कटघोरा वन मंडल के पाली रेंज में ग्रीन इंडिया मिशन चढ़ी भ्रष्टाचार की भेंट,पांच करोड़ के काम में कर दिया सवा करोड़ अधिक भुगतान ,10 प्रतिशत तक पौधे जीवित नहीं बचे ,3 सदस्ययीय समिति ने पकड़ी गड़बड़ी ,नपेंगे तत्कालीन डिप्टी रेंजर मृत्युंजय शर्मा ,शासन को कार्रवाई की अनुशंसा ,जल्द होगी एफआईआर!

कोरबा।भ्रष्टाचार के आकंठ में डूबे कटघोरा वन मंडल में गड़बड़ी का एक और मामला सामने आया है । पाली रेंज में 7 वर्ष पूर्व ग्रीन मिशन इंडिया के तहत कराए गए कार्यों में 1 करोड़ 38 लाख 14503 रुपए का अधिक भुगतान कर शासन को आर्थिक क्षति पहुँचाई गई है । यही नहीं मौके पर 10 प्रतिशत पौधे भी जीवित नहीं बचे। राज्य स्तर से प्रकरण की जांच के लिए गठित 3 सदस्ययीय समिति ने यह गड़बड़ी पकड़ी है। टीम ने प्रकरण में तत्कालीन डिप्टी रेंजर सह प्रोजेक्ट सचिव (वर्तमान में रेंजर चैतमा)मृत्युंजय शर्मा को जिम्मेदार ठहराते हुए वसूली की अनुशंसा की है। साथ ही राज्य कार्यालय से प्रकरण में जल्द एफआईआर भी दर्ज कराए जाएंगे।

जानकारी अनुसार पाली रेंज में वन क्षेत्र का विकास करने के लिए ग्रीन इंडिया मिशन के तहत लगभग 5 करोड़ रुपए की मंजूरी मिली थी। इसके तहत 7 वन प्रबंधन समितियों का चयन किया गया था। पाली रेंज के तत्कालीन डिप्टी रेंजर मृत्युंजय शर्मा को समितियों का सचिव बनाया गया था। इन समितियों में पौधरोपण के बाद सुरक्षा घेरा, आरसीसी पोल बारबेड वायर फेंसिंग, लाइव फेंसिंग निर्माण कार्य, पौधा अंगीकरण कार्य, बोल्डर चेक डैम निर्माण कार्य, पक्का चेक डैम निर्माण कार्य, तालाब निर्माण कार्य, रोपण कार्य, ठूंठ कटाई व सफाई कार्य कराया जाना था। इस कार्य में 4 करोड़ 51 लाख 40 हजार रुपए खर्च बता दिया गया । इन कार्यों का सत्यापन करने पर भारी गड़बड़ी सामने आई है। शिकायत मिलने के बाद मुख्य वन संरक्षक बिलासपुर ने सहायक वन संरक्षक वायपी डडसेना की अध्यक्षता में जांच टीम बनाई थी। जिसमें सहायक वन संरक्षक कार्य योजना वन मंडल बिलासपुर विवेक चौरसिया और बिलासपुर के एसडीओ सुनील बच्चन सदस्य थे। जब 3 सदस्यीय टीम ने जांच की तो एक करोड़ 38 लाख 14503 रुपए अधिक भुगतान करना पाया गया। यही नहीं मौके पर 10 प्रतिशत पौधे भी जीवित नहीं मिले । जांच टीम ने भारी गड़बड़ी पाए जाने का उल्लेख करते हुए रेंजर मृत्युंजय शर्मा के खिलाफ कार्रवाई करने और एक करोड़ 38 लाख 14503 रुपए की वसूली करने अनुशंसा की है।

नियमों की नहीं रही परवाह ,जेसीबी से कराया तालाब निर्माण ,अनुमति भी नहीं ली

जांच में पाया गया कि तालाब का निर्माण जेसीबी से कराया गया है इसमें हाईवा , ट्रैक्टर , पानी टैंकर और रोलर का उपयोग किया गया है। लेकिन सक्षम अधिकारी से इसकी अनुमति ही नहीं ली गई। यही नहीं जांच टीम ने जब माप पुस्तिका मांगी तो रेंजर ने प्रस्तुत ही नहीं किया।

ऐसी मनमानी ,जंगल से बोल्डर, रेत इकट्ठा कर बना दिया चेकडेम

जांच में यह भी पाया गया कि पक्का चेकडेम निर्माण के लिए सामग्री खरीदी करना बताया गया है। लेकिन स्थल सत्यापन में पाया गया कि जंगल से ही बोल्डर और रेत इकट्ठा करके निर्माण करा दिया गया जिसकी गुणवत्ता ठीक नहीं होने से क्षतिग्रस्त पाए गए । यही नहीं उसका कोई उपयोग भी नहीं हो रहा है।

समितिवार की गई अनियमितता 👇

समिति कुल खर्च अनियमितता

कन्हैयापारा – 85,24630 – 30.35482

चनवारीपारा -15,81226 -4,92284

कोड़ार – 86,02,223 – 24,80331

कर्रा नवापारा- 13,52990 -7, 05883

कर्रा नवाडीह – 50,23742 – 18 ,66194

कर्रा परसापानी-48,68214 -17,90885

जमनीपानी- 1,0170335 -34,43444

वर्जन

जांच रिपोर्ट मिल गई ,कार्रवाई के लिए शासन को लिखा है पत्र

ग्रीन इंडिया मिशन के कार्यों की जांच रिपोर्ट मिल गई है। जांच रिपोर्ट के आधार पर राज्य शासन को कार्रवाई के लिए पत्र लिखा है।

राजेश चंदेले ,सीसीएफ बिलासपुर

वर्जन

अधिकारी , गांव वालों से पूछें मैं तो अपना काम करके चला गया ,मैं तो सही ही है बोलूंगा

6-7 साल पुराना मामला है ,क्या है जांच में अधिकारी बताएंगे आप उनसे पूछें। मैं तो अपना काम करके चला गया हूँ । मैं तो सही है ही बोलूंगा , गांव वालों से पूछेंगे तो बताएंगे।

मृत्युंजय शर्मा ,डिप्टी रेंजर चैतमा