धिकारियों का संरक्षण, 7 दिन में सेवा समाप्त नहीं तो जनपद का घेराव…

 9 शिकायतों के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं, अब अध्यक्ष ने दिया अल्टीमेटम


कोरबा कोरबा जनपद पंचायत पिछले महीने तक यहां पदस्थ सीईओ एसएस रात्रे और जनपद उपाध्यक्ष कौशल्या देवी वैष्णव सहित अन्य जनपद सदस्यों के मध्य चल रही खींचतान तथा मनमाने ढंग से चहेते सचिव को अनेक पंचायतों का प्रभार देने के मामले में सुर्खियों में रहा। काफी जद्दोजहद के बाद सीईओ एसएस रात्रे यहां से हटा दिए गए लेकिन जनपद का सुर्खियों में रहना बंद नहीं हुआ बल्कि अब मनरेगा शाखा का बाबू योगेश प्रताप सिंह अंगद का पांव बना बैठा है।
कोरबा जनपद में मनरेगा शाखा में पदस्थ बाबू योगेश प्रताप सिंह बाबू कम ठेकेदार और अधिकारी ज्यादा है। उसके विरुद्ध जनपद उपाध्यक्ष कौशल्या देवी वैष्णव ने शिकायत कर सेवा समाप्ति की मांग की है। अब जनपद अध्यक्ष श्रीमती हरेश कंवर ने कलेक्टर को पत्र लिखकर कहा है कि क्षेत्र के सरपंच-सचिव द्वारा एवं विभागीय स्तर पर पूर्व में कई बार शिकायत हो चुकी है। मनरेगा के कार्यों में योगेश द्वारा ठेकेदारी करना, विभागीय कर्मियों के साथ दुर्व्यवहार, तकनीकी सहायकों द्वारा उसके कहे अनुसार काम न करने पर मानसिक प्रताड़ना देना व नौकरी से निकलवा देने की धमकी, शिकायत करने वाले कर्मचारियों का ट्रांसफर करवा देने जैसे कृत्य किए जाते रहे हैं। उसके विरुद्ध मनरेगा कर्मियों के द्वारा पृथक-पृथक 6 शिकायतें की गई जो वर्ष 2012 से लंबित हैं। जिला पंचायत द्वारा दिया गया जांच आदेश 5 अगस्त 2019 में कार्रवाई निरंक है। रामपुर के पूर्व विधायक के प्रतिनिधि मोहम्मद आवेश कुरैशी, सरपंच संघ कोरबा जनपद एवं जनपद उपाध्यक्ष की शिकायतों के बाद भी कुछ भ्रष्ट अधिकारियों के संरक्षण से योगेश प्रताप कार्रवाई से बचता आ रहा है। मनरेगा में क्षेत्र के कार्य हेतु कुल 4 बाबू की नियुक्ति की गई है जिनमें 3 महिला है। उक्त महिला बाबू को डरा धमकाकर सभी के कार्यभार, मटेरियल भुगतान का कार्य योगेश द्वारा स्वयं किया जाता है। वर्तमान में वह जिला पंचायत कार्यालय में मनरेगा, एनआरएलएम, आरईएस, क्रेडा विभागों से समन्वय जानकारी संकलन के कार्य में पदस्थ है। अपने प्रभाव से जनपद कोरबा से रिलीव नहीं हो रहा है। जनपद अध्यक्ष ने 7 दिन के भीतर योगेश प्रताप सिंह की सेवा समाप्त न करने पर प्रशासनिक उदासीनता के विरुद्धे जनपद कार्यालय का घेराव की बाध्यता बताई है।