हसदेव एक्सप्रेस न्यूज कोरबा । केंद्र के समान महंगाई भत्ता, एरियर्स सहित विभिन्न मांगों को लेकर राज्य सरकार के कर्मचारी-अधिकारी सोमवार से बेमियादी हड़ताल पर चले गए। आदिवासी बाहुल्य कोरबा जिले में भी पहले ही दिन इसका व्यापक असर दिखा । लगभग सभी विभागों में तालेबंदी की स्थिति नजर आई।जिला कार्यालय कलेक्टोरेट में दफ्तर खुले तो पर तमाम शाखाओं में कर्मचारी दरवाजे में सिटकनी लगा गायब रहे। जिसकी वजह से हड़ताल से अनजान कलेक्टोरेट पहुंचने वाले जरूरतमंद लोगों को बेरंग वापस लौटना पड़ा । वहीं धरना स्थल आईटीआई रामपुर चौक में संघ के पदाधिकारियों ने सरकार के खिलाफ हुंकार भर कर्मचारियों का उत्साह बढ़ाया ।

छत्तीसगढ़ कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन जिला कोरबा के कार्यकारी संयोजक जगदीश खरे ,महिला मोर्चा की अध्यक्ष जे बी करपे के नेतृत्व में आयोजित धरना प्रदर्शन में सभी 52 विभागों के लगभग 75 फीसदी अधिकारी कर्मचारियों ने धरना स्थल में अपनी दो सूत्रीय मांग महंगाई भत्ता एवं गृह भाड़ा भत्ता में बढोत्तरी को लेकर आवाज बुलंद की । उन्होंने कहा कि केन्द्र के समान देय दिनांक से 34% महंगाई भत्ता एरियर्स सहित देने एवं सातवें वेतनमान के अनुरूप गृह भाड़ा भत्ता दिए जाने की प्रमुख मांग को लेकर संघ आंदोलन कर रहा है। प्रदेश के 4 लाख 45 हजार कर्मचारी एवं अधिकारी के साथ राज्य के न्यायायिक सेवा के कर्मचारी सभी जिलों में हड़ताल में हैं। जिसके कारण जिला न्यायालय तक बंद हैं।महिला मोर्चा संघ की जिला अध्यक्ष श्रीमती जे बी करपे ने कहा कि माननीय मुख्यमंत्री जी ने छलावा किया है। कुछ संगठन उनके प्रलोभन में आ गए ,और वो संगठन को तोड़ने का प्रयास कर रहे हैं वो लोग कभी अपने मंसूबों में सफल नहीं होंगे।
उन्होंने कहा कि समुंदर में डूबे हैं तो मोती लेकर रहेंगे।
जो हड़ताल से बाहर हैं वे चिन्हांकित हो रहे
महिला मोर्चा की अध्यक्ष श्रीमती जे बी करपे ने हड़ताल से बाहर रहने वाले अधिकारी कर्मचारियों को दो टूक लहजे में कहा कि जो लोग हड़ताल से बाहर हैं वे चिन्हांकित हो रहे । जब वो हमसे मिलेंगे तो नजरे नहीं मिला पाएंगे। ये संगठन की शक्ति कमजोर करने वाले तत्व हैं पर ये सावधान रहें संगठन कभी नहीं टूटेगा।

ये विभाग हुए प्रभावित
शासकीय कार्यालय कलेक्ट्रेट, पीडब्लूडी, खनिज, पीएचई, शिक्षा विभाग , आदिवासी विकास विभाग ,जल संसाधन , पशु चिकित्सा सेवाएं , कार्यालय कलेक्टर अधीक्षक भू -अभिलेख ,रेशम विभाग ,उपसंचालक पँचायत में तालेबंदी जैसी स्थिति निर्मित रही।वहीं महिला एवं बाल विकास विभाग ,जिला व्यापार एवं उद्योग केंद्र,उपसंचालक समाज कल्याण

नोकरी के लिए मेडिकल बनवाने ,भटकते दिखे पहाड़ी कोरवा

हड़ताल के पहले ही दिन आदिवासी विकास विभाग एवं पशुधन विकास विभाग में नोकरी के लिए आए पहाड़ी कोरवा भटकते दिखे। कदमझरिया के पहाड़ी कोरवा की नियुक्ति स्वछकार सह चौकीदार के पद पर पशुधन विकास विभाग में हुआ है पर जिला अस्पताल से मेडिकल प्रमाण पत्र नहीं बनने के कारण उसे एक सप्ताह से जॉइनिंग नहीं मिल रही। अफसर भी सहयोग नहीं कर रहे।आदिवासी विकास विभाग में भृत्य के पद पर कदमझरिया के ही नत्थूराम पहाड़ी कोरवा की नियुक्ति हुई है पर मेडिकल के अभाव में वो भी भटकते नजर आया। उन्होंने भी कहा कि न जिला अस्पताल न सम्बंधित विभागों से सहयोग मिल रहा। वे गरीब व कम पढ़े लिखे हैं प्रक्रिया नहीं मालूम एक सप्ताह से परेशान हैं।