ञान और प्रौद्योगिकी में प्रगति को देखते हुए एड्स वैक्सीन विकसित करने के लिए नए लक्ष्य निर्धारित किए। उन्होंने कहा था कि एड्स को केवल एक प्रभावी वैक्सीन रोकने और इसके खतरे को समाप्त कर सकती है।

एड्स के कारण

असुरक्षित यौन संबंध योनि या गुदा मैथुन (या मुख मैथुन अगर आपके मुंह में कट या खराश है) तो संक्रमित साथी से एचआईवी होने का खतरा बहुत बढ़ जाता है।

संक्रमित सुइयों, सीरिंज या ड्रग उपकरण का उपयोग करने से भी एचआईवी प्रेषित हो सकता है। अधिकांश महिलाएं को योनि सेक्स के दौरान एचआईवी होता है, हालांकि एनल सेक्स से भी एचआईवी हो सकता है।

महिलाओं में एचआईवी के लक्षण

एचआईवी के लक्षण अलग-अलग मामलों में अलग-अलग हो सकते हैं। किसी महिला को संक्रमण होने पर लक्षण 2-4 सप्ताह में नजर आ सकते हैं। अक्सर इन लक्षणों को एचआईवी के बजाय एक सामान्य सर्दी या फ्लू समझा जाता है। एचआईवी संक्रमण वाले लगभग 80 प्रतिशत व्यक्ति फ्लू जैसे लक्षण महसूस करते हैं।

एक्सपर्ट मानते हैं कि कभी-कभी लक्षणों के प्रकट होने में कई साल लग सकते हैं। यही कारण है कि आपके और आपके साथी के लिए यौन संबंध शुरू करने से पहले हमेशा परीक्षण करना बहुत महत्वपूर्ण है। एचआईवी के लिए परीक्षण करवाने से महिलाओं को जल्द इलाज की जरूरत होती है और वायरस के फैलने को रोकने में मदद मिलती है।

एचआईवी और गर्भावस्था

बच्चे के जन्म के दौरान मां से उसके बच्चे में एचआईवी भी फैल सकता है (जिसे पेरिनाटल एचआईवी कहा जाता है) या स्तनपान के माध्यम से हो सकता है। यही वजह है कि सभी गर्भवती महिलाओं की गर्भावस्था के दौरान एचआईवी जांच की सलाह दी जाती है।

गर्भावस्था के दौरान एंटीरेट्रोवाइरल के उपयोग से रोकने में मदद मिल सकती है और जन्म के बाद बच्चे के लिए सिजेरियन और एंटीरेट्रोवाइरल थेरेपी भी है।

महिलाओं में तीव्र एचआईवी के लक्षण

इस चरण में महिलाओं में सबसे आम एचआईवी लक्षणों में शामिल हैं- शरीर पर रैशेष होना, बुखार, गले में खराश, गंभीर सिरदर्द आदि। इस चरण में महिलाओं में कम सामान्य एचआईवी के लक्षणों में शामिल हैं लिम्फ नोड में सूजन, जी मिचलाना, थकान, मुंह में अल्सर, यीट इन्फेक्शन, वैजाइनल इन्फेक्शन, रात को पसीना आना, उल्टी, मांसपेशियों में दर्द और जोड़ों में दर्द होना।