आंधी से उखड़े तीन 400 केवी लाइन क्षमता के टॉवर की जगह नए टॉवर लगाने 70 कर्मी कर रहे मशक्कत,लगेंगे 25 दिन
,खेदामार (भिलाई),मड़वा की लाइन हुई है प्रभावित

कोरबा। पाली के ग्राम मादन के पास तेज आंधी से गिरे 400 केवी लाइन क्षमता के तीन टावर से ट्रांसमिशन (पारेषण) कंपनी को भारी भरकम क्षति पहुंची है। गिरे हुए तीनों टावर हटाने के साथ नए टावर खड़ा करने की प्रक्रिया पूरी की जा रही है। स्थानीय स्तर पर तकनीकी कर्मियों की संख्या कम होने के कारण विभाग को बाहर से कर्मियों को बुलाना पड़ रहा है। लगभग 70 कर्मचारी इस कार्य में लगेंगे। बिलासपुर व रायपुर से भी तकनीकी कर्मियों को बुलाया जा रहा है, ताकि सुधार कार्य जल्द पूरा किया जा सके।

घटनास्थल का ट्रांसमिशन कंपनी के रायपुर से आए आला अधिकारियों ने जायजा लिया और सुधार कार्य करने आवश्यक निर्देश दिए। रविवार से पुराना टावर हटाने के साथ नए टावर खड़ा करने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। लगभग 25 दिन में कार्य पूरा होने की उम्मीद है। घटना में खेदामार (भिलाई) व मड़वा की लाइन प्रभावित हुई है, जिसे अन्य माध्यम से बिजली आपूर्ति की जा रही है। पाली ब्लॉक अंतर्गत ग्राम मादन के पास बलराम पटेल के खेत में गिरे उच्च दाब क्षमता (हाइटेंशन लाइन) के टावर का निरीक्षण करने रायपुर मुख्यालय से ट्रांसमिशन कंपनी के मुख्य अभियता केके भगत, चावड़ा, अतिरिक्त मुख्य अभियंता प्रदीप सोनेकर, बिलासपुर से अधीक्षण यंत्री सीएम बाजपेई समेत अन्य अधिकारी स्थल पर पहुंचे। नुकसान का आंकलन करने के बाद अधिकारियों ने नया टावर खड़ा करने के लिए आवश्यक प्रक्रिया शुरू की। साथ ही तकनीकी कर्मियों को भी बुलाने कहा है, ताकि काम जल्द पूरा किया जा सके। एक अधिकारी ने बताया कि पहले गिरे हुए पुराने टावर को हटाया जाएगा, इससे नया टावर खड़ा करने की जगह बन सकेगी। सामान एकत्र करने के साथ रविवार से काम शुरू होने की संभावना जताई जा रही है। वर्षा, आंधी या किसी तरह की दिक्कत नहीं आती हो तो 25 दिन के अंदर काम पूरा लाइन खींच लिया जाएगा। अधिकारियों ने कहा कि नीचे के एंगल की चोरी करने के कारण टावर नीचे से कमजोर हो गया था और आंधी से टावर गिर गया। मामले की सूचना पुलिस को भी दी गई है। उच्च दाब क्षमता की लाइन होने से हसदेव ताप विद्युत संयंत्र (एचटीपीपी) परिसर स्थित स्वीच यार्ड से जुड़ा हुई है। टावर गिरने से अब लाइन को डायवर्ट कर दिया गया है। बताया जा रहा है कि एचटीपीपी स्वीच यार्ड से एनटीपीसी की भी लाइन जुड़ी हुई है, इसलिए वर्तमान में गिरे हुए टावर की लाइन को एनटीपीसी की लाइन में डायवर्ट कर दिया गया है। इससे रायपुर तक बिजली पहुंच रही है और फिर यहां से ग्रिड के माध्यम से आगे सप्लाई की जा रही है।