किसानों के भारत बंद को अन्ना का समर्थन, रखेंगे मौन व्रत

नई दिल्ली। केंद्र सरकार के तीन कृषि कानूनों ( Protest Against Agricultural laws ) के विरोध में मंगलवार आठ दिसंबर को बुलाए गए भारत बंद ( Bharat Bandh ) का अन्ना हजारे ( Anna Hazare ) ने समर्थन किया है। भारत बंद के दौरान अन्ना हजारे कृषि कानूनों के विरोध स्वरूप मौन व्रत रखेंगे। आपको बता दें कि नए कृषि कानूनों को लेकर सरकार और किसानों के बीच संघर्ष का दौर जारी है। किसान संगठनों ने इन कानूनों को किसान विरोधी करार दिया है। वहीं, सरकार की मंशा इन कानूनों को वापस लेने की बजाए केवल इसमें संशोधन मात्र करने की है। लेकिन किसानों ने साफ कर दिया है कि कृषि कानूनों की वापसी से कम पर कोई समझौता नहीं किया जा सकता। इस बीच किसान संगठनों ने 8 दिसंबर यानी मंगलवार को भारत बंद का ऐलान किया है।

गौरतलब है कि साल 2011 और 2012 के बीच अन्ना हजारे ने भ्रष्टाचार के खिलाफ इंडिया अगेंस्ट करप्शन आंदोलन को लीड किया था। इस आंदोलन ने कांग्रेस ने यूपीए सरकार का काफी नुकसान पहुंचाया था। जिसके चलते यूपीए सरकार 2014 के लोकसभा चुनावों में बड़ी हार का सामना करना पड़ा था। अन्ना हजारे के इस इंडिया अगेंस्ट करप्शन मूवमेंट में अरविंद केजरीवाल, योगेंद्र यादव और प्रशांत भूषण जैसे लोग शामिल हुए थे।

आपको बता दें कि कृषि कानून के विरोध में 8 दिसंबर को भारत बंद का एलान किया गया है। ये आंदोलन सुबह से शाम तक रहेगा, लेकिन सुबह 11 बजे से 3 बजे तक जाम रहेगा। इसे अधिकतर संगठनों द्वारा समर्थन दिया जा रहा है। सिंघु बॉर्डर पर पंजाब के किसान नेताओं ने भारत बंद को लेकर प्रेस वार्ता की। इस प्रेस वार्ता में साफ कर दिया गया है कि पूरे देश में भारत बंद शांति पूर्ण तरीके से किया जाएगा। भारत बंद के दौरान सभी इमरजेंसी सेवाएं चालू रहेंगी। शादी एम्बुलेंस पर कोई रोक नहीं होगी। वहीं दूध, फल, सब्जी और अन्य वस्तुओं पर पूरी तरह से पाबंदी रहेगी।

किसान नेताओं ने ये भी साफ कर दिया है कि किसी व्यक्ति पर जोर जबरजस्ती या धक्का मुक्की नहीं कि जाएगी। साथ ही किसान नेताओं ने अपील की है कि भारत बंद में हर कोई अपना समर्थन दे। किसान नेता द्वारा ये भी साफ कर दिया गया है कि हमारा विरोध पंजाब तक सीमित नहीं है। दुनिया भर के नेता हमें अपना समर्थन दे रहे हैं।