बालको में नियोजित ठेका कंपनियों में श्रम कानून का उल्लंघन ,सहायक श्रम आयुक्त ने बालको के सीईओ सहित इन अधिकारियों को थमाया नोटिस

कोरबा। बालको में नियोजित ठेका कंपनी में श्रम कानून का उल्लंघन किया जा रहा है। शिकायत पर सहायक श्रम आयुक्त ने एक्शन लेते हुए बालको के मुख्य कार्यपालन अधिकारी राजेश कुमार सिंह, कारखाना प्रबंधक आर के सिंह सहित मेसर्स एके सिन्हा के ठेकेदार एके सिन्हा को नोटिस थमाया है। सहायक श्रम आयुक्त ने विभिन्न बिंदुओं पर जवाब तलब किया है।

बालकों में नियोजित ठेका कंपनियों में श्रमिकों का शोषण कोई नई बात नहीं है। इसी तरह के मामले में बालको कर्मचारी संघ के महासचिव ने गत दिसम्बर माह में इसकी शिकायत सहायक श्रम आयुक्त से की थी। जिस पर संज्ञान लेते हुए सहायक श्रम आयुक्त ने संबंधितों को नोटिस थमाया है। नोटिस में कहा गया है कि बालको में अधीन नियोजित ठेकेदार एके सिन्हा के द्वारा सिविल कार्य में ठेका कर्मकारों को भविष्य निधि अंशदान ईएआईसी, बोनस, अवकाशों का नगदीकरण सर्विस बेनिफिट एवं न्यूनतम वेतन भी प्रदाय नही किया जा रहा है तथा हाजिरी कार्ड, वेतन पर्ची, सुरक्षा सामग्री इत्यादि प्रदान नही किए जा रहे हैं। तद्संबंध में उक्त संस्थान का निरीक्षण कर ठेका कर्मकारों का बयान एवं दस्तावेज और अभिलेखों का परीक्षण किया गया। जिसमें कई त्रुटियां मिली है। जिसमें ठेकेदार के द्वारा ठेका कर्मकार नियोजन हेतु संविदा श्रमिक अधिनियम 1970 के अंतर्गत धारा 12 (1) सहपठित नियम 21 (1) में अनुपालन अधिकारी से बिना अनुज्ञप्ति प्राप्त किए लगभग 355 ठेका कर्मकार नियोजित किया जाना पाया गया। ठेकेदार के द्वारा अपने अधीन के अधिसूचित नियोजित में लगे ठेका कर्मकार का शासन द्वारा निर्धारित वेतन दर से कम दिया जाना पाया गया है, जो कि न्यूनतम वेतन अधिनियम 1948 के धारा 12 का उल्लंघन है।ठेकेदार के द्वारा कर्मकारों को प्रतिमाह वेतन भुगतान के लिए वेतन पर्ची प्रदाय या जारी नही किया जाना पाया गया जो कि न्यूनतम वेतन अधिनियम 1948 के सहपठित नियम 1958 के नियम 29 (2) का उल्लंघन है। ठेकेदार के द्वारा अतिकाल के अतिरिक्त मजदूरी (ओव्हर टाईम) का भुगतान मजदूरी की समान्य दर का दो गुना मजदूरी का भुगतान नही किया जाना पाया गया जो कि न्यूनतम वेतन भुगतान अधिनियम 1948 के सहपठित नियम 1958 के नियम 27 (ख) का उल्लंघन है। ठेकेदार के द्वारा नियोजित कर्मकार को कार्य प्रारंभ करने से तक बोनस भुगतान नही किया जाना पाया गया है जो कि बोनस भुगतान अधिनियम 1965 के प्रावधानों का उल्लंघन है। ठेकेदार के द्वारा संविदा कार्य प्रारंभ करने आज दिनांक तक नियोजित ठेका कर्मकारों को अवकाश नगदीकरण तथा सर्विस बेनिफिट प्रदान नही किया जाना पाया गया है जो कि औद्योगिक विवाद अधिनियम 1947 के धारा 25 (च) एवं 25 (च च च ) का उल्लंघन है। ठेकेदार के द्वारा कार्य प्रारंभ करने से ही नियोजित ठेका कर्मकारों को सामाजिक सुरक्षा भविष्य निधि अंशदान कटौती एवं स्वयं का अंशदान का जमा कर्मचारी भविष्य निधि संगठनों में जमा नही किया जाना पाया गया है जो कि एक अति गंभीर अपराध प्रतीत होते है। ठेकेदार के द्वारा कर्मचारी राज्य बीमा में नियोजित कर्मकारों के खाते से कटौती की राशि जमा नही किया जाना पाया गया है। नोटिस में सबंधितों को निर्देशित किया गया है कि पत्र प्राप्ति के 05 दिवस के भीतर उपरोक्त पाए गए उल्लंघन, त्रुटि पर स्पष्टीकरण प्रस्तुत करने तथा ठेकेदार के नियोजन के संबंध में संस्थान में कार्य प्रारंभ वर्ष से आबंटित कार्यादेश तथा प्रत्येक माह दायित्वों का निर्वहन स्वरूप सत्यापित उपस्थिति एवं भुगतान पंजी भी अधोहस्ताक्षरकर्ता के समक्ष स्वयं या प्रतिनिधि के माध्यम से प्रस्तुत करने आदेशित किया गया है। अन्यथा वैधानिक कार्यवाही कि जावेगी जिसके लिए वे स्वयं जिम्मेदार होगें।