आचार संहिता की हटी बंदिशें ,अब नार्थ व साऊथ कोल ब्लॉक के आवंटन की प्रक्रिया पकड़ेगी रफ्तार

कोरबा। कोयला आयात की हिस्सेदारी में कमी लाने कैप्टिव के बाद अब कमर्शियल माइनिंग से भी कोल ब्लॉक आवंटित किए जा रहे हैं। इसमें चुनाव आचार संहिता के कारण लगा ब्रेक हट चुका है। इससे नीलामी सूची में शामिल नार्थ व साऊथ कोल ब्लॉक के अलावा छत्तीसगढ़ समेत देश के अन्य कोल ब्लॉकों के आवंटन की प्रक्रिया को पूरा किया जाएगा।

कुछ साल पहले तक कोयला खनन व बिक्री में कोल इंडिया का एकाधिकार था। लेकिन केन्द्र सरकार ने अब कैप्टिव माइनिंग के बाद कमर्शियल कोल माइनिंग को बढ़ावा दिया है। कैप्टिव माइनिंग में जहां कोयले का उपयोग खुद के पॉवर प्लांट के लिए करना होता था, वहीं अब कमर्शियल कोल माइनिंग से कोयले का खनन कर बिक्री का अधिकार दे दिया है। इससे कोल इंडिया का कोल ब्लॉकों को आवंटित कंपनियों के साथ भविष्य में प्रतिस्पर्धा के हालात बनेंगे। साल 2023 में 8 वें दौर के कोल ब्लॉकों की नीलामी सूची में नार्थ करतला व साऊथ कोल ब्लॉक के अलावा छत्तीसगढ़ के अन्य कोल ब्लॉक शामिल नहीं था। लेकिन जब 9 वें दौर में नीलामी सूची के कोल ब्लॉक जारी हुए तो जिले के करतला स्थित दो कोल ब्लॉक भी शामिल कर लिए गए। चूंकि आवंटन की प्रक्रिया के बीच लोकसभा चुनाव के लिए देशभर में आचार संहिता लागू होने से कोल ब्लॉकों की नीलामी प्रक्रिया पर रोक लग गई थी, 4 जून को कोरबा समेत देशभर के लोकसभा सीटों के नतीजे सामने आ चुके हैं। अब चुनाव आचार संहिता के कारण लगा ब्रेक हट चुका है। इसके बाद कोल ब्लॉकों के आवंटन की प्रक्रिया को आगे बढ़ाया जाएगा।

कोल ब्लॉक खोलने का ग्रामीण पहले कर चुके विरोध

करतला में कोल ब्लॉक खोलने का ग्रामीण पहले विरोध कर चुके हैं। बावजूद इसके आवंटन की प्रक्रिया को आगे बढ़ाया है। समृद्ध वन वाले करतला क्षेत्र के दोनों कोल ब्लॉक को मिलाकर 1030 मिलियन टन कोयले का अनुमानित भंडार है। मांड रायगढ़ कोलफील्ड्स में शामिल करतला नार्थ में 690 मिलियन टन और करतला साऊथ में 920 मिलियन टन कोल रिजर्व है। दोनों ही कोल ब्लॉक को माइंस एंड मिनरल डेवलपमेंट एमैंडमेंट (एमएमडीआर) बिल के अनुसार विकसित करने की योजना है।