रहस्यों से भरे प्रथम ज्योतिर्लिंग सोमनाथ ,द्वारिका ,नागेश्वर ,अक्षरधाम ,माउंट आबू ,पुष्कर,जल महल ,हवा महल ,सहित दर्जनों दर्शनीय धार्मिक स्थलों का 300 श्रद्धालुओं के जत्थे ने किया दीदार ,श्री त्रिपुर तीर्थ यात्रा सेवा समिति ने फिर किए सपने साकार

हसदेव एक्सप्रेस न्यूज कोरबा । चंद्र देव द्वारा स्थापित अनोखे रहस्यों से परिपूर्ण धरती के सर्वप्रथम प्रमुख द्वादश ज्योतिर्लिंग सोमनाथ एवं 5 हजार साल पूर्व निर्मित हिंदुओं के आदि शंकराचार्य द्वारा स्थापित चार धामों व पवित्र सप्तपुरियों में से एक भगवान श्री कृष्ण के महिमा से परिपूर्ण समुद्री नगरी द्वारिका का दीदार हर किसी के लिए सपने साकार होने जैसा होता है। लेकिन श्री त्रिपुर तीर्थ यात्रा सेवा समिति का 300 श्रद्धालुओं का जत्था इन पावन धार्मिक स्थलों के साथ नागेश्वर ज्योतिर्लिंग ,पुष्कर एवं माउंट आबू की नयनाभिराम नजारों का दीदार कर सकुशल लौट आया। आस्था एवं उत्साह के साथ इस पवित्र यात्रा में सपरिवार शामिल हुए 4 राज्यों के श्रद्धालु जहां नए अनुभवों के साथ वापस लौटे वहीं इस पावन यात्रा के साथ श्री त्रिपुर यात्रा सेवा समिति के सफल यात्राओं के कारवां में एक और कड़ी जुड़ गई ।

