बांग्लादेश । बांग्लादेश में हालात अब भी सामान्य नहीं हुए हैं। इसी बीच शनिवार को बांग्लादेश के मुख्य न्यायाधीश ओबैदुल हसन और शीर्ष अपीलीय प्रभाग के पांच अन्य जजों ने इस्तीफा दे दिया है। यह कदम ऐसे समय में उठाया गया है जब शेख हसीना के इस्तीफे के बाद सड़कों पर न्यायपालिका में सुधार को लेकर छात्रों का भारी प्रदर्शन चल रहा था।
प्रदर्शनकारियों ने सुप्रीम कोर्ट को घेर लिया था और जजों को इस्तीफा देने के लिए महज दो घंटे का अल्टीमेटम दिया था। हालात को बेकाबू होता देख चीफ जस्टिस ने इस्तीफे का ऐलान कर दिया। इसके बाद सैयद रेफत अहमद को बांग्लादेश के नए चीफ जस्टिस के रूप में नियुक्त किया गया है।
छात्रों ने दिया था अल्टीमेटम
प्रदर्शनकारी शनिवार को सुप्रीम कोर्ट में दाखिल हो गए थे और उन्होंने 65 वर्षीय चीफ जस्टिस को दो घंटे के भीतर यानी कि 1 बजे तक इस्तीफा देने का अल्टीमेटम जारी किया था। इसके बाद जज ने इस्तीफा दे दिया था। कानून, न्याय और संसदीय मामलों के सलाहकार प्रोफेसर आसिफ नजरुल ने बताया कि चीफ जस्टिस का इस्तीफा कानून मंत्रालय तक पहुंच चुका है।। नजरूल ने कहा कि इस्तीफा पत्र राष्ट्रपति मोहम्मद शहाबुद्दीन को भेजा जाएगा।
सुप्रीम कोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल अजीज अहमद भुइयां ने पत्रकारों को बताया कि चीफ जस्टिस के इस्तीफे की घोषणा के बाद उनकी घोषणा के कुछ घंटों बाद, शीर्ष अदालत के पांच अन्य न्यायाधीशों ने कानून मंत्रालय के माध्यम से राष्ट्रपति को अपना इस्तीफा सौंप दिया।
क्यों चीफ जस्टिस का इस्तीफा मांग रहे थे प्रदर्शनकारी
प्रदर्शनकारी शनिवार को सुप्रीम कोर्ट में दाखिल हो गए थे और उन्होंने 65 वर्षीय चीफ जस्टिस को दो घंटे के भीतर यानी कि 1 बजे तक इस्तीफा देने का अल्टीमेटम जारी किया था। इसके बाद जज ने इस्तीफा दे दिया था। कानून, न्याय और संसदीय मामलों के सलाहकार प्रोफेसर आसिफ नजरुल ने बताया कि चीफ जस्टिस का इस्तीफा कानून मंत्रालय तक पहुंच चुका है।। नजरूल ने कहा कि इस्तीफा पत्र राष्ट्रपति मोहम्मद शहाबुद्दीन को भेजा जाएगा।सुप्रीम कोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल अजीज अहमद भुइयां ने पत्रकारों को बताया कि चीफ जस्टिस के इस्तीफे की घोषणा के बाद उनकी घोषणा के कुछ घंटों बाद, शीर्ष अदालत के पांच अन्य न्यायाधीशों ने कानून मंत्रालय के माध्यम से राष्ट्रपति को अपना इस्तीफा सौंप दिया।
क्यों चीफ जस्टिस का इस्तीफा मांग रहे थे प्रदर्शनकारी
प्रदर्शनकारियों का आरोप है कि चीफ जस्टिस बांग्लादेश की पूर्व पीएम शेख हसीना के वफादार हैं। साथ ही प्रदर्शनकारियों की मांग है कि देश की न्यायपालिका का पुनर्गठन किया जाए।।बता दें कि बांग्लादेश में राजनीतिक उथल-पुथल के बाद सोमवार को शेख हसीना ने इस्तीफा दे दिया था और देश छोड़कर भारत चली गई थीं। इसके बाद 84 वर्षीय नोबेल पुरस्कार विजेता मुहम्मद यूनुस ने गुरुवार को अंतरिम सरकार के प्रमुख के रूप में शपथ ली।
हिंसा के डर से छोड़ा पद!
इससे पहले मुख्य न्यायाधीश हसन ने सर्वोच्च न्यायालय के दोनों प्रभागों के सभी न्यायाधीशों के साथ बैठक बुलाई थी। लेकिन, छात्रों के विरोध को देखते हुए मुख्य न्यायाधीश हसन ने बैठक स्थगित कर दी और बाद में कहा कि वह पद छोड़ देंगे। सैकड़ों प्रदर्शनकारी छात्रों के एकत्र होने पर बांग्लादेश सेना के जवानों को सुप्रीम कोर्ट परिसर में तैनात किया गया।।हालात इतने बेकाबू हो गए कि जज को तुरंत इस्तीफा देने पड़े. इसके बाद पुलिस ने प्रदर्शनकारियों से शांति बनाए रखने का आग्रह किया और सरकारी संपत्तियों को नुकसान न पहुंचाने का आह्वान किया।
कौन हैं मोहम्मद यूनुस?
बांग्लादेश के नए प्रमुख बने मोहम्मद यूनुस ऐसे 32वें शख्स बने हैं, जो नोबेल पुरस्कार जीत चुके हैं और अब राष्ट्र प्रमुख की जिम्मेदारी निभाएंगे। इससे पहले पूरी दुनिया में 31 लोग और हैं, जिन्हें नोबेल पुरस्कार भी मिला है और उन्होंने राष्ट्र प्रमुख की भूमिका भी निभाई है।। गरीबों के बैंकर के रूप में पहचाने जाने वाले यूनुस और उनके द्वारा स्थापित ग्रामीण बैंक को 2006 का नोबेल शांति पुरस्कार मिला चुका है।
उन्होंने गांव में रहने वाले गरीबों को 100 डॉलर से कम के छोटे-छोटे कर्ज दिलाकर लाखों लोगों को गरीबी से बाहर निकालने में मदद की थी। इन गरीबों को बड़े बैंकों से कोई मदद नहीं मिल पाती थी। उनके कर्ज देने के इस मॉडल ने दुनिया भर में ऐसी कई योजनाओं को प्रेरित किया. इसमें अमेरिका जैसे विकसित देश भी शामिल हैं।
अमेरिका में यूनुस ने एक अलग गैर-लाभकारी संस्था ग्रामीण अमेरिका की भी शुरुआत की। 84 वर्षीय यूनुस जैसे-जैसे सफल होते गए उनका झुकाव राजनीति में करियर बनाने की ओर बढ़ता चला गया। उन्होंने 2007 में अपनी खुद की पार्टी भी बनाने की कोशिश की। लेकिन जब उनकी इस महत्वाकांक्षा ने बड़ा रूप लेना शुरू किया तब शेख हसीना नाराज हो गईं। हसीना ने यूनुस पर पर ‘गरीबों का खून चूसने’ का आरोप भी लगाया।।