लगातार 16 वर्षों से चार धाम की सुव्यवस्थित शानदार सफल यात्रा कराते आ रही छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल द्वारा श्रवण कुमार और एक्सीलेंट अवार्ड से सम्मानित हो चुकी
श्री त्रिपुर यात्रा तीर्थ सेवा समिति की मंशा
आस्थावान भक्तों की स्थली छत्तीसगढ़ के वयोवृद्ध श्रद्धालुओं को कम राशि पर सर्वसुविधा युक्त तीर्थ यात्रा कराने की रही है। ताकि श्रद्धालुओं के जीवन में सुख समृद्धि यश कृति बनी रहे । वे अपना जीवन धन्य बना सकें। देश के गुजरात राज्य में न केवल चंद्र देव द्वारा स्थापित भगवान शिव के पहले ज्योतिर्लिंग वरन भगवान श्री कृष्ण की महिमा एवं रहस्यों से भरी नगरी द्वारिका की स्थली है। यही नहीं भगवान नागेश्वर भी ज्योतिर्लिंग के रूप में जगत कल्याण के लिए स्थापित हैं । राजस्थान की पावन धरा पर सृष्टि के रचनाकार ब्रम्हदेव की एकमात्र मंदिर पुष्कर,मनोहारी माउंट आबू जाने की हर किसी की चाह होती है। इन ऐतिहासिक महत्व वाले धार्मिक नगरियों का दर्शन लाभ कराकर त्रिपुर यात्रा सेवा समिति ने 300 श्रद्धालुओं के जत्थों के सपनों को साकार कर दिया । भारत के 4 राज्यों छत्तीसगढ़,मध्यप्रदेश, बिहार एवं झारखंड
के 300 श्रद्धालुओं के जत्थे को स्पेशल ट्रेन के जरिए धार्मिक यात्रा पर लेकर गई श्री त्रिपुर यात्रा सेवा समिति का कारवां 10 अक्टूबर से शुरू होकर 19 अक्टूबर को समापन हुआ। इस दौरान जहां श्रद्धालुओं को चन्द्र देव द्वारा स्थापित धरती के पहले प्रमुख ज्योतिर्लिंग का दर्शन लाभ हुआ वहीं छठवीं शताब्दी से दिशा सूचक तीर के रूप में मंदिर में स्थापित बाण स्तूप (जो यह दर्शाता है कि मंदिर में स्थापित बाण के सीध से दक्षिणी ध्रुव तक कोई अवरोध पर्वत ,शिलाएं नहीं है ) ,महमूद गजनवी के 17 बार आक्रमण कर मंदिर को खंडित कर संपदा लुटे जाने के बाद भी अधिक भव्यता के साथ पुर्नस्थापित सोमनाथ मंदिर सहित अन्य रोमांचकारी रहस्यों से रूबरू हुए । वहीं भगवान श्री कृष्ण के देह त्याग स्थल भालका तीर्थ ,त्रिवेणी संगम में पहुंचकर दर्शन लाभ उठाया। त्रिवेणी संगम में नाव के जरिए समुद्र की सैर का लुत्फ उठाया।यही नहीं अहमदाबाद के अक्षरधाम ,माता वैष्णो देवी मंदिर ,गांधी आश्रम ,बालाजी टेंपल ,कांकरिया मंदिर ,आइकॉन टेंपल में भी त्रिपुर यात्रा ने श्रद्धालुओं के जत्थे को इत्मिनान से दर्शन कराया। यहां से यात्रा का कारवां पावन द्वारिका नगरी पहुंची। यहां द्वारिका मंदिर ,भगवान श्री कृष्ण सुदामा के मिलन की स्थली भेंट (गुजराती भाषा में बेट)द्वारिका पहुंचकर अपना जीवन धन्य बनाया। 20 किलोमीटर से भी अधिक समुद्र को नाव के जरिए पार कर भेंट द्वारिका पहुंचे श्रद्धालुओं का उत्साह बीच के नीले अथाल जलराशि को देखकर दोगुना हो गया। यहां की खूबसूरत वादियों का सभी ने जमकर फोटो सेशन के साथ लुत्फ उठाया। ततपश्चात सुदामा ब्रिज ,रुक्मणी मंदिर ,नागेश्वर ज्योतिर्लिंग ,गोपी तालाब के नयनाभिराम नजारों का भी आनंद उठाया। ततपश्चात यात्रा का कारवां राजस्थान की धरा पहुंची। यहां राजस्थान की पावन धरा पर सृष्टि के रचनाकार ब्रम्हदेव की एकमात्र मंदिर पुष्कर,मनोहारी माउंट आबू ,गुरु शिखर ,आँचल टेंपल ,नक्की लेक ,सावित्री मंदिर ,चित्रकूट धाम ,12घाट ,रेगिस्तान ,कैमल रिसॉर्ट का लुत्फ उठाया। जयपुर में स्टैचू सर्किल ,बिरला मंदिर ,हवामहल ,जंतर मंतर ,जल महल पहुँचे श्रद्धालुओं का जत्था अत्यंत रोमांचित हुआ। सबको त्रिपुर यात्रा सेवा समिति के सौजन्य से देश के ऐतिहासिक सांस्कृतिक धरोहरों को करीब से जानने का अवसर मिला।

श्रद्धालुओं ने कहा सपने हुए साकार ,सेवाओं ने जीता दिल

आनंददायी तीर्थ यात्रा कर लौटे श्रद्धालुओं ने अपने अनुभव साझा किए। छत्तीसगढ़ के बिलासपुर निवासी 50 वर्षीय मनहरण लाल साथी श्रद्धालुओं के जत्थे के साथ धार्मिक यात्रा में शामिल हुए। मनहरण ने कहा कि सोमनाथ ,द्वारिका ,बेट द्वारिका,पुष्कर मंदिर ,माउंट आबू के बारे में सुना था लेकिन श्री त्रिपुर तीर्थयात्रा की बदौलत इतना सुखद यात्रा कर मन प्रफुल्लित हो उठा। उन्होंने कहा कि यात्रा में जिस तरह श्री त्रिपुर तीर्थ यात्रा सेवा समिति ने सेवाएं प्रदान की ऐसा लगा मानो हमें किसी अपनों का सहयोग मिल रहा हो । यात्रियों की पूरी यात्रा के दौरान ख्याल रखा गया। जिसकी बदौलत मोक्ष एवं यश की स्थली पवित्र द्वारिका धाम का हम आनंदपूर्वक यात्रा कर सके।